इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए) ने आतंकियों, बदमाशों और ड्रग्स/ हथियार तस्करों के गठजोड़ को नेस्तनाबूद करने के लिए 29 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में 13 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की .
छापेमारी का तीसरा दौर-
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के जिले फाजिल्का, तरनतारन, लुधियाना, संगरूर, मोहाली, हरियाणा के यमुनानगर जिले, राजस्थान के सीकर जिले और दिल्ली/एनसीआर के बाहरी उत्तरी जिले में छापेमारी की गई. भारत और विदेश में आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशीली दवाओं के तस्करों बीच उभरती सांठगांठ को तोड़ने और खत्म करने के मकसद से एनआईए ने अगस्त, 2022 में 2 मामले दर्ज किए थे. एनआईए का छापे और तलाशी का यह तीसरा दौर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में संगठित आपराधियों के सिंडिकेट और नेटवर्क, गैंगस्टरों के आपराधिक और व्यापारिक सहयोगियों, राजस्थान और दिल्ली में स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का हिस्सा है। सितंबर और अक्टूबर में भी एनआईए ने पांच राज्यों में सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.
गोला-बारूद बरामद-
गुरुग्राम के कौशल चौधरी, प्रहलाद पुर दिल्ली के विशाल मान, संगरूर पंजाब के बिन्नी गुर्जर, लुधियाना पंजाब के रवि राजगढ़ और उनके सहयोगियों के घरों/परिसरों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, गोला-बारूद के साथ-साथ आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है। इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी रहेगी।
तस्करी से धन जुटा रहे-
एनआईए को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये गिरोह लक्षित हत्याओं (टारगेट किलिंग) को अंजाम दे रहे थे.ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन भी जुटा रहे थे।
लोगों में डर पैदा किया-
आपराधियों के सिंडिकेट और गैंगस्टरों द्वारा हाल ही में किए गए सनसनीखेज अपराधों और व्यवसायियों, डॉक्टरों सहित पेशेवरों आदि को जबरन वसूली के लिए किए फोन कॉल ने लोगों के बीच व्यापक डर पैदा कर दिया था।
डराने के लिए अपराध का प्रचार-
ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया
(साइबर-स्पेस) का उपयोग कर रहे थे।
विदेशों से गिरोह चला रहे-
जांच से यह भी पता चला है कि इस तरह की आपराधिक वारदात स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थों के तस्करों और नेटवर्क के बीच गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से संचालित हो रहे थे।
कई गिरोह के सरगना और सदस्य भारत से भाग गए थे और वह पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया सहित विदेशों से गिरोह चला रहे हैं।
जेल से साज़िश-
इनमें से अधिकांश साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थी और उन्हें गिरोह के गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया जा रहा था।
लॉरेंस विश्नोई रिमांड पर –
आतंकियों बदमाशों और ड्रग्स/ हथियार तस्करों के गठजोड़ का सरगना लॉरेंस विश्नोई इस समय एनआईए की हिरासत में है.
सिद्धू मुसेवाला की हत्या के आरोपी
लॉरेंस बिश्नोई को एनआईए ने 24 नवंबर बठिंडा जेल से गिरफ्तार किया था.
एनआईए ने अगस्त 2022 में नीरज बवाना, लॉरेंस बिश्नोई समेत अनेक कुख्यात गिरोहों के सरगनाओं पर गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) की धारा में मामले दर्ज किए थे।