गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान में भाजपा के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नए नवेले मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर प्रदेश में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और प्रतिपक्ष के साथ-साथ अब मीडिया भी टिप्पणियां करने लगा है। विशेष कर शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां के क्रम में राजभवन जयपुर में टेंट तन जाने के बाद भी हो रहे अनपेक्षित विलम्ब को लेकर कई प्रकार की चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो रहा है।
मंत्रीमंडल के विस्तार में विलम्ब होने के जो मुख्य तीन कारण बताए जा रहे है उनमें बुधवार को प्रतिपदा होने से अच्छा मुहूर्त नही होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश भर के विकसीत भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से संवाद के कार्यक्रमों में सभी जन प्रतिनिधियों का व्यस्त रहना बताया जा रहा है। इसके अलावा यह खबर भी आ रही है कि सबसे बड़ा कारण मन्त्रियों के नामों और सूचियों का और उन्हें आवंटित किए जाने वाले विभागों का अब तक फाइनल नही होना बताया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी अब तक मंत्रिपरिषद के प्रस्तावित नामों पर सहमति नही बन पाई है।
पहले खबर थी कि बुधवार 27 दिसम्बर को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के मंत्रीमंडल का विस्तार होंगा। फिर खबर आई कि गुरुवार 28 दिसम्बर को राजभवन जयपुर में शपथ ग्रहण समारोह होंगा लेकिन बुधवार रात तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नही हुई । राज भवन को निमंत्रण पत्र भेजने और शपथ ग्रहण समारोह की अन्य सभी तैयारियां के लिए कम से कम चौबीस घण्टे पहले सूचना दी जाती है लेकिन राज्य सरकार की ओर से राजभवन को अभी तक ऐसी कोई सूचना नही भेजें जाने की कोई सूचना नही होने से लगता है कि गुरुवार को भी शायद ही मंत्रिपरिषद का विस्तार के लिए शपथ ग्रहण समारोह होता नही दिख रहा है।हालाँकि राज भवन के सूत्रों का कहना है कि राज भवन अल्पकालिक सूचना पर भी शपथ ग्रहण समारोह कराने को तैयार है।
भजन मंत्रिपरिषद के विस्तार में शामिल होने की उम्मीद में बैठे विधायकों को अभी भी निमंत्रण का इंतजार हैं। किसी को भी नही मालुम कि मंत्रिपरिषद का विस्तार अब कब होंगा?
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा बुधवार को प्रधानमंत्री के वर्चुअल कार्यक्रम सहित अन्य विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त रहें। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी मंत्रिपरिषद के विस्तार के बारे में पहलें ही कह चुके है कि शपथ विधि कार्यक्रम यथाशीघ्र होंगा और सभी को समय रहते सूचित किया जायेगा।
भजन लाल मंत्रिपरिषद के विस्तार की सम्भावित तिथि बार-बार टलने से राजनीतिक और प्रशासनिक एवं मीडिया आदि चारों ओर कंफूजन का माहौल बना हाँ है और विरोधियों को दस बातें करने का अवसर मिल रहा हैं। फिलहाल मंत्रीमंडल में मुख्यमंत्री शर्मा सहित दो उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और डॉ प्रेम चंद बैरवा सहित कुल तीन मन्त्री हैं। दौ सौ सीटों वाली राजस्थान विधान सभा में नियमानुसार अधिकतम कुल तीस मन्त्रियों में से अब 27 और मन्त्री बनायें जा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि राजस्थान के भजन लाल मंत्रिपरिषद के पहलें विस्तार में आगामी मई महीने में होने वाले लोकसभा आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के मध्य संतुलन बनाने पर विशेष ध्यान देने का प्रयास किया जा रहा है । मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पिछले दिनों नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस बारे में विस्तार से विचार विमर्श किया है। अनुमान है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान के विस्तारित मंत्रिपरिषद में भी अनुभव और युवाओं का सम्मिश्रण देखा जा सकेगा।
राजस्थान में ही नही राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली तक भजन लाल शर्मा मंत्रिपरिषद के विस्तार को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहें है और मन्त्रियों के नामों को लेकर कई नामों और चर्चाओं का बाज़ार गर्म है ।राजस्थान में इस बार भाजपा के चुनाव जीतने वाले 115 विधायकों में सबसे अधिक 39 विधायक अनुसूचित जाति और जनजाति से है ।इनमें से 23 अनुसूचित जाति और जनजाति के 16 विधायक हैं। इसके बाद सर्वाधिक 17 विधायक राजपूत वर्ग से हैं। इसी प्रकार 12-12 विधायक ब्राह्मण एवं जाट जातियों से हैं। इसी तरह इस बार वैश्य वर्ग से 8 भाजपा विधायक चुने गए हैं।साथ ही रावत,नागर-धाकड और कलवी-पटेल समाज के 3-3 तथा विश्नोई ,सैनी, यादव और सिन्धी समाज और अन्य के 2-2 तथा देवासी, राजपुरोहित और जट सिख समाज से 1-1 विधायक विजयी हुए हैं।
भाजपा के इन विधायकों में से 35 से अधिक विधायक मन्त्री पद के दावेदार बताए जा रहें हैं। सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए भाजपा द्वारा मंत्रिपरिषद में अनुसूचित जन जाति के 16 विजयी विधायकों में से पार्टी के कद्दावर मीणा नेता डॉ किरोड़ी लाल मीणा के साथ ही मेवाड़ और वागड़ के आदिवासी क्षेत्र में भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप ) एवं बीटीपी के प्रभाव को रोकने के लिए उदयपुर ग्रामीण के विधायक फूल सिंह मीणा, प्रतापगढ़ से पूर्व मंत्री नन्द लाल मीणा के पुत्र हेमन्त मीणा, सागवाडा (डूंगरपुर ) के विधायक शंकर लाल डेचा और गढ़ी (बाँसवाड़ा ) के विधायक कैलाश मीणा में से किन्ही एक-दौ विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
शर्मा मंत्रीमंडल में अनुसूचित जाति के डॉ प्रेम चंद बैरवा को पहलें ही उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है। इस वर्ग से जीते 23 विधायकों में से पार्टी के अन्य प्रमुख दलित चेहरों मदन दिलावर (रामगंज मंडी,कोटा), जोगेश्वर गर्ग (जालौर), अनिता भदेल (अजमेर दक्षिण), जितेंद्र गोठवाल (खंडार,सवाई माधोपुर), लाला राम बैरवा (शाहपुरा,भीलवाड़ा) , विश्व नाथ मेघवाल(बीकानेर) नौक्षिम चौधरी (भरतपुर जिला) तथा बहादुर सिंह कौली (वेर) में से एक-दो और विधायकों को मन्त्री पद दिया जा सकता है।
इसके अलावा राजपूत समाज के 17 विजयी विधायकों में से योगी बालक नाथ ,महन्त प्रतापपुरी,पुष्पेन्द्र सिंह राणावत, गजेन्द्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़,विश्वराज सिंह मेवाड़, सिद्धि कुमारी, सुरेन्द्र सिंह राठौड़, कल्पना देवी और बाबू सिंह राठौड़ आदि में से कोई मन्त्री पद पा सकते हैं।
ब्राह्मण समाज से स्वयं भजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री है,फिर भी इस समाज से पार्टी के विजयी 12 विधायक में से गोपाल शर्मा,जेठानन्द व्यास, संजय शर्मा , देवेन्द्र जोशी ,सन्दीप शर्मा आदि किसी एक या दो विधायकों के मंत्री बनने के प्रबल दावेदार है।
इसी प्रकार जाट समाज के भी 12 विजयी विधायकों में झाबर सिंह खर्रा,भैरा राम सियोल, जगत सिंह, सुमित गौदारा, अजय सिंह क्लिक आदि के नाम मन्त्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।
जाटों के अलावा ओबीसी और किसान वर्ग से विश्नोई,कलवी-पटेल,धाकड, नागर आदि समाजों से जवाहर सिंह बेडम, डॉ शैलेश सिंह, हंसराज पटेल, पब्बाराम विश्नोई ,उदय लाल भड़ाना आदि में से किसी को मंत्री बनाया जा सकता है।
वैश्य समाज भाजपा का प्रबल समर्थक है। इसके 8 विजयी भाजपा विधायकों में से प्रताप सिंह सिंघवी, लादूँराम पितलिया, जयदीप बिहानी, तारा चंद जैन और दीप्ति माहेश्वरी आदि वे नाम है जो मंत्री पद की सीट पर सवार हो सकते है।
इसके अलावा पश्चिम राजस्थान के राजपुरोहित समाज से छगन सिंह, प्रदेश के कुमावत समाज से जोराराम तथा देवासी समाज से ओटाराम देवासी के नामों की चर्चा है।
सिन्धी समाज से हालाँकि पार्टी के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी को विधान सभा अध्यक्ष बनाया जा चुका है फिर भी अनुभवी और पूर्व में भी मंत्री रहें श्रीचन्द कृपलानी को भी मंत्री पद से नवाज़ा जा सकता है।
इनके अलावा डॉ जसवन्त यादव, कैलाश चंद वर्मा, डॉ हीरा लाल नागर,शत्रुघ्न गौतम, डॉ मंजू माघवार आदि को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता हैं।
इसके अलावा मंत्री बनने से वंचित विधायकों को विधान सभा उपाध्यक्ष,सरकारी मुख्य सचेतक, उप सचेतक अथवा संसदीय सचिव बना कर समायोजित किया जा सकता है।
बताया जा रहा है शर्मा मंत्रिपरिषद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जायेगा। जहाँ तक विभागों के वितरण का सवाल है उनमें गृह और वित्त मन्त्रालय आदि किसे दिया जायेगा,यह देखना दिलचस्प होंगा। मंत्रिपरिषद में केबिनेट मंत्री, स्वतन्त्र प्रभार वाले मंत्रियों के साथ ही राज्य मन्त्री भी बनायें जायेंगे।
देखना है राजस्थान में भजन लाल मंत्रिपरिषद के विस्तार को लेकर लगायें जा रहे इन अनुमानों के अनुसार चर्चाओं में चल रहे नामों में से कितने नेता मंत्री पद की कुर्सी पाने में सफल होंगे?