लोकसभा चुनाव 2024 : सातवें चरण में 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में

Lok Sabha Elections 2024: 904 candidates are in the fray in the seventh phase

  • इस बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जीत के रिकार्ड पर रहेगी सभी की नजरे

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

भारत में 18 वीं लोकसभा के लिए हो रहे लोकसभा आम चुनाव अब अपने आखिरी दौर में पहुंच गए है। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में एक जून को होने वाले 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 57 संसदीय क्षेत्रों में कुल 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में आमने सामने हैं। इनमें सबसे उल्लेखनीय और चर्चित नाम है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल वाराणसी से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में तीसरी बार चुनाव मैदान में है।

आम चुनाव के सातवें चरण में,उत्तर प्रदेश और पंजाब में सर्वाधिक 13-13 संसदीय क्षेत्रों में चुनाव होगा। इसी प्रकार पश्चिम बंगाल की 9, बिहार की 8, ओडिशा की 6, हिमाचल प्रदेश की 4, झारखंड में 3 एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की 1 लोकसभा सीट पर एक जून को मतदान होगा। इनमें सर्वाधिक 328 उम्मीदवार पंजाब में चुनाव लड़ रहे है। इसके बाद 144 उम्मीदवार उत्तरप्रदेश में , बिहार में 134 और पश्चिम बंगाल में 124 प्रत्याक्षी चुनाव दंगल में अपना भाग्य अजमा रहे है। इसके अलावा ओडिशा में 66, झारखंड में 52,हिमाचल प्रदेश में 37 और चंडीगढ़ में 19 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है ।

लोकसभा के 7 वें और इस आखिरी चरण के लिए एक संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 16 है।

2019 की तुलना में 2024 का चुनाव पूरी तरह से बदला हुआ है। बिहार से लेकर यूपी तक में सियासी समीकरण बदले हुए हैं। पिछले 27 वर्षों से पंजाब में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाला अकाली दल इस बार अलग होकर चुनाव लड़ रहा है। इसी प्रकार बंगाल में ममता बनर्जी को अपनी सीटें बचाए रखने की चुनौती है। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान होना है। उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट पर परीक्षा होनी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सियासी वारिस माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी की डायमंड हार्बर और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती की पाटली पुत्र सीट पर इम्तिहान होगा।

अंतिम चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर मतदान होना है उनमें महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट शामिल हैं। ये सभी 13 सीटें पूर्वांचल क्षेत्र की हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा यहां 13 में से 9 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि दो सीटें उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थीं और दो सीटें बसपा को मिली थीं। बसपा ने गाजीपुर और घोसी सीटें जीती थीं, तो अपना दल(एस) ने मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज जीती थी।

इस बार भाजपा अंतिम चरण की 13 में से 10 सीट पर चुनाव लड़ रही है और तीन सीट पर उसके सहयोगी दल हैं। अपना दल (एस) दो सीट पर, तो ओम प्रकाश राजभर की पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है, वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा 9 सीटों और कांग्रेस 4 सीटों पर चुनावी किस्मत आजमा रही है। बसपा सभी 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है। इस चरण का चुनाव पूरी तरह से जातीय बिसात पर होता नजर आ रहा है, जिसमें ओबीसी वोटों के लिए भी सियासी खींचतान है। इसके अलावा बसपा के दलित वोट बैंक को भी साधने की कवायद भाजपा और सपा दोनों ही कर रही हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्वांचल के जातीय समीकरण को साधने में जो सफल रहेगा उसके लिए सियासी राह आसान हो सकती है।

आम चुनाव के सातवें चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज मैदान में है। वाराणसी के अलावा गोरखपुर, मिर्जापुर और गाजीपुर में दिलचस्प लड़ाई है। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर सीट पर भी वोटिंग होगी। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी चुनाव मैदान में हैं। माना जा रहा है कि घोसी, गाजीपुर और मिर्जापुर में पेंच फंसा हुआ है। गोरखपुर लोकसभा सीट भी वीआईपी सीटों की लिस्ट में शामिल है। यहां बीजेपी ने भोजपुरी अभिनेता और मौजूदा सांसद रवि किशन को टिकट दिया है। उनका मुक़ाबला सपा नेता काजल निषाद से हैं। वहीं बसपा ने मुस्लिम चेहरे जावेद सिमनानी पर दांव लगाया है। चंदौली लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे हैट्रिक लगाने के इरादे से मैदान में है। उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन की ओर से सपा के वीरेंद्र सिंह और बसपा के सत्येंद्र कुमार मौर्य से हैं। वहीं रॉबर्ट्सगंज सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प है। यहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू रिंकी कोल को टिकट दिया है जबकि सपा ने छोटेलाल खरवार और बसपा ने धनेश्वर गौतम को प्रत्याशी बनाया है।

घोसी लोकसभा सीट पर भाजपा को कड़ी चुनौती देखने को मिल रही है। इस सीट पर एनडीए को ओर से ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ताल ठोंक रहे हैं। सपा ने राजीव राय पर दांव चला है जबकि बसपा ने बालकृष्ण चौहान को उतारकर ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने की कोशिश की है। यहां लड़ाई त्रिकोणीय दिख रही है।

कुशीनगर लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प है।भाजपा की ओर से मौजूदा सांसद विजय दुबे इस बार हैट्रिक के इरादे से मैदान में हैं तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से अजय प्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य के आने से मुकाबला रोचक हो गया है। मौर्य राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं। मिर्जापुर से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल चुनाव लड़ रही है।वो लगातार दो बार यहां से सांसद रह चुकी है. सपा ने बीजेपी से आए रमेश बिंद को टिकट दिया है जबकि बसपा ने मनीष त्रिपाठी को चुनाव में उतारकर दलित-ब्राह्मण समीकरण को साधने की कोशिश की है। देवरिया लोकसभा सीट सपा-कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई है। इस सीट से कांग्रेस ने अखिलेश सिंह को टिकट दिया है, जबकि भाजपा की ओर से समाजसेवी शशांकमणि त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने यहां यादव चेहरे पर दांव चला है और संदेश यादव को टिकट दिया है। सलेमपुर में भाजपा ने फिर दो बार के सांसद रहे रवींद्र पर दांव लगाया है। उनका मुक़ाबला सपा की ओर से पूर्व सांसद रहे रमाशंकर राजभर से हैं। बसपा ने भीम राजभर को चुनाव में उतार राजभर वोटों को काटने की कोशिश की है। महाराजगंज सीट पर भाजपा की ओर से छह बार के सांसद रह चुके पंकज चौधरी, सपा की ओर से वीरेंद्र चौधरी और बसपा ने मौसम ए आलम को प्रत्याशी बनाया है।

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर लोकसभा सीट पर भी कड़ा मुक़ाबला देखने को मिल रहा है सपा ने यहां से मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। अफजाल ने पिछली बार बसपा के चुनाव चिन्ह पर यहा जीत हासिल की थी, वो पांच बार विधायक भी रह चुके हैं जबकि भाजपा की ओर से पारसनाथ राय चुनाव लड़ रहे हैं। बांसगांव सीट पूर्व सांसद सुभावती पासवान के बेटे कमलेश पासवान भाजपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में हैं।वो तीन बार सांसद रह चुके हैं। सपा ने यहां संदल प्रसाद और बसपा ने रामसमूझ सिंह को उम्मीदवार बनाया है। डॉ. रामसमूझ पूर्व इनकम टैक्स अफसर भी रह चुके हैं।

इस प्रकार सातवें चरण में कई दिग्गज मैदान में हैं। इनमें सबसे अहम उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट है, जहां पिछली दो बार से सांसद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में काशी नगरी ने विकास का नया आयाम छुआ है। प्रधान मंत्री मोदी ने 2019 में 2014 से भी ज़्यादा वोटों के अंतर के साथ चुनाव जीता था। इस बार लक्ष्य 2019 से भी बड़ी जीत का है। वहीं कांग्रेस ने वन अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर दांव खेला है और बसपा से अतहर जमाल लारी चुनाव मैदान में हैं।

अब यह देखना दिलचस्प है कि इस बार के चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में अपनी जीत का रिकार्ड किस सीमा तक बढ़ा कर एक नया मील का पत्थर स्थापित करेंगे?