
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं
नींद उड़ी-सेहत बिगड़ी-पर्याप्त नींद के बिना दीर्घकालीन और गंभीर समस्याएं महसूस हो सकती है
गोंदिया : वैश्विक स्तरपर भारतीय संगीत गीत फिल्मों को करीब-करीब पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। क्योंकि दुनिया में ऐसे कम ही देश होंगे, जहां मूल भारतीय ना बसते हों। भारतीय संगीत क्षेत्र सदियों पुराना मीठा सुरीला है। बस समय के साथ-साथ उसमें परिवर्तन होते होते आज डिजिटल इंडिया में संगीत क्षेत्र में भी नया इतिहास रचा जा रहा है, जो तारीफ़ ए काबिल है। हम अगर संगीत क्षेत्र में उप शेत्र गीतों में गौर करेंगे तो हमें नींद पर अनेक गीत मिलेंगे जो न केवल दशकों पुराने भी हैं, परंतु विविधता में एकता याने हर भाषा क्षेत्र में हमें नींद के संबंधमें गीत ज़रूर मिलेंगे उसमें भी हमें प्रेम प्रसंग के ऊपर यह गीत अधिक मिलेंगे, जैसे 1960 के दशक का गीत कभी रहती थी आंखों में नींद अब बसते हैं सांवरिया, 1990 का मुझे नींद ना आए मुझे चैन ना आए न जाने कहां दिल खो गया, से लेकर अभी 2025 तक हमें ऐसे हजारों लाखों में गीत मिलेंगे जहां नींद खोने की का केंद्रीय मुद्दा है। उसी तरह कहावतों में भी हमें रातों की नींद उड़ गई जैसे अनेक किस्से कहानियां कहावतें मिलेगी! इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कि पर्याप्त नींद के बिना दीर्घकालीन और गंभीर समस्याएं महसूस हो सकती है। पर्याप्त नींद हमारे शरीर और मस्तिष्क को आराम देने की प्रक्रिया है। पर्याप्त नींद फ्रेश ऊर्जावान और अच्छी यादाश्त का टॉनिक भी है। इसलिए आओ चैन की नींद सोए।
साथियों बात अगर हम पर्याप्त नींद ना आने के कारणों की करें तो, आमतौर पर अनिद्रा का कारण तनाव व थकावट हो सकती है, लेकिन इसके कुछ निम्न कारण भी हो सकते हैं, हर रोज सोने के समय में बदलाव होना। दोपहर में सोना या झपकी लेना। सोते वक्त ज्यादा शोर होना या रूम में अधिक लाइट होना। व्यायाम न करना। सोते वक्त मोबाइल व टीवी जैसे उपकरणों का उपयोग करना। धूम्रपान करना। पूरे दिन कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करना। कुछ खास तरह की दवाइयों का सेवन करना।रात के वक्त काम करना। चिंता या तनाव। कुछ खास तरह के नींद संबंधी विकार।शरीर में कोई परेशानी होना या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होना जैसे – मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, तनाव।जीवनशैली में बदलाव इत्यादि। अनिद्रा या उन्निद्र रोग (इनसॉम्निया) में रोगी को पर्याप्त और अटूट नींद नहीं आती, जिससे रोगी को आवश्यकतानुसार विश्राम नहीं मिल पाता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बहुधा थोड़ी सी अनिद्रा से रोगी के मन में चिंता उत्पन्न हो जाती है, जिससे रोग और भी बढ़ जाता है। स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद सोना जरूरी है, लेकिन आजकल कई लोग अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीमारी को अंग्रेजी में इंसोमनिया कहा जाता है। यह एक प्रकार का नींद संबंधी विकार है। इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है। ऐसा होने से स्वास्थ्य पर असर होता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। अनिद्रा के लक्षण यह भी हो सकते हैं, सोने की कोशिश करने पर भी नींद न आना, नींद आने पर भी थोड़ी देर में जागना या बार-बार नींद टूटने की शिकायत होना, नींद से उठने के बाद भी खुद को ताजा महसूस नहीं करना और सुस्ती आना, व्यक्ति खुद को अस्वस्थ महसूस करता है, अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा चिड़चिड़ा रहता है और बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता है, अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति को चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती है।