कांग्रेस प्रत्याशी कर रहे हैं राहुल से अधिक अखिलेश की मांग

Congress candidates are demanding Akhilesh more than Rahul

संजय सक्सेना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के बाद अब अमरोहा में राहुल गांधी और अखिलेश यादव फिर साथ-साथ नजर आयेगें। गाजियाबाद में दोनों ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस की थी अमरोहा में दोनों नेता संयुक्त रैली करेंगे। इसके बाद मथुरा और बुलंदशहर में भी राहुल-अखिलेश को साथ-साथ देखा जायेगा। यहां भी इंडी गठबंधन के तहत कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में हैं। गाजियाबाद,अमरोहा,मथुरा और बुलंदशहर चारों ही संसदीय सीटें गठबंधन के तहत कांग्रेस के हिस्से में आई हैं।कांग्रेस के हिस्से वाली सीटों पर प्रचार के लिये अखिलेश यादव की काफी डिमांड है। इसी के चलते विपक्ष आरोप लगा रहा है कि कांग्रेस को अपने हिस्से की सीटों पर जीत हासिल करने के लिये समाजवादी पार्टी की बैसाखी का सहारा लेना पड़ रहा है जबकि अखिलेश के साथ ऐसी कोई मजबूरी नहीं होगी,वर्ना समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने के लिए भी राहुल गांधी को आगे किया जाता। गाजियाबाद से कांग्रेस की डाली शर्मा और अमरोहा से बसपा से करीब साल भर पहले निकाले गये दानिश अली को मैदान में उतारा है। वहीं मथुरा और बुलंशहर से क्रमशः मथुरा से कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश धनगर और बुलंदशहर से शिवराम वाल्मिकी मैदान में हैं।

Congress candidates are demanding Akhilesh more than Rahul

बात गाजियाबाद की कि जाये तो यहां बीजेपी से अतुल गर्ग, कांग्रेस से डॉली शर्मा और बसपा से नंद किशोर पुंडीर चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला इन तीनों के बीच दिखाई दे रहा है। ये एक हाईप्रोफाइल सीट है, जहां से अब तक बीजेपी 7 बार और कांग्रेस 5 बार चुनाव जीत चुकी है। गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र की आबादी 50 लाख से ज्यादा है। जातिगत समीकरण के मुताबिक यहां की करीब 70 फीसदी आबादी हिंदू है जबकि करीब 25 फीसदी मुस्लिम आबादी है। दलित और मुस्लिम गाजियाबाद में काफी निर्णायक रहा है। जिले में ब्राह्मण, वैश्य, गुर्जर, ठाकुर, पंजाबी और यादव वोटर भी हैं। कांग्रेस से प्रत्याशी डॉली शर्मा ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन तीसरे नंबर पर रही थीं। वह कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने साल 2017 में राजनीति की शुरुआत की थी और पार्टी ने उन पर भरोसा जताया था। उन्होंने निकाय चुनाव भी लड़ा था।डौली के समर्थन में ही पिछलो दिनों राहुल गांधी और अखिलेश ने प्रेस कांफ्रेस की थी,जिसको लेकर तंज भी कसा गया था, क्योंकि प्रेेस कांफें्रस के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश लगातार मीडिया पर दबाव डाल रहे कि मीडिया राहुल गांधी से नहीं अखिलेश यादव से ज्यादा सवाल पूछे। बात यहीं तक सीमित नहीं रही,जब एक पत्रकार ने राहुल गांधी से अमेठी से चुनाव लड़ने से संबंध में सवाल पूछा तो उन्होंने पत्रकार को बीजेपी का नुमांइदा बता दिया और कहा यह बीजेपी का सवाल है।कांग्रेस यूपी में 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है,जिसमें अमेठी और रायबेरली भी शामिल है।

इसी तरह से बात अमरोहा की कि जाये तो 20 अप्रैल को यहां कांग्रेस प्रत्याशी दानिश अली के समर्थन में राहुल-अखिलेश की संयुक्त रैली होगी। बीते 40 वर्षों में यहां से कांग्रेस लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई है। 1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह इस सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद से भाजपा ने तीन, बसपा ने दो, सपा, जनता दल और रालोद एक-एक बार चुनाव जीत चुकी है। 2004 में इस सीट से स्वतंत्र रूप से हरीश नागपाल ने जीत हासिल की थी। बसपा छोड़कर आए कुंवर दानिश अली को अमरोहा से कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा के टिकट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर को 63,248 मतों से हराकर चुनाव जीता था।अमरोहा की पांच विधानसभा सीटों में से घनौरा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर की सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि नौगावां सादात व अमरोहा विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा है।

उप्र में लोकसभा के दूसरे चरण के चुनाव में कांग्रेस अमरोहा, बुलंदशहर व मथुरा तथा गाजियाबाद की सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसीलिए 17 अपै्रल को राहुल और अखिलेश ने गाजियाबाद में संयुक्त रूप से प्रेस कान्फ्रेंस करके उप्र में अपने चुनावी प्रचार को गति दी है। अमरोहा की रैली के बाद प्रदेश कांग्रेस की तरफ से 24 अप्रैल से पहले मथुरा और बुलंदशहर में भी राहुल व अखिलेश का चुनाव प्रचार कार्यक्रम करवाने की कवायद की जा रही है।कांग्रेस ने मथुरा लोकसभा सीट से मुकेश धनगर को प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि मथुरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी मुकेश धनगर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और प्रदेश महासचिव भी हैं. इससे पहले विजेंदर सिंह के नाम की चर्चा चल रही थी. विजेंदर सिंह ने कांग्रेस को झटका देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस ने मुकेश धनगर को टिकट देकर बड़ा दांव चला है. मथुरा लोकसभा सीट में धनगर समाज की करीब दो लाख से ज्यादा वोट है. वहीं, मुकेश धनगर छात्र संगठन और युवा कांग्रेस में भी विभिन्न पदों पर रह चुके हैं. धनगर समाज में मुकेश की अच्छी पैठ है. ऐसे में माना जा रहा है कि धनगर समाज के अलावा मुकेश युवा और महिलाओं को भी साधने का काम करेंगे.

बुलंदशहर में भी कांग्रेस मैदान में है।यहां सें मौजूदा सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी डा. भोला सिंह, आइएनडीआइए की तरफ से कांग्रेस प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि, नगीना के सांसद एवं बसपा प्रत्याशी गिरीश चंद्र समेत छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें, तो भाजपा से डा.भोला सिंह, बसपा से योगेश वर्मा व कांग्रेस से बंसी पहाड़िया मैदान में थे। डा. भोला सिंह ने बसपा के योगेश वर्मा को हराकर जीत हासिल की थी। लगातार तीसरी बार भाजपा से डा. भोला सिंह मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने नगीना सांसद गिरीश चंद पर दांव लगाया है।