- भारत की निगाहें जीत के साथ आगाज कर टी-20 सीरीज भी जीतने पर
- भारत की ताकत है मजबूत बल्लेबाजी
- गेंदबाजी है वेस्ट इंडीज की सबसे कमजोर कड़ी
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : नियमित कप्तान सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, हार्दिक पांडया जैसे दनादन क्रिकेट के माहिर क्रिकेटरोंं की वापसी से दमदार भारतीय टीम की निगाहें अब टारूबा (पोर्ट ऑफ स्पेन) में जूझती वेस्ट इंडीज के खिलाफ शुक्रवार को पहले मैच में जीत से आगाज कर पांच टी-20 मैचों की सीरीज में उसका सूपड़ा साफ करने पर रहेंगी। करीब तीन बरस से शतक जमाने को तरस गए पूर्व कप्तान विराट कोहली और तुरुप के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को अभी भी आराम दिए जाने के बावजूद वेस्ट इंडीज के लिए दमदार बेहद संतुलित भारतीय टीम को रोकना बेहद मुश्किल होगा। अनुभवी शिखर धवन के प्रेरणादाई नेतृत्व में भारत की दूसरी पंक्ति के खिलाडिय़ों सज्जित उसकी टीम ने जिस दमदार अंदाज में वेस्ट इंडीज से तीन वन डे मैचों की सीरीज 3-0 से जीत उसका सफाया किया उसके मद्देनजर मेजबान टीम से उसे रोकने की उम्मीद बेमानी है। भारत के खिलाफ वन डे सीरीज में शतक जडऩे वाले शाई होप तथा एक एक हाफ सेंचुरी जडऩे वाले कप्तान निकोलस पूरन, कायल मायर्स, ब्रेंडन किंग के टी-20 सीरीज के लिए वेस्ट इंडीज की टीम में होने के बावजूद वह कमजोर दिखती है। वेस्ट इंडीज की बल्लेबाजी तो जरूर कुछ चली है। भारत की मजबूत बल्लेबाजी के सामने वेस्ट इंडीज की गेंदबाजी उसकी सबसे कमजोर कड़ी दिखाई देती है।
भारत के चीफ कोच राहुल द्रविड़ और तीनों फॉर्मेट के कप्तान रोहित शर्मा के पास ऑस्ट्रेलिया में अब से करीब ढाई महीने बाद ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए अपने सभी विकल्पों को आजमा कर अपनी टीम को अंतिम रूप देने के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ इस पांच टी-20 मैचों की सीरीज सहित करीब डेढ़ दर्जन मैच ही बाकी हैं। भारत अनुभवी रोहित शर्मा के साथ बतौर ओपनर दाएं-बाएं हाथ की सलामी जोड़ी रखने के लिए ऋषभ पंत को वेस्ट इंडीज के खिलाफ आजमा सकता है। रोहित और ऋषभ मिजाज से आक्रामक होने और गेंदबाज पर हावी होने की नीति से खेलते हैं। विराट कोहली को आराम दिए जाने पर तीसरे नंबर पर मिले बल्लेबाजी के मौके को दीपक हुड्डïा ने जिस तरह भुनाया है और वह अब वेस्ट इंडीज के खिलाफ भी टी-20 सीरीज में कामयाब रहे तो फिर वाकई उस्ताद द्रविड़ और कप्तान रोहित की जुगल जोड़ी के एक बड़ा मानसिक द्वंद्व टी-20 विश्व कप के लिए अंतिम टीम चुनने को लेकर हो सकता है। साथ ही हुड्डïा अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट के लिए अपनी दावेदारी और मजबूत करते हैं। भारत की ताकत उसकी मजबूत बल्लेबाजी के साथ ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक पांडया के साथ दीपक हुड्डïा, रवींद्र जडेजा व अक्षर(दोनों एक में कोई भी खेल) उसे तेज और स्पिन गेंदबाज के चयन के लिए बहुत विकल्प उपलब्ध कराते हैं।
भारत के वेस्ट इंडीज के खिलाफ शुक्रवार को पहले टी-20 में रोहित और ऋषभ की सलामी जोड़ी के साथ तीसरे नंबर पर दीपक हुड्डïा, चौथे पर सूर्य कुमार यादव, पांचवें पर हार्दिक पांडया, छठे पर दिनेश कार्तिक के रूप में मजूबत बल्लेबाजी क्रम है। रवींद्र जडेजा घुटने की चोट से फिट हो यदि उपलब्ध होते हैं तो वह सातवें नंबर पर खेलेंगे अन्यथा अक्षर पटेल के रूप में ठीक उन्हीं के अंदाज और मिजाज का ऑलराउंडर भारत को उपलब्ध है। भारत अपनी ताकत अपनी मजबूत बल्लेबाजी के कारण जल्दी विकेट गिरने के बावजूद शुरू से आखिर तक अपनी दे दनादन अंदाज में बल्लेबाजी जारी रख सकता है। वेस्ट इंडीज के खिलाफ भले ही सूर्य कुमार यादव की बल्लेबाजी का सूर्य न चमका हो लेकिन वह ऐसे बहुआयामी क्रिकेटर हैं जो मैच के मिजाज के मुताबिक गियर बदल अपने दम भारत को जिता सकते हैं। वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ, जेडन सील्स ,कीमो पॉल खासे महंगे साबित हो रहे और अनुभवी जेसन होल्डर अभी भी लय पाने को तरस रहे हैं। वेस्ट इंडीज के दोनो नियमित स्पिनर लेफ्ट आर्म स्पिनर अकील हुसैन व गुड़ाकेश मोती कन्हाई करीब करीब एक ही अंदाज से गेंदबाजी करते हैं। अकील व मोती के बूते वेस्ट इंडीज के लिए भारत की मजबूत बल्लेबाजी को तेज रन बना बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोकना खासा मुश्किल होगा।
बतौर तेज गेंदबाज भारत के आक्रमण की अगुआई इस टी-20 सीरीज में भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल ही करेंगे। सबसे छोटे फॉर्मेट में बड़े दिल वाले लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना जाना तय है। चहल का पहले शुक्रवार को लेकिन उनके साथ दूसरे स्पिनर के लिए लड़ाई इस सीरीज के लिए चुने गए अनुभवी ऑफ स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन और चोट के बाद वापसी कर रहे बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव के बीच है। भारत को पिच मिजाज को यह तय करना होगा कि वह तीन स्पिनर के साथ उतरे या तीन तेज गेंदबाजों के साथ। भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला करे तो भी रविचंद्रन अश्विन, लेग स्पिनर कुलदीप यादव और रवि बिश्नोई में कोई एक ही भारत की एकादश में जगह पा सकता है। भारत यदि तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला करता तो वह तब भी आवेश खान और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह में किसी एक को ही एकादश में जगह मिल सकेगी। भारतीय टीम प्रबंधन के लिए गेंदबाजी संयोजन के लिहाज से जरूर आत्ममंथन करना होगा।
मैच का समय: रात आठ बजे से