भारत की कोशिश द. अफ्रीका से दूसरा टी -20 भी जीत सीरीज अपने नाम करने पर

  • भारत गुवाहाटी में जरा सी भी ढील गवारा नहीं कर सकता
  • भारत को एकादश चुनने को ले करनी पड़ सकती है माथापच्ची
  • भारत को द. अफ्रीका के पलटवार से चौकस रहना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : नवोदित तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और अनुभवी दीपक चाहर के नई गेंद से कमाल से तिरुवनंतपुरम में बुधवार रात मेहमान दक्षिण अफ्रीका की आधी टीम को मात्र 15 गेंद मे नौ रन के भीतर पैवेलियन लौटाने के बाद केएल राहुल (51 रन, 56 गेंद, 2 चौके, चार छक्के) और सूर्य कुमार यादव (50 रन, 33 गेंद, पांच चौके, तीन छक्के) के अद्र्धशतकों की बदौलत भारत ने पहला टी-20 आठ विकेट से जीत तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त लेकर शानदार आगाज किया। बावजूद इसके अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी-20 क्रिकेट विश्व की तैयारी के क्रम में भारत गुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को खेले जाने वाले सीरीज के दूसरे मैच में जरा सी भी ढील गवारा नहीं कर सकता। भारत की कोशिश अब दक्षिण अफ्रीका से गुवाहाटी में सीरीज का दूसरे मैच भी 2-0 की अजेय व निर्णायक बढ़त लेकर सीरीज अपने नाम करने पर होगी। भारत को दक्षिण अफ्रीका के पलटवार से चौकस रहना होगा। निचले क्रम में जिस तरह केशव महाराज ने 40 रन की पारी खेली उससे साफ है कि रोज-रोज दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी तिरुवनंतपुरम की तरह ताश के पत्तों की नहीं बिखरेगी। तिरुवरनंतपुरम की हरी घास वाली दमदार पिच पर भारत के तेज गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज से कुछ बेहतर प्रदर्शन कर उसे 20 ओवर में मात्र आठ विकेट पर 106 रन पर रोक दिया था।

अपने तुरुप के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की पीठ में जकडऩ के चलते पहले टी-20 से बाहर रहने से तिरुवनंतपुरम में बाहर रहने के बाद मात्र पांच गेंदबाजों से खेल कर जीतने के बाद गुवाहाटी की सपाट बताई जाने वाली पिच पर दूसरे वन डे में आसान जीत की आस नहीं कर सकता। भारत को एकादश चुनने को लेकर शुक्रवार को खासी माथापच्ची करनी पड़ सकती है। अच्छी बात यह है कि केएल राहुल और सूर्य कुमार यादव ने पहले मैच में अद्र्बशतक जड़े और अनुभवी कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की मौजूदगी में भारत का शीर्ष क्रम रंग में है और बतौर स्पिनर अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन के रूप में दो ऐसे ऑलराउंडर हैं जो कि जरूरत पडऩे पर बल्ला भांज सकते हैं।

बुमराह का फिट होना भारत के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस टी-20 सीरीज से ज्यादा अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए ज्यादा अहम है। गुवाहाटी की बल्लेबाजों के आसान पिच पर भारत के लिए बड़ा सवाल होगा कि वह इसमें पहले मैच की विजेता टीम के साथ उतरे या फिर ऋषभ पंत को बाहर रख तेज गेंदबाज उमेश यादव या श्रेयस अय्यर को एकादश में शामिल करे।

तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी कोरोना से उबरने के बाद बीसीसीआई के जरूरी फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद ही भारतीय टीम से जुड़ सकेंगे। ऐसे शमी की जगह उमेश यादव को जबकि पीठ की दिक्कत के चलते ऑलराउंडर दीपक हुड्डïा के बाहर होने पर टी-20 विश्व कप के लिए रिजर्व श्रेयस अय्यर और ऑलराउंडर शाहबाज अहमद को दक्षिण अफ्रीका के सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। खुद को शारीरिक रूप से बेहतर करने के लिए फिलहाल बेंगलुरू में एनसीए में रहने के कारण हार्दिक पांडया और भुवनेश्वर पहल ही इस सीरीज से बाहर हैं।

अब बड़ा सवाल यह रहेगा कि क्या बुमराह दूसरे टी-20 के लिए उपलब्ध होंगे। अगले महीने 23 अक्टूबर को मेलबर्न में टी-20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में भारत के लिए बुमराह का फिट होना बेहद जरूरी है। बड़ा सवाल भुवनेश्वर और हर्षल की हाल ही में मारधाड़ वाले आखिर के ओवर में धुनाई के बाद उनसे इन ओवरों में गेंदबाजी कराने को लेकर रहेगा। ऐसे में नौजवान अर्शदीप सिंह बतौर तेज गेंदबाज टी-20 विश्व कप में कसौटी पर होंगे। अर्शदीप ंने तिरुवनंतपुरम में जो लय पकड़ी उसे जारी रखा तो वह भारत को गुवाहाटी में दूसरे टी-20 में जीत दिला सीरीज उसके नाम कर सकते हैं। अर्शदीप ने खासतौर पर आखिर के मारधाड़ वाले ओवर में रनों पर लगाम लगाने के साथ अनुभवी बुमराह की तरह विकेट चटकाने की भी कूवत दिखाई है। अशदीप ने तिरुवनंतपुरम में जो लय पकड़ी उसे जारी रखा तो वह भारत को गुवाहाटी में दूसरे टी-20 में जीत दिला सीरीज उसके नाम कर सकते हैं। बाएं हाथ के अर्शदीप सिंह पिच से जरा सी भी मदद मिलती है तो वह नई गेंद को स्विंग करा दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए दिक्कतें पेश करते हैं। अर्शदीप की स्विंग होती गेंद बल्लेबाज को छकाती हुई निकलती। अर्शदीप सिंह ने दक्षिण अफ्रीका शीर्ष क्रम के क्विंटन डी कॉक(1), रिली रॉसू (0) और डेविड मिलर(0) अपनी स्विंग से परेशान कर आउट कर और दीपक चाहर ने कप्तान तेंबा बाउमा (0)और ट्रस्ट स्टब्स(0) को मात्र 15 गेंद में 9 रन में पैवेलियन लौटा दिया था। तब पहले एडन मरक्रम (25 रन, 24 गेद एक छक्का,तीन चौके), वेन परनैल(24, 37 गेंद एक छक्का, एक चौका), केशव महाराज(40रन, 35 गेंद, 5 चौके, दो छक्के) ने संकल्प से बल्लेबाजी कर मिलकर 89 रन जोड़ 100 रन के पार पहुचा और रफ्तार के सौदागर कसिगो रबाड़ा(1/16), परनैल (0/14) और ऑनरिक नोकिया (1/32) ने रफ्तार दिखाई और भारत को इस छोटे से लक्ष्य का पीछा करने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी।

मैच का समय: शाम सात बजे से
————–

‘केएल और सूर्य की भागीदारी निर्णायक रही’
‘तिरुवनंतपुरम जैसा मैच खेलना खेलना अच्छा रहा। हम जानते थे कि पिच से गेंदबाजों जरूर कुछ मदद मिलेगी। पूरे मैच में पिच में कुछ नमी बराबर बनी रही। दोनों ही टीमें मुकाबले बनी रही। हमारे हाथ में इस मैच में विकेट हाथ में रखना अहम था। स्थितियां कैसी भी जरूरत अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने की होती है। जिस तरह गेंद स्विंग हुई उसके सामने तो किसी भी बल्लेबाज को जूझना पड़ेगा। इस तरह की मुश्किल पिच पर खेलने से आप बहुत कुछ सीखते हैं। म जानते थे कि जीत के लिए 107 रन का लक्ष्य पाना बहुत आसान नहीं होगा। हमें ऐसें हालात के मुताबिक अपने शॉट खेलने की जरूरत थी। हमने दो विकेट जल्दी खो दिए लेकिन केएल राहुल और सूर्य कुमार यादव की भागीदारी मैच में निर्णायक रही।

– रोहित शर्मा, भारत के कप्तान

————–

‘टी-20 विश्व कप से पहले ध्यान स्थितियों के मुताबिक ढालने पर’
पिच से बहुत मदद मिली। दीपक(चाहर) भाई ने लय बनाई और मैं बस अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाना चाहता था। ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप से पहले हमारा ज्यादा खुद को स्थितियों के मुताबिक ढालने पर है। जब हम ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे तब हम देखेंगे वहां की स्थिति कैसी होंगी। में डेविड मिलर का विकेट ले सबसे ज्यादा खुशी हुई। मिलर गेंद के आउटस्विंग होने की उम्मीद कर रहे और बोल्ड हो गए। आखिर के मारधाड़ वाले ओवरों में हम केशव महाराज को आउट करना चाहते थे लेकिन उन्होंने बढिय़ा बल्लेबाजी की। हमारी योजना कुछ अलग हो सकती थी । अहम यह है कि हम मैच जीतने में सफल रहे।

-अर्शदीप सिंह, मैन ऑफ द मैच

————–

‘हमें अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करने की जरूरत’
‘ बल्लेबाजी इकाई में हम एकाग्र होकर बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे। हम अपनी योजना के मुताबिक नहीं खेल पाए। इतने कम स्कोर का बचाव करने समय आप बस चमत्कार की उम्मीद करते हैं। हमें अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करने की जरूरत है। केशव महाराज और परनैल ने जूझने का जज्बा दिखाया। हमने अच्छा संघर्ष किया लेकिन हमारे पास बहुत कम रन थे।

– तेंबा बाउमा, द. अफ्रीका के कप्तान