मानसून के मौसम में बढ़ जाती हैं सांप काटने की घटनाएं, क्या करें क्या ना करें सुने डॉक्टरों की राय

Incidents of snake bites increase during monsoon season, what to do and what not to do, listen to doctors' opinion

रविवार दिल्ली नेटवर्क

मानसून का मौसम है, ऐसे में सांप के बिलों में पानी घुस जाता है वह बाहर निकल आते हैं। इसी तरह यमुना में एवं नदी नालों में बाढ़ आने पर सांप घरों में घुस जाते हैं। लोगों को काट लेते हैं। इस मौसम में इस तरह की घटनाएं आम होती हैं। ऐसे में तुरंत क्या करना चाहिए क्या नहीं हमने इसमें विस्तार से बातचीत की डॉक्टर जिला मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिव्या मंगला से।

यमुनानगर में बाढ़ के दौरान काफी नुकसान होता है। पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। उस पानी में सांप व अन्य कीड़े मकोड़े भी घर में घुस जाते हैं। सांप काटने की घटनाएं भी इस मौसम में बढ़ जाती हैं। इस दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए यह समझ नहीं आता। और जब तक समझ आता है तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है। लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिसकी वजह से इलाज में देरी होती है और मरीज की जान चली जाती है। यमुनानगर की जिला मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिव्या मंगला का कहना है कि झाड़ फूंक से इलाज नहीं होता, अगर सांप काटा है वह जहरीला है या नहीं है सबसे पहले यह पता लगाना होता है। और उसके बाद इलाज शुरू होता है। वाइट डॉक्टर दिव्या मंगला जिला मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिव्या मंगला का यह भी कहना है कि सभी सांप जहरीले नहीं होते, लेकिन सांप जहरीला है या नहीं इसका पता अस्पताल में आने पर ही ऑब्जर्वेशन में रखकर लगाया जा सकता है। इस दौरान प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज शुरू होता है। उन्होंने कहा कि अगर मरीज को काटने वाली जगह पर कट लगाया जाए, या बांध दिया जाए तो इससे नुकसान हो सकता है, कई तरह की दिक्कत पैदा हो सकती है ।इसलिए मरीज को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल में लाया जाना चाहिए।

जिला मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिव्या मंगला ने बताया कि यमुनानगर जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में सांप काटने के इंजेक्शन एवं इलाज उपलब्ध है। इसलिए मरीज को तुरंत अस्पतालों में लाना चाहिए ना की झाड़ फूंक वाले इलाकों में ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि किसी को सांप ने काट लिया और वह उसे झाड़ फूंक वाले स्थान पर ले गए और वह ठीक हो गया। वास्तव में वह सांप ही जहरीला नहीं था, और लोगों को लगा कि वह झाड़ फूंक से ठीक हो गया ।यह कन्फ्यूजन रहता है इलाज तो सरकारी अस्पताल में ही संभव है। जिला मेडिकल ऑफिसर यमुनानगर डॉक्टर दिव्या मंगला ने लोगों से अपील की की मानसून के दौरान मच्छरों का भी प्रकोप रहता है, डेंगू मच्छर सक्रिय हो जाते हैं। इसलिए अपने घर व आसपास कहीं भी पानी न खड़ा होने दें। बुखार व कोई भी तकलीफ हो तो तुरंत अस्पताल में इलाज करवाया जाए।

डॉक्टर दिव्या मंगला ने लोगों से अपील की कि वह इस मौसम में शुद्ध पानी पिए, पानी की गुणवत्ता की जांच करवाई जाए ,सरकारी नल है तभी उसका पानी पीने योग्य रहता है। इसी तरह अगर सांप ने काट लिया है तो तुरंत उसे इलाज के लिए अस्पताल लाएं ताकि समय रहते हैं उसका इलाज हो सके।