एफआईएच प्रो लीग मैच खुद को ओलंपिक के लिए आजमाने का मजबूत मंच साबित हुए : अरिजित हुंदल

FIH Pro League matches proved to be a strong platform to test oneself for Olympics: Arijit Hundal

  • प्रो लीग से हम जान पाए कि बाकी टीमों की ओलंपिक की तैयारी कैसी है

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : अमृतसर के 6 फुट 3 इंच के अरिजित सिंह हुंदल मौजूदा भारतीय सीनियर हॉकी टीम के सबसे लंबे खिलाड़ी होने के साथ संभवत: अकेले ‘ऑलराउंडरÓ हैं। अरिजित सिंह बेहतरीन स्ट्राइकर होने के साथ ड्रैग फ्लिकर हैंै। 20 बरस के अरिजित सिंह को हॉकी विरासत में मिली। अरिजित के पिता कुलजीत सिंह का सपना भारतीय टीम के लिए हॉकी खेलना था लेकिन उनकी यह हसरत पूरी नहीं हो वह अपने संस्थान रेलवे के लिए ही हॉकी खेल पाए। भारत के अपनी लंबाई का लाभ उठा गोता लगा गोल करने में माहिर थे, बेहतरीन स्ट्राइकर जगबीर सिंह। जगबीर ने तब अपने साथी राम प्रकाश सिंह के खासतौर पर दोनों छोर से आने वाले क्रॉस पर गोल दाग हर किसी का दिल जीता। 2021 में जर्मनी से भुवनेश्वर में जूनियर हॉकी विश्व कप में हारने वाली भारतीय टीम के कप्तान उत्तम सिंह के साथ अरिजित सिंह हुंदल प्रमुख स्कोरर रहे। अरिजित हुंदल ने जूनियर भारतीय हॉकी टीम के लिए दस मैचों में 21 गोल किए।

अरिजित हुंदल ने भारतीय सीनियर टीम के लिए अपने अंतर्राष्टï्रीय करियर का आगाज इस साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया और अब तक कुल दस मैच खेल चुके हैं।फिलहाल वह भारतीय सीनियर टीम के साथ ं एफआईएच प्रो हॉकी लीग 2023-24 के आखिरी चरण के लिए लंदन में हैं। अरिजित ने भारत की सीनियर टीम के लिए दोनों गोल एंटवर्प में प्रो लीग 2023-24 में अर्जेंटीना और बेल्जियम के खिलाफ किए।भारत के लिए एफआईएच प्रो हॉकी लीग 2023-24 में खेलने के अनुभव की बाबत अरिजित हुंदल ने कहा, ‘मैं पहली बार एफआईएच प्रो लीग में भारत के लिए खेला और इसमें एंटवर्प में अपने चार मैचों में मैंने दो गोल किए। इसके साथ ही मुझे इतने बड़े हॉकी मंच पर खेलने की बाबत सीखने को मिला। एफआईएच प्रो लीग से मुझे अंतर्राष्टï्रीय स्तर की हॉकी को बेहतर ढंग से जानने में मदद मिली। मुझे इससे यह जानने का मौका मिला मुझे कहां क्या सुधार की जरूरत है। मैं अपनी इस खामियों को आगे अभ्यास और इन मैचों में बेहतर करने की कोशिश करूंगा।

हमारी टीम के सीनियर खिलाड़ी बराबर नौजवान खिलाड़ियों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश करते हैं कि उन पर कोई दबाव नहीं है। हमारे सीनियर साथियों ने हमें हमारे अंदाज में खुल कर खेलने की आजादी दी है और इससे हमें अपनी पूरी क्षमता से खेलने में मदद मिली। अब हमारे लंदन में प्रो लीग के मात्र दो मैच ही बचे हैं और हमारी टीम आत्मविश्वास बुलंद है। एफआईएच प्रो लीग के ये मैच हमारे लिए खुद को ओलंपिक के लिए आजमाने का मजबूत मंच साबित हुए हैं। हम यह भी मालूम पड़ा कि हमारे तरकश के कुछ तीर चले, कुछ नहीं। प्रो लीग के मैच कें नतीजों से हमारा भरोसा बढ़ा है। हम एफआईएच प्रो लीग में खेल यह जान पाए कि बाकी टीमों की ओलंपिक की तैयारी कैसी है और ओलंपिक की तैयारी के लिए यही सबसे बढ़िया है। हम हर मैच सिर उंचा कर खेल रहे हं और और हम प्रो लीग में अपने अभियानक का समापन भी इसी तरह करना चाहते हैं।’