इंद्र वशिष्ठ
नई दिल्ली : विदेशी मुद्रा कार्ड (फॉरेक्स कार्ड) से डॉलर, पाउंड आदि चोरी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का उत्तरी जिला पुलिस ने पर्दाफाश किया है. दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस द्वारा इस तरह के अपराध को सुलझाने का यह देश में पहला मामला है. यह अपराध चार देशों में तीन साल की अवधि में किया गया. पुलिस ने चोरी की रकम से खरीदी गई दो कार, सात मोबाइल फोन, 2 वाईफाई डोंगल, एक वाईफाई ब्रॉडबैंड राउटर बरामद किए हैं
5 महीने तफ्तीश-
उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि प्रमुख बैंकों के ग्राहकों के फॉरेक्स कार्ड से डॉलर, पाउंड, दिरहम फर्जी कार्ड में ट्रांसफर करने के बाद बैंकॉक, दुबई और हांगकांग से पैसे निकालने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पांच महीने की लंबी तकनीकी निगरानी के बाद पर्दाफाश हुआ है.
हवाला , सट्टेबाजों का इस्तेमाल-
पुलिस के अनुसार साल 2019 से हांगकांग, चीन, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात, बैंकॉक से पैसा निकाला गया था. यह पैसा हवाला कारोबारियों और क्रिकेट सट्टेबाजी के चैनल का इस्तेमाल करके भारत लाया गया था.
11 लाख की विदेशी मुद्रा चोरी-
उत्तरी जिला पुलिस को एक महिला ने शिकायत की थी.फॉरेक्स कॉर्ड का इस्तेमाल करने वाली महिला ने आरोप लगाया कि जब वह यूनाइटेड किंगडम में थी, तब उसे पता चला कि लगभग 11 लाख रुपए मूल्य के पाउंड और दिरहम, जो उसने अपने फॉरेक्स कॉर्ड में डाला था, वह चोरी हो गए है. महिला ने पाया कि यूनाइटेड किंगडम की उनकी यात्रा से पहले ही बैंकॉक में पैसा निकाल लिया गया था. उत्तरी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ़ ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की. महिला के बैंक से पूछताछ में पता चला कि इस तरीके से कई अन्य लोगों के भी 64 लाख रुपए से ज्यादा निकाल लिए गए. बैंक ने भी इस बारे में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई.
स्पेशल स्टाफ़ के एसीपी धर्मेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर अजय कुमार, सब- इंस्पेक्टर रोहित, एएसआई राजीव, हरफूल, जग ओम, हवलदार अमित, देवेंद्र, श्रीपाल, राकेश और हवलदार भारत की टीम ने तफ्तीश के दौरान विभिन्न तिथियों के लिए भारत से थाईलैंड की यात्रा से संबंधित रिकॉर्ड/डाटा का विश्लेषण किया ,उसका तकनीकी निगरानी डेटा के विवरण के साथ मिलान किया गया. जिसमें एक आरोपी सोनल निवासी पश्चिम विहार की पहचान की गई. सोनल से पूछताछ के बाद पारस चौहान निवासी ब्रह्म पुरी दिल्ली को गिरफ्तार किया.
पारस आईसीआईसीआई बैंक में काम करता था उसने वहां से फॉरेक्स कार्ड वालों का विवरण और कोरे कार्ड सोनल को दिए थे. सोनल बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करके असली कार्ड धारी का मोबाइल फोन नंबर और ई मेल आईडी बदलवा देता था इसके बाद फॉरेक्स कार्ड में जमा रकम को फर्जी कार्ड में ट्रांसफर करा लेता था. फिर उस रकम को निकाल लेते थे. इस तरीके से इस गिरोह ने करीब सवा करोड़ रुपए चोरी किए हैं.
थाईलैंड में मौज मस्ती-
सोनल अप्रैल 2023 में भी थाईलैंड गया था, जिसके बाद सोनल की आवाजाही का पता लगाने के लिए पुलिस टीमों को हवाई अड्डे पर रखा गया.भारत आने पर सोनल को पकड़ लिया गया. पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि उसने विदेशी मुद्रा कार्ड धारक विवरण और विदेशी मुद्रा कार्ड एक पारस चौहान से एकत्र किया जो 2019 में बैंक का कर्मचारी था. पारस ने एक कार्ड से दूसरे कार्ड में पैसे के हस्तांतरण के बारे में विवरण प्रदान किया. आरोपी सोनल और एक अन्य सह-आरोपी संदीप ओझा ने कॉल करने के लिए सिम कार्ड की व्यवस्था की.
सोनल ने यह भी खुलासा किया कि उसने और संदीप ओझा ने अप्रैल और मई 2022 में बैंकॉक थाइलैंड की यात्रा की, जहां उन्होंने एक थाई नागरिक की मदद से विदेशी मुद्रा कार्ड का उपयोग करके एटीएम से पैसे निकाले.इसके बाद हवाला और क्रिकेट सट्टेबाजों के जरिए पैसा भारत भेजा जाता था. सोनल ऐशो-आराम की जीवनशैली जी रहा था और पैसे निकालने के बाद बार-बार थाईलैंड जा रहा था.सोनल ने यह भी खुलासा किया कि इससे पहले भी इसी तरह से 2019 में हॉन्गकॉन्ग और दुबई से पैसे निकाले थे. आरोपी पारस चौहान ने यह भी खुलासा किया कि वह आईसीआईसीआई बैंक में कंसल्टेंट, सेल्स एंड ऑपरेशन था और एक कार्ड से दूसरे कार्ड में पैसे ट्रांसफर करने की प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ था. उसने यह भी खुलासा किया कि उसने सोनल को एक अच्छी रकम के बदले विदेशी मुद्रा कार्ड धारकों और विदेशी मुद्रा कार्ड का डेटा प्रदान किया. संदीप ओझा की तलाश की जा रही है.