भजन लाल सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह उदयपुर में आयोजित करने का फैसला एक स्तुत्य पहल…

Bhajan Lal government's decision to hold Republic Day celebrations in Udaipur is a praiseworthy initiative...

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान की भजन लाल शर्मा की भाजपा सरकार ने इस वर्ष राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह दक्षिणी राजस्थान की खूबसूरत झीलों की नगरी उदयपुर में आयोजित करने का फैसला लिया है।

इस फैसले के कारण इस बार 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस का राज्यस्तरीय समारोह प्रदेश की राजधानी गुलाबी नगर जयपुर के स्थान पर झीलों की नगरी उदयपुर में आयोजित होगा। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह उदयपुर के गांधी मैदान स्थित महाराणा भूपाल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।

राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी के बाद विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित करेंगे ।

इससे पहले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उदयपुर की जग प्रसिद्ध सहेलियों की बाड़ी में एट होम का कार्यक्रम आयोजित होगा। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे।राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग और अन्य संबंधित विभागों ने समारोह की तैयारिया शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में भाजपा की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने अपने शासन के दोनों कार्यकालों में प्रदेश में स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस के राज्यस्तरीय समारोह राजधानी जयपुर के स्थान पर प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों पर आयोजित कराने की परंपरा शुरु करवा एक नया इतिहास रचा था। वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जोधपुर,अजमेर, बीकानेर,उदयपुर, कोटा,भरतपुर आदि में राज्यस्तरीय स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह और सरकार की वर्षगांठ के समारोह आयोजित किए गए थे। ऐसा किए जाने से इन संभागीय मुख्यालयों पर विकास के कई कार्य होने के साथ ही इन अंचलों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के उभरने के साथ ही आंचलिक कला,संस्कृति और परंपराओं का संवर्धन करने का महत्वपूर्ण आयाम जुड़ सका था। साथ ही इन अंचलों की जनता को भी इन गौरवशाली समारोह से बहुत ही उत्साह एवं उमंग के साथ सीधे जुड़ने का अवसर भी मिल सका था। राजस्थान की तरह देश के अन्य प्रदेशों में भी राज्यस्तरीय स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह उन प्रदेशों की राजधानी के अलावा अन्य प्रमुख नगरों में आयोजित किए जाते रहे है।

आजादी के बाद जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने राजपुताना के नाम से पुकारे जाने वाले राजस्थान का गठन विभिन्न 22 रियासतों को मिला कर कराया था तब प्रदेश के मेवाड़, वागड़, मारवाड़, बीकाणा, शेखावाटी, हाड़ौती, ढूंढाड़, अजमेरा, बृज से जुड़ी रियासतों का महत्वपूर्व योगदान रहा था। आज राजस्थान न केवल क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है वरन विकास की दृष्टि से भी एक लम्बी छलांग लगा कर बीमारू प्रदेश से देश के विकसीत राज्यों की श्रेणी में शामिल होने की ओर अग्रसर है। यदि हाल ही जयपुर में आयोजित किए गए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट में आए करीब 40 लाख करोड़ के प्रस्ताव जमीन पर उतरे और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मंशा के अनुरुप राजस्थान की अर्थव्यवस्था 5 सालों में दुगनी होकर 350 बिलियन यूएस डॉलर हो जाती है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि राजस्थान देश के सबसे अग्रणी प्रदेश की श्रेणी में शुमार होगा। राजस्थान में आने वाली बाड़मेर तेल रिफाइनरी और पेट्रो कॉम्प्लेक्स के साथ साथ सोलर एवं पवन ऊर्जा पर आधारित उद्योग प्रदेश की दशा और दिशा बदल कर रखने वाले है। खनिज प्रधान राजस्थान पत्थर उद्योग के साथ मार्बल ग्रेनाइट उद्योग में भी देश का अग्रणी प्रदेश है। साथ ही पर्यटन का सिरमौर भी हैं। आजादी से पहले राजपुताना से मध्य एशिया तक सिल्क रूट के माध्यम से अपने व्यवसाय और व्यापार को विकसित करने वाले मारवाड़ी आज पूरे देश और पूरी दुनियां के कौने कौने तक बिखरे हुए है तथा उन क्षेत्रों के चहुमुखी विकास तथा जीडीपी बढ़ानी में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

भजन लाल सरकार द्वारा वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल की तरह इस वर्ष राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह प्रदेश के दक्षिणी अंचल के खूबसूरत उदयपुर नगर में आयोजित करने का फैसला न केवल स्वागत योग्य है वरन एक सराहनीय स्तुत्य पहल भी हैं !!