अजय कुमार
दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान अब तक नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सत्ता में अपनी वापसी की तैयारियों में जुटी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी ने चौथी बार दिल्ली में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार की है। अरविंद केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, ने हाल ही में एक चुनावी अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है ‘रेवड़ी पर चर्चा’। इस अभियान के तहत, केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से 6 मुफ्त सुविधाओं की पेशकश की है और चुनावी जंग में अपने विरोधियों को घेरने की योजना बनाई है।
अरविंद केजरीवाल ने इस अभियान के जरिए यह संदेश दिया कि जो पैसा जनता के करों से आता है, वही जनता का अधिकार है, और इसलिए जनता को इस पैसे से मिलने वाली सुविधाओं का फायदा मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कई बार यह आरोप लगाया है कि दिल्ली में केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ियां बांट रहे हैं और इसे बंद कर देना चाहिए। केजरीवाल ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि ये रेवड़ियां नहीं हैं, बल्कि ये योजनाएं हैं, जो करदाताओं के पैसे से लागू की जाती हैं और जनता का हक है इनका लाभ उठाने का। उनका कहना था कि दिल्ली के लोगों को यह तय करना है कि वे इन योजनाओं को रखना चाहते हैं या नहीं, और अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वे इन योजनाओं को बंद कर सकती है।
आम आदमी पार्टी अब दिल्लीभर में ‘रेवड़ी पर चर्चा’ अभियान चला रही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस अभियान के तहत दिल्ली में 65,000 बैठकें आयोजित की जाएंगी और पार्टी के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक लोगों तक पर्चे पहुंचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इन मुफ्त योजनाओं को भाजपा और उनके गठबंधन द्वारा शासित राज्यों में लागू नहीं किया गया है। उनका कहना था कि उन्होंने जनता के पैसे को अपने दोस्तों में नहीं बांटा, बल्कि उन पैसों से आम आदमी को सुविधाएं दीं।
केजरीवाल ने जो 6 मुफ्त की रेवड़ियां दी हैं, उनमें मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, मुफ्त विश्वस्तरीय शिक्षा, और मुफ्त दवा एवं इलाज शामिल हैं। ये सभी योजनाएं पहले से दिल्ली में लागू हो चुकी हैं और अब केजरीवाल ने इनका प्रचार-प्रसार करने के लिए रेवड़ी पर चर्चा अभियान शुरू किया है।
अरविंद केजरीवाल का यह कदम एक राजनीतिक रणनीति के तहत उठाया गया है। वह यह चाहते हैं कि वे एक तीर से दो शिकार कर सकें। एक ओर, वह भाजपा को उनके ‘रेवड़ी कल्चर’ के आरोपों से घेरने का प्रयास कर रहे हैं, और दूसरी ओर, वह अपनी सरकार की उपलब्धियों को उजागर कर रहे हैं, ताकि जनता का समर्थन उन्हें मिलता रहे। भाजपा हमेशा यह आरोप लगाती रही है कि आम आदमी पार्टी जनता को मुफ्त की चीजें दे रही है, जो चुनावी लॉलीपॉप की तरह होती हैं। केजरीवाल ने इस आरोप को पलटते हुए यह बताया कि यह योजनाएं करदाताओं के पैसों से लागू की जाती हैं और यह किसी प्रकार की ‘रेवड़ी’ नहीं हैं।
हालांकि, केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए पिछले पांच साल काफी मुश्किलों भरे रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों और कई महत्वपूर्ण नेताओं के जेल जाने के बाद, आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान हुआ था। सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जैसे वरिष्ठ नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, और इससे पार्टी के ऊपर राजनीतिक दबाव बढ़ा था। इसके अलावा, दिल्ली शराब नीति मामले में भी पार्टी की छवि पर सवाल खड़े हुए थे। हालांकि, केजरीवाल ने इन समस्याओं का सामना किया और पार्टी को एक नई दिशा देने की कोशिश की।
आम आदमी पार्टी को अपनी चौथी बार दिल्ली में सत्ता बनाए रखने के लिए कई रणनीतियों की जरूरत थी। केजरीवाल ने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए अन्य दलों के नेताओं को भी अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने उन सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को उतारा, जहां पार्टी कमजोर दिखाई दे रही थी। अब, ‘रेवड़ी पर चर्चा’ अभियान के जरिए वह दिल्ली के लोगों को फिर से अपनी योजनाओं का लाभ याद दिला रहे हैं और भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
तीन विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी, और शिक्षा के मुद्दों पर जीत हासिल की है, और इस बार भी केजरीवाल ने इन्हीं मुद्दों को अपने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया है। उनका मानना है कि यह मुद्दे जनता के बीच लोकलुभावन हैं और भाजपा को इन मुद्दों पर घेरने का यह अच्छा मौका है। भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरी हुई है, और केजरीवाल इस आरोप को अपने अभियान के जरिए नकारने की कोशिश कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली की सियासी लड़ाई अब और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि भाजपा ने भ्रष्टाचार को अपना प्रमुख मुद्दा बना लिया है। लेकिन केजरीवाल और उनकी पार्टी का मानना है कि जनता उनकी योजनाओं को समझेगी और चुनावी मैदान में उनकी जीत सुनिश्चित करेगी। इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी अपनी मुफ्त योजनाओं के जरिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को चुनौती देने की तैयारी कर रही है। केजरीवाल का यह अभियान दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार दिल्ली की जनता किसे अपनी अगली सरकार के रूप में चुनती है।