जम्मू में क्रान्तितीर्थ समारोह का आयोजन, 2047 तक वीरों के स्वप्न वाले भारत के निर्माण का संकल्प

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जम्मू : स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से क्रान्तितीर्थ समारोह का आयोजन आज जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह सभागार में संपन्न हुआ I समारोह के विशिष्ट अतिथि सम्माननीय समाजसेवी एवं जम्मू डेंटल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. गौतम मेंगी थे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर ने हिस्सा लिया I समारोह की अध्यक्षता जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय ने की I

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने हेतु आयोजित क्रान्तितीर्थ समारोह में बाबा सत्यनारायण मौर्य द्वारा “भारत माता की आरती” का आयोजन भी किया गया I जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम (जेकेपीएफ) एवं सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च और डेवलपमेंट एंड चेंज (सी.ए.आर.डी.सी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति एवं सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे I
जानकारी हो कि अंग्रेजों की गुलामी से भारत को मुक्त कराने के लिए हजारों ऐसे वीर क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी, जिनकी वीर गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला I स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को क्रान्ति तीर्थ समारोह के माध्यम से आम जनता के सामने लाने का बीड़ा उठाया है-केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) ने I इसमें संस्कार भारती अहम सहयोगी की भूमिका निभा रहा है I क्रान्तितीर्थ श्रृंखला का आयोजन ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर पूरे देश में किया जा रहा है I

शुक्रवार को जम्मू स्थित जनरल जोरावर सिंह सभागार में समारोह का आरम्भ भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण और द्वीप प्रज्जवलन से हुआ I जेकेपीएफ के महासचिव प्रो. राजीव रतन ने मेहमानों और गणमान्य व्यक्तियों का औपचारिक स्वागत किया। प्रो. वीरेंद्र कौंडल ने बताया कि क्रांतितीर्थ मूलतः राष्ट्र जागरण का अभियान है। यह उन सभी अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने और उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का एक अभियान है जिन्होंने अंग्रेजों से भारत की आजादी हासिल करने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। लेकिन दुर्भाग्य से स्वतंत्रता संग्राम के ये सभी नायक हमारी पाठ्यपुस्तकों से गायब रहे। इस प्रकार, क्रांतितीर्थ उन सभी अज्ञात बलिदानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को कृतज्ञ भारतीयों की ओर से श्रद्धांजलि की एक श्रृंखला है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जम्मू कश्मीर के प्रांत संघचालक डॉ. गौतम मेंगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की धरती सदैव बलिदानों की धरती रही है। राज्य की देशभक्त जनता ने हमेशा देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और शांति के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है और आज हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे सभी नायकों को याद करें एवं उन्हें अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। क्रांतितीर्थ इस दिशा में एक बेहतरीन पहल है। अपने संबोधन में उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में जम्मू कश्मीर की भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए केंद्र शासित प्रदेश की महत्वपूर्ण घटनाओं और स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आशुतोष भटनागर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी के 75 वर्ष और यहां के लोगों, संस्कृति के गौरवशाली इतिहास की उपलब्धियों को जानने और मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल के रूप में आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव उन सभी लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश को उसकी विकास यात्रा में बहुत आगे तक लाने में योगदान दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि क्रांतितीर्थ उन सभी गुमनाम नायकों को याद करने का एक महान प्रयास है जिन्होंने अंग्रेजों से भारत की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कई गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों का उदाहरण दिया जिन्होंने भारत की आजादी के लिए खुद को बलिदान कर दिया लेकिन इतिहास के अध्यायों से गायब रहे।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर बलिदानियों का स्मरण किया जा रहा है I स्वतंत्रता के लिए देश के हर स्थान-हर गांव में युद्ध हुए और इन युद्धों में असंख्य लोगों ने अपना योगदान किया, जिससे उनके गांव क्रान्तितीर्थ बन गए I क्रान्तितीर्थ श्रृंखला के माध्यम से अज्ञात, अल्पज्ञात सेनानियों को देश नमन कर रहा है I

उन्होंने कहा कि इतिहास में बहुत से ऐसे घटनाक्रम हैं, जो जम्मू-कश्मीर से जुड़े हुए हैं और स्वतंत्रता आंदोलन में राज्य के वीरों की भूमिका को सामने रखते हैं I क्रान्तितीर्थ समारोह के माध्यम से राज्य के क्रांतिकारियों को याद करते हुए हम सभी उन्हें नमन करते हैं I उन्हें आशा है कि 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, उस समय तक वह सभी स्वप्न साकार हो चुके होंगे, जिस स्वप्न के लिए बलिदानियों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण दे दिए I

समारोह की अध्यक्षता करते हुए जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय ने कहा कि क्रांतितीर्थ वास्तव में स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों, स्थानों और संगठनों को याद करने की एक बेहतरीन पहल है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश एक बार फिर स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है और हम स्वतंत्रता सेनानियों की महान भूमिका और बलिदान को नहीं भूल सकते। उनकी गाथाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को राष्ट्र के सामने आने वाली हर चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा आगे आना चाहिए और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए काम करना चाहिए।

कार्यक्रम के बाद भारत माता की आरती हुई, जिसे बाबा सत्यनाराण मौर्य जी ने अपनी टीम के साथ प्रस्तुत किया, जबकि संस्कार भारती से जुड़े सार्थक जी ने राष्ट्र गीत प्रस्तुत करके सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया I बाबा सत्यनारायण मौर्य ने मंच पर अपनी कला को प्रदर्शित करते हुए भारत माता, स्वर्गीय शयामा प्रसाद मुखर्जी सहित कई अन्य लोगों के हस्तचित्र भी बनाए I समारोह में प्रो. राजीव रतन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, जबकि अधिवक्ता हर्षवर्धन ने कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन किया। समारोह में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम के अध्यक्ष रमेश सब्बरवाल, अशोक गुप्ता, रघु मेहता सहित सीएआरडीसी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, संस्कार भारती के पदाधिकारियों के साथ ही कई प्रमुख नागरिक, नागरिक समाज के सदस्य, संकाय सदस्य, छात्र, विद्वान आदि स्थानीय लोग भी परिवार सहित उपस्थित थे।