एचआईएल भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर की वापसी में अहम भूमिका सकती है : सरदार

एचआईएच ने हरमन, मंदीप व सुमित जैसे खिलाड़ियों को तलाशा व तराशा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : 2017 में देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से नवाजे जा चुके ओलंपियन पूर्व कप्तान सरदार सिंह सात साल के लंबे अंतराल के बाद फिर से हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) के इस साल दिसंबर में फिर से शुरू होने से खासे रोमांचित हैं। सरदार सिंह ने उम्मीद जताई कि एचआईएल 2024-25 के लिए दो दिन में विभिन्न फ्रेंचाइजी के लिए होने वाली खिलाड़ियों की नीलामी पर सभी की निगाहें रहेंगी। एचआईएल 2024-25 की नीलामी के लिए एक हजार से ज्यादा खिलाड़ियों ने खुद को पंजीकृत किया है। एचआईएच 2024-25 में पुरुष खिलाड़ियों के विभिन्न फ्रेंचाइजी टीमें 13 और 14 अक्टूबर को दि्ल्ली में बोली लगाएंगी जबकि पहली बार हो रही महिलाओं की एचआईएल के लिए खिलाड़ियों की नीलामी 15 अक्टूबर को होगी।

सरदार कहते हैं, ‘एचआईएच ने एक तरह से लखनउ में 2016 में भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम को जूनियर हॉकी विश्व कप जीतने के लिए प्रेरित किया। एचआईएल ने खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से रूबरू कराने के साथ उन्हे आगे बढ़ने का मौका भी मुहैया कराया। मौजूदा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिह, मंदीप सिह, सुमित और कई अन्य खिलाड़ियों को एचआईएच ने तलाशा और तराशा। कप्तान हरमनप्रीत सिंह 2015 में पहली बार 19 बरस की उम्र में एचआईएल में खेले और इससे उन्हें तेजी से खुद के खेल को बेहतर करने में मदद मिली। 2024-25 में एचआईएल ज्यादा बड़ी और बेहतर होगी ही इस बार साथ ही महिला एचआईएल भी शुरू हो रही है। एचआईएल भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर की वापसी में अहम भूमिका सकती है।’

अपने जमाने के बेहतरीन सेंटर हाफ रहे 38 बरस के सरदार सिंह 2013 की पहली एचआईएल में दिल्ली वेवराइडर्स की कप्तानी करते हुए मैन ऑफ द’ टूर्नामेंट रहे थे और वह एचआईएल के सभी संस्करणों में ऑस्ट्रेलिया के जेमी डायर, जमनी के मॉरित्ज फुर्तजे जैसे सभी धुरंधरों के साथ खेले। सरदार सिंह ने कहा, ‘एचआईएल में खेलना एक न भूलने वाला शानदार अनुभव था। एचआईएल में लंबे समय तक हम दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ और उनके खिलाफ उच्च स्तर की हॉकी खेले। इस लीग ने हम खिलाड़ियों के लिए अलग अलग संस्कृतियों और जेहनी सोच के खेलने और सीखने का माहौल बनाया। एक प्रभावी नौजवान खिलाड़ी के लिए सकारात्मक प्रदर्शन से अहम कुछ भी नहीं होता।‘

सरदार ने सबसे कम मात्र 21 बरस की उम्र में सुलतान अजलान कम में भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की और बतौर कप्तान और कोच कई खिलाड़ियों को तैयार किया।

सरदार ने भारत के लिए 314 अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच खेले और अपनी कप्तानी में 2014 में एशियाई खेलों में स्वर्ण जिताने के साथ 2007 और 2017 में एशिया कप में स्वर्ण पदक जिताने के साथ 2010 और 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जिताए। 2018 के एशियाई खेल उनका भारत के लिए आखिरी टूर्नामेंट रहा, जहां टीम तीसरे स्थान पर रही। उन्होंने कहा, ‘एचआईएल 2024-25 की नीलामी के लिए कई बड़े अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है और यह एचआईएल के बड़े कद का सुबूत है। मैं एचआईएल के लिए पंजीकरण कराने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देता हूं। उम्मीद है एचआईएल से कई नए चेहरे उभर कर भारतीय हॉकी का स्तर उंचा उठाते रहेंगे।’