संदीप ठाकुर
वर्तमान दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के रिटायरमेंट में तकनीकी
ताैर पर महज पांच दिन बचे हुए हैं लेकिन गृह मंत्रालय से पुलिस मुख्यलय
तक में इसे लेकर एक रहस्यमयी चुप्पी पसरी हुई है। उनके आने जाने काे लेकर
न काेई चर्चा है और न ही काेई हलचल। उल्टे श्री अस्थाना पहले की तरह ही
कामकाज काे अंजाम दे रहे हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज से भी ऐसा नहीं लगता कि
वे चंद दिनाें बाद रिटायर हाेने वाले हैं। गत वर्ष की घटना काे देखते हुए
यह कहा जा रहा है कि सरकार से बहुत नजदीकी रखने के कारण उन्हें दोबारा
एक्सटेंशन दिया जा सकता है। इस चर्चा काे इस बात से भी बल मिल रहा है कि
अभी तक उपराज्यपाल ने तीन अधिकारियों के नाम का प्रस्ताव नहीं भेजा है।
आमूमन एक माह पहले वरिष्ठता के क्रम में प्रस्ताव भेज दिया जाता था। इस
बार ऐसा नहीं हुआ है।
गत वर्ष 27 जुलाई को जब यूटी कैडर के 1988 बैच के अधिकारी बालाजी
श्रीवास्तव को 27 दिन बाद ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर उनकी जगह
राकेश अस्थाना को बीएसएफ में सेवानिवृत्ति से चार दिन पहले दिल्ली पुलिस
का नया कमिश्नर बनाने संबंधी आदेश जारी किया गया था, तभी पूरे महकमे में
यह संदेश चला गया था कि 1984 बैच के आईपीएस राकेश अस्थाना चीज क्या हैं।
इसलिए इस बार भी यह कयास लगाया जा रहा है कि सरकार से बहुत नजदीकी रखने
के कारण उन्हें दोबारा भी एक्सटेंशन दिया दिया जाएगा। किसी आईएएस यी
आईपीएस काे कितनी बार सर्विस एक्सटेशन दिया जा सकता है,इसे लेकर काेई
स्पष्ट गाइड लाइंस नहीं है। यह सरकार की मर्जी पर है कि वह सेवा विस्तार
यानी एक्सटेंशन दे या न दे। सनद रहे कि माैजूदा पुलिस कमिश्नर राकेश
अस्थाना 31 जुलाई 2021 को बीएसएफ के डीजी पद से सेवानिवृत्त होने वाले
थे। लेकिन इससे महज चार दिन पहले ही उन्हें एक साल का एक्सटेंशन देकर
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बना दिया गया था।
उन्होंने 27 जुलाई 2021 को पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाला था और उन्हें
27 जुलाई 2022 तक का एक्सटेंशन मिला हुआ है। ऐसे में उनका कार्यकाल महज
एक दिन बचा हुआ है। मंत्रालय सूत्राें की यदि माने ताे पुलिस कमिश्नर
राकेश अस्थाना द्वारा विगत 1 साल में किए गए कार्यों की काफी सराहना हुई
है। इसलिए यह माना जा रहा है कि उन्हें एक्सटेंशन मिलने की पूरी संभावना
काफी ज्यादा है। लेकिन यदि उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो उनकी जगह
कौन दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कमान संभालेगा ? गृह मंत्रालय यदि यूटी कैडर
से पुलिस कमिश्नर का चयन करता है तो ऐसे में 3 सबसे बड़े वरिष्ठ अधिकारी
1988 और 1989 बैच के हैं जो कमिश्नर बन सकते हैं। इनमें सबसे पहला नाम
27 दिन तक पुलिस कमिश्नर का पदभार संभालने वाले बालाजी श्रीवास्तव का है
जो सबसे सीनियर हैं। अभी वह बीपीआरएंडी के निदेशक हैं। उनके बाद वर्ष
1988 बैच के ही आईपीएस एसबीके सिंह व सुदंरी नंदा हैं। इनके बाद तिहाड़
जेल के डीजी संदीप गोयल का नाम सामने आता है जो वर्ष 1989 बैच के आईपीएस
अधिकारी हैं।