बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद राज्य में एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

After Jharkhand High Court's harsh remarks regarding Bangladeshi infiltrators, the ruling party and opposition are once again face to face in the state

रविवार दिल्ली नेटवर्क

बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर झारख्ंाड हाईकोर्ट की तलख टिप्पणी के बाद राज्य में एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। हाईकोर्ट ने घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का निर्देश दिया है। होल्ड अप साउंड/वॉयस ओवर बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर झारख्ंाड हाईकोर्ट की तलख टिप्पणी के बाद राज्य में एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। हाईकोर्ट ने घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का निर्देश दिया है। झारखंड के संताल परगना में बांग्लादेशियों की घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा रहा है।

एक जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में पिछले दिनों इस मामले पर सुनवाई हुई। न्यायालय ने साफ तौर पर सरकार को यह निर्देश दिया कि घुस पैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की योजना बनायी जाये।

संताल परगना में घुसपैठ को लेकर भाजपा शुरू से ही आक्रामक रही है। उसने इस मुद्दे को कई बार विधानसभा में भी उठाया है। प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सत्ता के मद में चूर गठबंधन की सरकार को कोर्ट ने आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण सरकार चुप है।

साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा और गोड्डा इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव का मुद्दा स्थानीय भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा ने भी कई बार उठाया है। उनका कहना है कि इन इलाकों में कई बूथों पर एक विशेष समुदाय के मतदाताओं की संख्या अप्रत्याशित तौर पर कई गुणा बढ़ी है। कोर्ट के इस सख्त आदेश पर एक बार फिर राजनीति गरम है। विपक्ष जहां सरकार में शामिल दलों पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रहा है, वहीं सत्ता पक्ष बचाव की मुद्रा में है।

संताल परगना इलाके में बांग्लादेशियों की घुसपैठ अब तक एक पुराना राजनीतिक मुद्दा रहा है। लेकिन अब इस पर हाईकोर्ट की सख्ती से जहां एक ओर इलाके में घुसपैठ पर रोक लगने की उम्मीद जगी है, वहीं घुसपैठियों की पहचान भी हो सकेगी। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।