लाइब्रेरीज़ सिर्फ पुस्तकों के संग्रहण स्थल नहीं, बल्कि नवाचार के केंद्रः डॉ. पाटिल

Libraries are not just storage places for books but also centres of innovation: Dr. Patil

रविवार दिल्ली नेटवर्क

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के केंद्रीय पुस्तकालय एवम् नॉलेज रिसोर्स सेंटर की ओर से आधुनिक पुस्तकालयों के लिए सशक्तिकरण कौशल पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग सत्र

मुंबई एजुकेशनल ट्रस्ट के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नासिक के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. संभाजी जी. पाटिल ने कहा, वर्तमान युग के पुस्तकालय केवल पुस्तकों के संग्रहण स्थल नहीं हैं, बल्कि वे ज्ञान, नवाचार, सतत अधिगम, समाज-निर्माण और सामुदायिक विकास के जीवंत केंद्र बन चुके हैं। हम सभी पुस्तकालयकर्मी इस केन्द्र की धुरी हैं। उन्होंने अपने सारगर्भित व्याख्यान में आधुनिक पुस्तकालयों में हो रहे डिजिटल परिवर्तन, डेटा प्रबंधन, उपयोगकर्ता अनुभव और सूचना साक्षरता जैसे समसामयिक विषयों पर भी गहन प्रकाश डाला। प्रशिक्षण सत्र में प्रतिभागियों को डिजिटल संसाधन प्रबंधन यूज़र इंगेजमेंट, ई-लाइब्रेरी टूल्स के संग-संग अन्य नवीनतम तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म्स के प्रयोग और क्रियान्वयन की जानकारी दी गई। दूसरी ओर डॉ. पाटिल ने टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन से उनके कार्यक्रम में शिष्टाचार भेंट की। डीन ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। डॉ. संभाजी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के केंद्रीय पुस्तकालय एवम् नॉलेज रिसोर्स सेंटर की ओर से आधुनिक पुस्तकालयों के लिए सशक्तिकरण कौशल पर आयोजित हैंड्स ऑन ट्रेनिंग सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। प्रशिक्षण के दौरान सवाल-जवाब का दौर भी चला। अंत में सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

डॉ. संभाजी जी. पाटिल ने पुस्तकालय पेशे को लाइफ लॉन्ग लर्निंग प्रोफेशन बताते हुए स्पष्ट किया कि जब तक पुस्तकालय स्टाफ स्वयं सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रहेंगे, तभी वे उपयोगकर्ताओं को प्रभावी रूप से ज्ञान उपलब्ध करा सकेंगे। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे केवल सूचना के संरक्षक ही नहीं, बल्कि संवाद के माध्यम, नवाचार के वाहक और टीम नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएं। डॉ. पाटिल बोले, भविष्य के पुस्तकालयों को वर्चुअल असिस्टेंट, इंटरफेस डिज़ाइन, ऑटोमेशन और ब्लॉकचेन जैसी उभरती तकनीकों को अपनाकर न केवल परिवर्तन को स्वीकारना होगा, बल्कि उसमें नेतृत्व भी करना होगा। टीएमयू की पुस्तकालयाध्यक्षा डॉ. विनीता जैन ने कहा, इस प्रशिक्षण के माध्यम से हम अपने ज्ञान को अद्यतन करें। अपने कौशल को सशक्त करें और अपने पुस्तकालयों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करें। इस सत्र का प्रमुख उद्देश्य पुस्तकालय कर्मचारियों को डिजिटल युग की बदलती मांगों के अनुरूप आधुनिक तकनीकी दक्षताओं, सूचना प्रबंधन कौशलों और व्यावसायिक क्षमताओं में दक्षता प्रदान करना था, ताकि वे उपयोगकर्ताओं को अधिक प्रभावी, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर सकें।