गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान में नए मंत्रिपरिषद के विस्तार और विधिवत गठन के साथ नए मन्त्रियों को विभागों का आवंटन करने का काउंट डाउन शुरू हो गया है और उम्मीद है कि आने वाले एक दो दिनों में करीब पन्द्रह नए मन्त्रियों को राजभवन जयपुर में शपथ दिलाई जायेंगी।वर्तमान में मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित मंत्रिपरिषद के तीन सदस्य ही प्रदेश का शासन सम्भाल रहें हैं। विधानसभा में दौ सौ सीटों के मद्देनजर मुख्यमंत्री नियमानुसार तीस मन्त्री बना सकते है लेकिन अभी इनमें से आधे से कुछ अधिक मंत्री बनाने की ही संभावनाएँ है। शेष मंत्री लोकसभा चुनाव के बाद बनाए जा सकते है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कुछ महीनों बाद ही होने वाले लोकसभा आम चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यकता अनुसार मंत्रिपरिषद के विस्तार के साथ ही प्रदेश में सरकारी अमले में भी आमूल चूल परिवर्तन किया जायेगा।मंत्रिपरिषद में विधायकों की वरिष्ठता,क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को ध्यान में रख कर ही फ़ैसलों को अमलीजामा पहनायें जाने की उम्मीद है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के साथ अपने-अपने पदों का कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार नई दिल्ली आयें। नई दिल्ली पहुँचने के बाद तीनों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की।
इसके बाद सीएम शर्मा और दोनों डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में राजस्थान के नए मंत्रिमंडल गठन और संगठनात्मक विषयों को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ गहन विचार-विमर्श किया । करीब दो घण्टे चली इस मेराथन बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में चर्चा की गई तथा इस बात पर ज़ोर दिया गया कि मंत्रिपरिषद के गठन और विधानसभा की ओपचारिक कार्यवाही के साथ ही प्रदेश के सभी नेताओं को बिना थकें लोकसभा चुनाव में एक बार फिर प्रदेश की पच्चीस में से पच्चीस सीटें जीत कर हेट्रिक लगानी है।
इस बैठक में केन्द्र में राजस्थान से भाजपा के मंत्री और राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेतागण ने भाग लिया ।इनमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी,केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी,राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह, उप प्रभारी विजया राहटकर, प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, संगठन मंत्री चन्द्र शेखर, विधानसभा में प्रतिपक्ष के पूर्व नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व उपनेता डॉ सतीश पूनिया आदि नेतागण शामिल हुए लेकिन बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे नही दिखी।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शर्मा ने पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ के साथ जोधपुर हाउस में भी गहन विचार विमर्श किया। हालाँकि राजेंद्र राठौड़ इस बार विधानसभा चुनाव हार गए है लेकिन उन्हें विधान सभा में फ्लोर मेनेजमेंट और मंत्री परिषद में काम का लंबा अनुभव है और वे प्रतिपक्ष नेता रहते हुए भी गहलोत सरकार के खिलाफ़ काफ़ी मुखर रहे है। इस लिहाज़ से नई सरकार को उनकी राय के अपने मायने है।
इसके पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजकीय विमान से रविवार 17 दिसंबर को दोपहर बाद जयपुर से दिल्ली पहुँचें। मुख्यमंत्री शर्मा के साथ उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेम चंद बेरवा भी नई दिल्ली आयें। राजकीय कामकाज अधिक होने के कारण मुख्यमंत्री शर्मा ने विमान में ही कुछ राजकीय कामकाज निपटाए और बाद में मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थानी भाषा में “सजग व सशक्त म्हारौ नयो राजस्थान !” स्लोगन के साथ एक ट्वीट कर एक्स पर लिखा कि आत्मनिर्भर राजस्थान’ के संकल्प की सिद्धि व ‘अंत्योदय’ के प्रण की पूर्णता के लिए मैं निरंतर हर पल-हर क्षण निःस्वार्थ भाव से प्रदेशवासियों की सेवा हेतु पूर्णतः संकल्पित हूं। दिल्ली पहुंचने पर सरकारी अतिथि गृह जोधपुर हाउस में Iअधिकारियों ने उनका गर्म जोशी से स्वागत किया।
इधर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की नई भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय बने सभी बोर्ड,निगम,आयोग, टास्क फोर्स, राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समितियों को भी भंग कर दिया है और इनमें मनोनीत गैर सरकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री शर्मा के निर्देश पर शनिवार रात को राज्य के प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
भजन लाल शर्मा प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनते ही लगातार सक्रिय है और यथासंभव फटाफट फैसले कर रहें है। देखना है वे निकट भविष्य में प्रदेश के समक्ष आने वाली राजनीतिक एवं प्रशासनिक चुनौतियों का सामना कैसे करते है?