जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत की दरकार

  • तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन और एल्युमिनाई रिलेशन सेल-एआरसी की ओर से आयोजित एल्युमिनाई टाक

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए ईमानदारी के संग-संग मेहनत की भी दरकार है, क्योंकि वास्तविक सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। अतः सभी छात्र सरकारी सेवाओं के लिए परिश्रम कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। टीएमयू का बीएससी बीएड का पाठ्यक्रम इस प्रकार से व्यवस्थित है कि टीजीटी के लिए अलग से किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होगी। टीजीटी के पूरे पाठ्यक्रम का अध्ययन बीएससी बीएड में ही हो जाता है। बाद में केवल अभ्यास की आवश्यकता रहती है। यह मानना है, गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नई दिल्ली में टीजीटी गणित के पद पर नियुक्त एल्युमिना श्री शुभम सागर का। एल्युमिना श्री शुभम तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन और एल्युमिनाई रिलेशन सेल की ओर से आयोजित ऑनलाइन एल्युमिनाई टाक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, एल्युमिनाई रिलेशन सेल के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रो. निखिल रस्तोगी, बीएससी बीएड के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार जैन, बीए बीएड के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार लखेरा आदि ने संयुक्त रूप से किया।

प्रो. एमपी सिंह ने बताया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में एकीकृत अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम को अनिवार्यता दी गई है। एकीकृत शिक्षक शिक्षा का पाठ्यक्रम एनसीटीई ने घोषित किया है। टीएमयू एकीकृत शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम के अंतर्गत बीएससी बीएड और बीए बीएड के एकीकृत पाठ्यक्रम को संचालित कर रही है। भविष्य के शिक्षकों के निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रो. सिंह ने कहा, एल्युमिनाई छात्र वर्तमान छात्रों के लिए आदर्श एवं प्रेरणा के स्रोत होते हैं, जिसके कारण उनमें अध्ययन और प्रशिक्षण के प्रति उत्साह का संचार होता है। ज्वाइंट रजिस्ट्रार एआसी प्रो. निखिल रस्तोगी ने एल्युमिनाई को छात्रों का मार्गदर्शक बताते हुए कहा, छात्र सफलता के लिए एल्युमिनाई के बताए पथ का अनुसरण करें। डॉ. विनोद कुमार जैन और डॉ. अशोक कुमार लखेरा बोले, पहले बीएससी बीएड एकीकृत शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम के बारे में जागरूकता की कमी थी, किंतु अब यह अनिवार्य पाठ्यक्रम होने की वजह से जागरूकता की श्रेणी में आ गया है। इस अवसर पर श्री रणजीत सिंह, डॉ. हर्षवर्धन, श्री राहुल कुमार, डॉ. जीवितेश राजपूत, डॉ. सुनील कुमार पांडे, श्रीमती रचना सक्सेना, डॉ. अर्पित त्रिपाठी के संग-संग फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के छात्र–छात्राएं उपस्थित रहे।