प्रो. नीलम महाजन सिंह
आरंभ में ही कॉंग्रेस पार्टी की कर्नाटक में शानदार सफ़लता पर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा तथा भारतीय जनता पार्टी का आम जनता से संबंध टूटना मुख्य कारण रहा है। वास्तव में दक्षिणी भारत पुर्णतः भाजपा मुक्त हो गया है। मैंने समय समय पर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकारों को राजनीतिक धरातल परिस्थितियों का ज्ञान नहीं है।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को गलत राजनैतिक खुफिया जानकारी दी जा रही है। विभिन्न प्रचण्ड नेता होते हुए भी, मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व मे कॉंग्रेस की शानदार जीत का श्रेय राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा को तो जाता ही है; परंतु सोनिया गांधी की बेल्लारी रैली ने लोगों को भावुक कर दिया। बेल्लारी से सोनिया गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने पर, सुषमा स्वराज के विरोध में चुनाव लड़ा था और 3 लाख से अधिक वोटों से शानदार जीत हासिल की थी। इस भावुकता का महत्वपूर्ण प्रभाव, कॉंग्रेस की कर्नाटक जीत पर स्पष्ट है। कांग्रेस 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में स्पष्ट बहुमत से जीती है। इससे पहले हिमाचल, महाराष्ट्र आदि में कॉंग्रेस की जीत हुई थी। बीजेपी की ‘एंटी-इनकंबेंसी’ को कम करने और सत्ता में लौटने की उम्मीदें धराशायी हो गईं, क्योंकि देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडी (एस) की प्रमुख दक्षिणी राज्य में किंगमेकर की भूमिका निभाने का प्रभाव नजर आने लगा। जश्न में डूबे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी और ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमे। ईसीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस को 42.93 प्रतिशत वोट शेयर मिलता है, बीजेपी को 36.17 प्रतिशत वोट शेयर मिलता है जबकि जेडी (एस) को 12.97 प्रतिशत वोट शेयर मिलता है। चन्नापटना से कुमारस्वामी जीते हैं। पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार अपने गृह क्षेत्र हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से पीछे चल रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली कांग्रेस को मतगणना के दौरान 44.4 प्रतिशत मतों से जीत प्राप्त हुई है। कॉंग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। कॉंग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सत्ता हासिल प्राप्त की है। व्यापक रूप से दोनों दलों का यह चुनाव ‘लिटमस टेस्ट’ के रूप में देखा गया था। भगवा पार्टी, राज्य में 34 साल पुरानी सत्ता विरोधी लहर को तोड़ने की उम्मीद कर रही थी, 63 सीटों पर आगे चल रही थी। इस बीच, जद(एस), जिसके किंगमेकर बनने की संभावना है, यदि दोनों राष्ट्रीय दल स्पष्ट बहुमत हासिल करने में विफल रहते हैं, तो वह 22 सीटों पर आगे है। कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता जीतने के लिए तैयारी थी। भाजपा को अपने एकमात्र दक्षिणी बसेरे से बाहर कर दिया गया है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने मतदाताओं द्वारा उनमें दिखाए गए विश्वास के साथ न्याय करने की कसम खाई थी। कांग्रेस के पक्ष में भारी जनादेश देने के लिए कर्नाटक के लोगों को धन्यवाद देते हुए, खड़गे ने जीत के लिए पार्टी कैडर को श्रेय दिया। उन्होंने गांधी परिवार को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया और पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में कन्नडिगाओं से किए गए सभी पांच वादों को पूरा करने का वादा किया। डीके शिवकुमार ने मतदान के बाद पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस का झंडा लहराया। डी. शिवकुमार ने आंसू बहाते हुए जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को धन्यवाद दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, दक्षिण भारत ‘भाजपा मुक्त’ कर्नाटक में कांग्रेस से हार चुकी है। भूपेंद्र बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘पहले हमने हिमाचल प्रदेश जीता और फिर हमने कर्नाटक जीता … वे ‘कांग्रेस मुक्त-भारत’ की बात करते थे, लेकिन अब दक्षिण भारत ‘बीजेपी मुक्त’ है।’ यह ‘जनता जनार्दन’ की जीत है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव का परिणाम खराब प्रशासन के खिलाफ लोगों का फैसला था। “यह ‘जनता जनार्दन’ की जीत है। यह परिणाम दिखाता है कि पिछली सरकार कितनी असक्षम थी,” खड़गे ने कहा। बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों को शाम तक बेंगलुरु पहुंचने का निर्देश दिया गया है और पार्टी सरकार बनाने के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन करेगी। कांग्रेस आलाकमान पर्यवेक्षकों को भेजेगा व उचित प्रक्रियागत, सरकार गठन के लिए का पालन किया जाएगा। अब सभी राजनीतिक दलों को 2024 के लोकसभा चुनावों में कॉंग्रेस का साथ देना चाहिए। सिद्धारमैया ने कहा, “इस चुनाव का परिणाम लोकसभा चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे उम्मीद है कि सभी गैर-बीजेपी दल एक साथ आएंगे और देखेंगे कि बीजेपी हार गई है और मुझे यह भी उम्मीद है कि राहुल गांधी देश के पीएम बन सकते हैं।” ‘ऑपरेशन लोटस’ के लिए कोई गुंजाइश नहीं है”। कर्नाटक का परिणाम, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के खिलाफ जनादेश है। सिद्धारमैया ने कहा कि इससे भाजपा के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ दोहराने की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। सारांशार्थ यह कहना सत्य है कि राहुल गांधी, कर्नाटक चुनाव की जीत उपरान्त राजनैतिक नायक बन कर उभरे हैं। ‘राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं “। कॉंग्रेस को मीडिया से भी प्राचार करने का अवसर नहीं दिया गया। नरेंद्र मोदी सरकार को याद रखना चाहिए कि व्यक्तिगत प्रहारों से चुनाव नहीं जीते जाते। चुनाव जीतने में नीतियों की व्यावहारिकता तथा सामाजिक, आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। कॉंग्रेस को कर्नाटक जीत का लाभ आम चुनावों में सहायक होगा।
(वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, सामरिक अन्तरराष्ट्रीय कूटनीतिक विशेषज्ञ, दूरदर्शन व्यक्तित्व, सॉलिसिटर फॉर ह्यूमन राइट्स संरक्षण व परोपकारक)