पुराने नेताओं पर विवादास्पद टिप्पणी से क्या मिलेगा देश को

सुभाष चंद्र

हाल ही में हमने दो हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चनुव के दौरान रैलियों में नेताआें के बोल सुने। साथ ही दिल्ली नगर निगम चुनाव के दौरान चुनावी चुटकुले और नेताओं के कटाक्ष भी। चुनावी मंचों से किसे कब क्या बोल दिया जाएगा, यह कहना कठिन है। लेकिन, हां, इतना सत्य है कि इसका असर आम जनता पर पड़ती और वो वोट उसी हिसाब से कर देती है। अक्सर यह बदजुबानियां कांग्रेस और भाजपा के बीच हुई है। इस बार गुजरात और दिल्ली के निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी में इसमें कूद गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ‘रावण’ वाली टिप्पणी से विवाद शुरू हो गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दावा किया कि यह टिप्पणी विपक्षी पार्टी की गुजरातियों के प्रति नफरत को द‍िखाती है।

अहमदाबाद शहर के बहरामपुरा इलाके में एक रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सभी चुनावों में लोगों से उनका चेहरा देखकर वोट करने के लिए कहते हैं। खरगे ने कहा क‍ि क्या आप रावण की तरह 100 सिर वाले हैं। खरगे ने सत्तारूढ़ दल पर हमला करते हुए कहा क‍ि बीजेपी झूठ बोलने में विश्वास करती है। मैंने हाल में कहा था कि मोदी झूठ बोलने वाले ‘बादशाह’ हैं, क्योंकि वह झूठ बोलते रहते हैं। हर साल दो करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? वह कहते थे कि वह विदेशों से काला धन लाकर प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये देंगे। उन्होंने आगे दावा किया कि मोदी उन परियोजनाओं का उद्घाटन करने के शौकीन हैं जो मूल रूप से कांग्रेस द्वारा शुरू की गई थीं।

इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री पटेल ने एक ट्वीट में कहा क‍ि किसी भी विकास के एजेंडे और लोगों के समर्थन के बिना, कांग्रेस गुजरात और गुजरातियों को गाली देने पर उतारू है।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वीर सावरकर पर बयान दिया। अब इस पर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। ताजा खबर यह है कि वीर सावरकर बयान देने पर राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र के ठाणे में केस दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि पुलिस कभी वक्त हरकत में आ सकती है। यदि राहुल गांधी को रोकने की कोशिश की गई तो भारत जोड़ो यात्रा के बीच बड़ा हंगामा हो सकता है। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की थी। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।

राहुल गांधी की सावरकर पर की गई टिप्पणी का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुजरात में जाकर जवाब दिया। गुजरात के कच्छ में चुनाव प्रचार के दौरान शिवराज ने कहा, राहुल गांधी ने वीर सावरकर का अपमान किया। दो जन्मों के बराबर की सजा मिली जिस शख़्स को, वतन पर सब कुछ न्योछावर करने वाला। आप ऐसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करते हैं, यह देश आपको कभी माफ नहीं करेगा। राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा भड़क गई। पार्टी ने इसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान बताया। पूरे मामले में खास बात यह भी है कि महा विकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस का साथ लेने वाले उद्धव ठाकरे ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया। अब शिवसेना के एक धड़े की अगुवाई कर रहे उद्धव ने राहुल गांधी का बयान सामने आने के बाद कहा, उनकी पार्टी वीर सावरकर का बहुत सम्मान करती है और इस विषय पर राहुल गांधी की टिप्पणी को स्वीकार नहीं करते हैं।

देखा जाए तो जब जब कांग्रेस की ओर से नरेदं्र मोदी को लेकर कुछ विवादास्पद शब्द कहे गए, उसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिला है। राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के लिए विवादास्पद बयान दिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि गुजरात की अस्मिता थी ही नहीं गुजरात का उद्योग व्यवसाय था ही नहीं। नरेंद्र मोदी जी ये अहम और अहंकार रावण का भी नहीं रहा आपका भी नहीं रहेगा।

गुजरात कांग्रेस के सीनियर लीडर मधुसूदन मिस्त्री ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इस चुनाव में उन्हें औकात दिखा देंगे। अहमदाबाद में घोषणा पत्र जारी करने के दौरान नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल करने का ऐलान करते हुए उन्होंने साफ कहा कि इस चुनाव में उन्हें अपनी औकात दिख जाएगी।

इसी साल जुलाई में राहुल गांधी की करीबी कांग्रेस नेता अलका लांबा ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए नालायक बताया है। एक मीम प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड बनाकर ट्वीट करते हुए अलका ने लिखा, “नालायक को कितनी बार कहा था- जुमले-बाजी छोड़ थोड़ी मेहनत कर ले- पर यह किसी एक सुने तब ना– फेल तो होना ही था।” इतना ही नहीं लांबा ने सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। लांबा ने लिखा है कि “उपर से अब ये भी-इसे तो झोला देकर घर से निकाल ही देना चाहिए।”

20 जून, 2022 को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहायन ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में सत्याग्रह के दौरान मंच से प्रधानमंत्री मोदी की तुलना हिटलर से की। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री हिटलर के रास्ते पर चलेंगे तो वह हिटलर की मौत मरेंगे। झारखंड की हेमंत सरकार के खिलाफ ईडी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए सहाय ने कहा कि मोदी जो मदारी के रूप में इस देश में आकर पूरी तरह तानाशाही स्वरूप में आ गया है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने 16 जनवरी को भंडारा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “मैं मोदी को मार सकता हूं और उसे गाली भी दे सकता हूं।” इस वीडियो के वायरल होने के बाद विवाद बढ़ने पर पटोले ने सफाई में एक और विवादित बयान देते हुए कहा कि भंडारा जिले के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान उन्होंने जिस मोदी का उल्लेख किया वह प्रधानमंत्री ना होकर एक स्थानीय गुंडा है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति वहां गिरफ्तार नहीं किया गया है।

इतना ही नहीं, 22 दिसंबर, 2020 को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उन्हें इतिहास का सबसे क्रूर प्रधानमंत्री बताया। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि सूट-बूट वाले फकीर की आंखें कब खुलेंगी? मोदी जी, आप इतिहास के सबसे क्रूर प्रधानमंत्री साबित हुए हैं । आपकी सरकार के हाथ अन्नदाताओं के खून से सने हैं। ज़रा भी नैतिकता बची है तो तीनों काले कानून वापस लीजिए।

और तो और, 16 जनवरी, 2020 को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्‍चिम बंगाल के नॉर्थ परगना जिले के बशीरहाट में एक जनसभा में कहा- ‘मुझे पाकिस्तानी कहकर बुलाया जाता है, आज मैं कहना चाहता हूं कि हां, मैं पाकिस्तानी हूं। आप जो करना चाहते हैं, वो कर सकते हैं … ये देश नरेन्द्र मोदी, अमित शाह के बाप का नहीं है। हिंदुस्तान किसी के बाप की संपत्ति नहीं है।’

गौर करने योग्य यह भी है कि गुजरात में भाजपा 1995 के चुनावों के बाद से सत्ता में है और तभी से हर चुनाव में उसने शब्दों से खेलकर तैयार किए गए अपने नारों से वोट बटोरने का काम किया है। इस बार भी बीजेपी ने एक खास नारा उठाया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियों में अक्सर बोलते हैं- आ गुजरात अमे बनायू छे। ‘इस गुजरात को हमने बनाया है’।गुजरात चुनाव में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कही जाने वाली लाइन ‘इस गुजरात को हमने बनाया है’ (आ गुजरात अमे बनायू छे) को बीजेपी ने अपनी पंचलाइन बना ली है। सोमवार को बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान की शुरुआत इसी नारे के साथ की है। इसके अलावा पार्टी ‘भरोसे वाली बीजेपी सरकार’ (भरोसा नी बीजेपी सरकार) को भी अपना नारा बनाया है, जिसके आधार पर वह मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में है। गुजरात में भाजपा की पहली सरकार 1995 में केशुभाई पटेल के नेतृत्व में बनी थी। गुजरात में यह बदलाव अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन और बाबरी मस्जिद ढांचे के विध्वंस के बाद आया। तब पार्टी ने नारा दिया था, ‘भय, भूख, भ्रष्टाचार मुक्त गुजरात’। भारतीय जनता पार्टी 121 सीटें जीत गई थी।

भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता जो कि पार्टी के लिए नारा गढ़ने में भी माथा खपाते रहे हैं, उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, ‘यह उस समय (1995 का नारा) की परिस्थितियों, सांप्रदायिक दंगे और अहमदाबाद में अब्दुल लतीफ (उस समय का गैंगस्टर) की मौजूदगी पर आधारित था।’ तीन साल बाद ही शंकरसिंह वाघेला की बगावत के चलते बीजेपी को फिर से चुनावों में जाना पड़ा। तब पार्टी ने नारा दिया- ‘बीजेपी का संकल्प: सलामत, समृद्ध, स्वाभिमानी, समरस गुजरात’। इसके बारे में भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, ‘लेकिन, वाघेला प्रकरण के बाद बीजेपी के पक्ष में भावना इतनी मजबूत थी कि किसी जोरदार नारे की जरूरत नहीं थी।’