किसान खेत में नहीं हारता पर बाजार में हार जाता है : डॉ राजाराम त्रिपाठी

Farmer does not lose in the field but loses in the market: Dr. Rajaram Tripathi

  • “कृषि जागरण-चौपाल” दिल्ली में गरजे डॉ राजाराम त्रिपाठी’
  • बाजार व सरकार दोनों का अनैतिक गठजोड़ पूरी तरह से किसान विरोधी और बेचारा किसान लाचार और बेबस‌ : डॉ राजाराम त्रिपाठी
  • कृषि क्षेत्र में नयी आशा जगाने वाले जादूगर हैं एमसी डोमिनिक : डॉ राजाराम त्रिपाठी
  • कृषि मेंअपना भविष्य ढूंढ रहे देश के लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं डॉ राजाराम त्रिपाठी : डोमिनिक ,

विवेक त्रिपाठी

विगत 27 वर्षों से कृषि क्षेत्र में निर्बाध रूप से कार्यरत कृषि जागरण समूह किसानों के लिए समय समय पर ‘कृषि जागरण- चौपाल’ का आयोजन करती रहती है. इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़ीं कंपनियों के गणमान्य लोग और प्रगतिशील किसान बतौर मेहमान आकर अपने कार्यों, अनुभवों और नवीनतम तकनीकों को साझा करते हैं.

इसी कड़ी में इसी 6 मई को ‘भारत के नम्बर वन-1 किसान ‘मां दंतेश्वरी हर्बल समूह’ के संस्थापक डॉ. राजाराम त्रिपाठी दिल्ली के केजे सभागार में आयोजित इस कृषि जागरण-चौपाल में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए.

“युवाओं के लिए प्रेरणा हैं डॉ. राजाराम त्रिपाठी'”

‘कृषि जागरण-चौपाल’ की शुरुआत करते हुए कृषि जागरण समूह एवं एग्रीकल्चर-वर्ल्ड के संस्थापक एमसी डोमिनिक* ने डॉ. राजाराम त्रिपाठी का गर्मजोशी से स्वागत किया . तत्पश्चात श्री डोमिनिक तथा मैनेजिंग डायरेक्टर साईनी, डोमिनिक, नेशनल बिजनेस हेड ममता जैन, जनसंपर्क अधिकारी पंकज खन्ना आदि देश की जानी मानी हस्तियों के कर कमलों से ‘ककसाड़’ पत्रिका के नवीनतम मई अंक का विमोचन किया गया। अपने संबोधन में कृषि जागरण ग्रुप तथा एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक व प्रधान संपादक श्री डोमिनिक ने कहा कि आज मुझे भारत के सबसे अमीर किसान के साथ मंच साझा करते हुए बड़ा ही गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने अपनी मेहनत से ये सबित किया है कि वह एक सफल किसान के साथ-साथ भारत के सबसे ज्यादा शिक्षित और देश के नंबर वन -1 किसान हैं. इससे भी बड़ी बात क्या है कि वह केवल एक सफल उद्यमी, सर्वोच्च शिक्षित किसान ही नहीं बल्कि देश की एक जानी-मानी विशिष्ट पत्रिका ककसाड़ के विगत दस वर्षों से संपादक भी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि कृषि जागरण समूह का हमेशा से प्रयास रहा है देश की खेती को कैसे और बेहतर किया जा सके. ताकि किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ युवाओं को खेती करने की ओर प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि राजाराम त्रिपाठी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो कृषि में अपना सुरक्षित भविष्य तलाश रहे हैं. उन्होंने ‘किसान’ को एक बड़े रूप में प्रदर्शित किया है और दुनिया को ये बताया है की एक किसान अपनी मेहनत की बदौलत सब कुछ हासिल कर सकता है.

“एक जादूगर हैं एमसी डोमिनिक'”

वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने एमसी डोमिनिक को जादूगर कहकर अपने संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि एमसी डोमिनिक किसी जादूगर से कम नहीं है. उन्होंने जिस तरीके से खेती और किसान को लोगों के सामने पेश किया है वह सिर्फ एक जादूगर ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि किसी जागरण के साथ मेरा एक खास रिश्ता है, जो आगे भी जारी रहेगा.

डॉ त्रिपाठी ने आगे कहा की हमारे देश का किसान खेत में नहीं हारता बल्कि बाजार में हार जाता है। वर्तमान में किसानों के शोषण बाजार और सरकार दोनों का अनैतिक गठजोड़ बन गया है जोकि की पूरी तरह से किसान विरोधी है। बाजार और सरकार के इस शक्तिशाली गठजोड़ के सामने देश का किसान हार गया है। लेकिन किसानों को हार नहीं माननी चाहिए, आने वाले दिनों में खेती किसानी का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।

खेती किसानी की जरूरी तथा महत्वपूर्ण जानकारी को समय पर किसानों तक पहुंचाने के कार्य में कृषि जागरण का कार्य बेजोड़ है। कृषि जागरण समूह ने देश की खेती में एक सकारात्मक माहौल तैयार करने के लिए अथक परिश्रम किया है जिसके अच्छे परिणाम भी अब दिखाई देने लगे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एमसी डोमिनिक और कृषि जागरण जिस तरीके से काम कर रहे हैं, मैं ये दावे से कह सकता हूं की आने वाले समय में यह एक नया इतिहास रचेंगे. उन्होंने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ के बस्तर जैसे छोटे इलाके से आता हूं. जहां एक समय में सिर्फ गोलियों की आवाज गुंजा करती थी. बस्तर एक समय में नक्सलवाद से काफी प्रभावित था , लेकिन आज इस इलाके को अगर एक नई पहचान मिली है तो उसमें कृषि जागरण ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि आज जो सम्मान कृषि जागरण ने मुझे दिया है, वह मुझे पंख देने जैसा है. उन्होंने इस सम्मान के लिए कृषि जागरण समूह का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. चौपाल में 10 साल पुरानी जनजातीय सरोकारों की मासिक पत्रिका ‘ककसाड़’ का नवीनतम संस्करण भी जारी किया. कृषि से जुड़े देश भर के कृषि क्षेत्र के पत्रकारों के साथ ही कृषि से जुड़े 200 से ज्यादा युवाओं तथा गणमान्य हस्तियों ने इस चौपाल में भाग लिया।