- तीन दिसम्बर को ईवीएम मशीने खुलने पर होगी स्थिति स्पष्ट
गोपेंद्र नाथ भट्ट
अगले वर्ष होने वाले लोकसभा के आम चुनाव से पहलें सेमी फाइनल माने जाने वाले देश की पाँच प्रदेशों की विधान सभा चुनावों में मतदाताओं द्वारा किए गए मतदान के बाद हुए सर्वेक्षण के आधार पर विभिन्न मीडिया समूह द्वारा गुरुवार की शाम जारी किए गए एग्जिट पोल्स के परिणामों में राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के मध्य नेक टू नेक फ़ाइट बताई गई है जिसके आधार पर जो दल बहुमत के लिए जरुरी 100 का जादुई आँकड़ा छुएँगा वह अपने प्रतिद्वंदी की सत्ता हासिल करने की संभावनाओं को छूमन्तर कर देगा। राजस्थान विधान सभा की 200 सीटों में से इस बार भी 199 सीटों पर गत 25 नवम्बर को चुनाव हुए थे जिनमें मुख्य रुप से कांग्रेस और भाजपा के मध्य मुक़ाबला हुआ।
सबसे सटीक एग्जिट पोल्स परिणाम का दावा करने वाले आज तक एक्सिस माय के अपने सर्वे में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने की प्रबल सम्भावनाएँ जताई हैं जबकि अन्य एग्जिट पोल्स ने कहा है कि दो प्रदेशों छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना में कांग्रेस और दो राज्यों मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा और एक प्रदेश मिज़ोरम में क्षेत्रीय पार्टी का राज आने की सम्भावना है। एग्जिट पोल्स के परिणामों से कई दिग्गज नेताओं की साँसें हलक में अटक गई हैं।
आज तक एक्सिस माय के अनुमान यदि सही साबित हों जाते है तों राजस्थान में विगत 30 वर्षों की वह परम्परा टूट जायेंगी जिसमें हर पाँच वर्ष में सरकारें बदल जाया करती हैं। इसके बाद यदि पुनः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनती है तों गहलोत,मोहन लाल सुखाडिया के बाद चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड बना लेंगे।
आज तक एक्सिस माय के सर्वे के अनुसार राजस्थान विधान सभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को कुल 42 प्रतिशत और भाजपा 41 प्रतिशत मत तथा अन्य दलों को 17 प्रतिशत मिलने का अनुमान है।
आज तक एक्सिस माय के सर्वे के अनुसार राजस्थान के सात रीजनल ऐरियाज में से शेखावाटी और मेवाड़-वागड़ को छोड़ कर हाड़ौती, अहीरवाल-मेवात, मारवाड़-गोडवाल और जैसलमेर-बीकानेर और ढूँढाड़-जयपुर में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहने वाला हैं।
सर्वे के अनुसार शेखावाटी में भाजपा को 47 तथा कांग्रेस को 44 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि मेवाड़-वागड़ में भाजपा को 40 प्रतिशत और कांग्रेस को 39 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है जबकि मारवाड़-गोडवाल में कांग्रेस को 41 और भाजपा को 40 प्रतिशत, हाड़ौती में कांग्रेस को 39 और भाजपा को 31 प्रतिशत, अहीरवाल-मेवात में कांग्रेस को 40 और भाजपा को 39 प्रतिशत, जैसलमेर-बीकानेर में कांग्रेस को 41 और भाजपा को 39 प्रतिशत और ढूँढाड़-जयपुर में कांग्रेस को 45 एवं भाजपा को 42 प्रतिशत मत पड़ने का अंदाज़ा बताया गया हैं।
सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि इस बार चुनाव में महिलाओं ने कांग्रेस के पक्ष में चार प्रतिशत अधिक मत दिए है। वहीं एससी,एसटी,मुस्लिम आदि मतदाताओं का झुकाव भी कांग्रेस की ओर ही रहा है जबकि भाजपा की ओर उनके परम्परागत ब्राह्मण एवं बनिया के अलावा जाट एवं गुर्जर आदि मतदाताओं का झुकाव रहा हैं।
गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाओं के कारण मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस तथा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के तूफ़ानी दौरों की वजह से मतदाताओं का रुझान भाजपा की ओर रहा हैं।सर्वे के अनुसार प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में भी अशोक गहलोत को सबसे अधिक 32 प्रतिशत लोगों की पसन्द बताया गया है।
पिछलें दो दिनों से राजधानी नई दिल्ली की यात्रा पर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कोषाध्यक्ष अजय माकन से मुलाक़ात के बाद कांग्रेस मुख्यालय पर कहा कि,एग्जिट पोल चाहे कुछ भी कहें, राजस्थान में सरकार कांग्रेस की बन रही है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा 5 राज्यों में से किसी में भी नहीं जीत रही। इस बार राजस्थान में हमारी सरकार दोहराएगी, इसके तीन कारण हैं। पहला कारण यह है कि सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। दूसरा मैरे यानि मुख्यमंत्री के बारे में भी सबकी एक ही राय है। भाजपा के वोटर भी यही कहेंगे कि मुख्यमंत्री ने काम करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। तीसरा कारण प्रधानमंत्री,गृह मंत्री, भाजपा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की भाषा,का सही होना रहा हैं । उनकी भाषा प्रदेश में किसी को पसंद नहीं आई।
अब देखना होगा कि विभिन्न समूहों द्वारा करवाए गए एग्जिट पोल्स तीन दिसम्बर रविवार को किस दल को प्रदेश के सिहाँसन की ओर ले जाएँगे और किन दलों को सत्ता से पदच्युत करेंगे?