बोलैंड ने तोड़ा भारत का सपना, ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार जीता वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप क्रिकेट खिताब

भारत को लगातार दूसरी बार उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली :  भारत का वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) क्रिकेट खिताब जीतने का सपना लगातार दूसरी बार टूट गया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओवल में वल्र्ड चैंपियनशिप फाइनल में शुरू के चार दिन गजब का जीवट दिखाया। ऑस्ट्रेलिया द्वारा जीत के लिए दूसरी पारी में रखे 444 रन के पहाड़ के से लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने चौथे दिन तीन विकेट पर 164 रन बनाकर पांचवें दिन भी जोरदार संघर्ष की उम्मीद जगाई थी। अपनी बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी से स्कॉट बोलैंड (3/46) ने पांचवें व अंतिम एक ही ओवर में रंग में दिखे विराट कोहली (49 रन, 78 गेंदे, सात चौके) और रवींद्र जडेजा(0) को आउट कर ऑफ स्पिनर नाथन लॉयन (4/41) के साथ मिलकर भारत की दूसरी पारी पहले सत्र में ही 234 रन पर समेट कर ऑस्ट्रेलिया को 209 रन से जीत दिला पहली बार वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप क्रिकेट खिताब जिता दिया। ऑस्ट्रेलिया का यह नौवां आईसीसी खिताब है। ऑस्ट्रेलिया दुनिया की इकलौती ऐसी टीम है जिसने वन डे विश्व कप (पांच बार), वनडे चैंपियंस ट्रॉफी (दो बार), टी-20 विश्व कप (एक बार) और अब वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप खिताब के रूप में सभी बड़ी आईसीसी ट्रॉफी कम से कम एक बार जीती है। वहीं भारत को लगातार दूसरी बार वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार झेल कर उपविजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा। भारत पिछली बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड से आठ विकेट से साउथम्पटन में हार गया था।

बोलैंड ने रविवार सुबह अंतिम दिन विराट कोहली को स्लिप में स्टीव स्मिथ के हाथों कैच करा उनकी और अजिंक्य रहाणे (46 रन, 108 गेंदें, सात चौके) की चौथे विकेट की 86 रन की भागीदारी को क्या तोड़ा कि भारत की विकेटों की झड़ी लग गई। भारत ने रविवार को पांचवें व अंतिम दिन तीन विकेट पर 164 रन से आगे खेलना शुरू करने के बाद बाकी सात विकेट मात्र 70 रन के भीतर खो दिए। बेशक ऑस्ट्रेलिया के लिए इंग्लैंड में खेले डब्ल्यूटीसी फाइनल में स्थितियां मददगार थी। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के साथ खासतौर पर गेंदबाजों की सराहना करनी होगी कि उन्होंने स्थितियों का पूरी तरह लाभ उठाकर उस पर दबाव बनाए रखा। स्टीव स्मिथ (121) और मैन ऑफ दÓ मैच ट्रेविज हेड (163 ) के शतकों से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रन का विशाल स्कोर बनाने के बाद अजिंक्य रहाणे (89) और शार्दूल ठाकुर (51) के जीवट और किस्मत के सहारे जड़े अद्र्धशतकों के बावजूर उसे पहली पारी में 296 रन पर समेट कर 173 रन की जो बढ़त हासिल की वह इस टेस्ट के नतीजे में निर्णायक साबित हुई। फिर अलेक्स कैरी (66) के अद्र्धशतक से ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी आठ विकेट पर 270 पर समाप्त घोषित कर भारत के सामने जीत के लिए 444 रन का पहाड़ का सा लक्ष्य रखा।

भारत को पांचवें जीत के लिए 280 रन की ओर दरकार थी और दूसरी पारी में उसके सात विकेट बाकी थे। विराट कोहली शनिवार को जिस आत्मविश्वास से बल्लेबाजी करते हुए रहाणे के साथ चौथे विकेट के लिए 71 रन की असमाप्त भागीदारी की थी उससे अंतिम दिन उनसे इसी बढिय़ा ढंग से बल्लेबाजी कर भारत की चुनौती को आगे बढ़ाने की उम्मीद थी। बोलैंड ने बेहद सटीक दिशा के साथ गेंदबाजी की । अंतिम दिन रविवार को सुबह के सातवें ओवर में उनकी तीसरी गेंद ऑफ स्टंप पर पड़ कर तेजी से बाहर निकली और विराट कोहली (49) इसे ड्राइव करने की कोशिश में दूसरे स्लिप में खड़े स्मिथ ने गोता लगाकर बेहतरीन कैच लपक कर उनकी शानदार पारी का अंत किया और उनके इसी ओवर की अंतिम पूर्व गेंद कोण बनाती हुई ऑफ स्टंप से बाहर निकली और इस पर रवींद्र जडेजा (0) ने बल्ला चलाया और विकेटकीपर अलेक्स कैरी ने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। भारत ने अपना चौथा और पांचवां विकेट 179 रन पर खोया।

भारत के पहली पारी के सबसे कामयाब बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (46) ने केएस भरत के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 33 रन जोड़े लेकिन वह मिचेल स्टार्क की गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। नाथन लायन ने शार्दूल ठाकुर (0) को एलबीडब्ल्यू आउट किया जबकि उमेश यादव ने स्टार्क की शॉर्ट गेंद को रक्षात्मक ढंग से खेलने की कोशिश की और गेंद उनके दस्तानों को टकरा कर विकेटकीपर कैरी के दस्तानों में जा पहुंची और भारत ने आठवां विकेट 220 पर खोया। नाथन लायन ने विकेटकीपर भरत (23 रन, 41 गेंद, दो चौके)को ड्राइव करने पर मजबूर कर खुद लपका और फिर मोहम्मद सिराज (1) को बोलैंड के हाथों कैच करा भारत की दूसरी पारी 234 पर समेट कर ऑस्ट्रेलिया को अंतिम दिन लंच से पहले वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 209 रन से जिता पहली बार खिताब जिता