- अगर ताकत छक्का मारना है और गेंद भी मारने लायक है तो मारो छक्का
- जब मैं छक्के से काम चला लेता हूं, रोटेट की बाबत बहुत नहीं सोचता
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : नौजवान बल्लेबाज इशान किशन ने मात्र 84 गेंदों पर सात छक्कों और चार चौकों की मदद से 93 रन की तूफानी पारी खेलने के साथ श्रेयस अय्यर(नॉटआउट 113 रन) के साथ मिलकर रांची में तीसरे विकेट के लिए 161 रन की भागीदारी कर भारत को दूसरे वन डे में 25 गेंदों के बाकी रहते सात विकेट से जीत के साथ तीन मैचों की सीरीज में एक एक की बराबरी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इशान ने मैच के बाद कहा, ‘ कुछ खिलाडिय़ों की ताकत होती है स्ट्राइकर रोटेट करना वहीं कुछ खिलाडिय़ों की ताकत होती है छक्का मारना। मेरी ताकत है छक्का जडऩा। तो मेरे जैसे कोई इतनी जल्दी छक्कानहीं मार सकता। मैं छक्का बहुत आसान से मारता हूं। अगर मैं छक्के से ही काम चला लेता हंू तो फिर रोटेट करने की बाबत बहुत ज्यादा नहीं सोचता । फिर भी बहुत सी ऐसी पारियां आएंगी जहां स्ट्राइक रोटेट करना भी जरूरी होगा। जब जल्द विकेट गिर गए होंगे तब वाकई स्ट्राइकर रोटेट करना जरूरी होगा और इसके लिए भी प्रैक्टिस जरूरी है। पर अगर ताकत छक्का मारना है और गेंद भी मारने लायक है तो मारो छक्का। बेशक रोटेशन भी जरूरी है। मैं दौड़ कर सात रन ले लेता तो अपना शतक पूरा कर लेता। मैं कभी अपने लिए नहीं खेलता है। अपने देश की नुमाइंदगी करते हुए यदि मैं अपने खुद के स्कोर की बाबत सोचूंगा तो अपने प्रशंसकों को निराश करुंगा।एक आईपीएल मैच में हमारी टीम को दो गेंदों में जीत के लिए पांच रन की जरूरत थी और मैं तब खुद 99 रन पर खेल रहा था। यदि तब मैं स्ट्राइक रोटेट करने की बात सोचता तो तब हमारी अीम के लिए जीतना मुश्किल हो जाता ।
वह बताते हैं, ‘ बेशक रविवार को शतक से चूकना निराशाजनक है लेकिन मेरा मानना टीम के लिए 93 रन एक बड़ा योगदान है। । टीम को लय देना अच्छा है इससे आगे आने वाले बल्लेबाजों पर दबाव कम होता है। इस बार भारत की टी-20 विश्व कप में जगह नहीं बना जरूर अखरता है। मेरा मानना है कि चयनकर्ताओं ने मुझमें कुछ खामियां देखी होंगी और मुझे खामियों को दूर करना होाग। साथ ही मैंने लोगों को यह कहते सुना कि हमारी इस वन डे में खेल रही टीम भारत की बी यानी दूसरे दर्जे की टीम है और हममें इतना दम नहीं कि हम पूरी मजबूत दक्षिण अफ्रीका को हरा सकें। इस तरह की टिप्पणियों ने मुझे बहुत आहत किया और इसीलिए हम रविवार को अपना सर्वश्रेष्ठï खेल खेलना चाहते थे। हम पहला वन डे हार गए थे और हम इसीलिए दूसरा वन डे जीतना चाहते थे जिससे की हम बराबरी के साथ सीरीज के निर्णायक मैच में उतरे। दक्षिण अफ्रीका के पास दो लेफ्ट आर्म स्पिनर थे और खुद बाएं हाथ का बल्लेबाज हों ऐसे में उन पर प्रहार करने की जिम्मेदारी मेरी थी। मैं रांची में बहुत मैच खेलने के कारण इसकी पिच के मिजाज से वाकिफ था।मैं जानता हूं जब इस पर बाद में बल्लेबाजी की जाती है तो यह कुछ धीमी हो जाती है। लेफ्ट आर्म स्पिनर केशव महाराज की गेंदों को खेलने के बाद मैं यह जान गया था कि इस पिच में गेंदबाजों के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं है। गेंद के पुरानी पडऩे से पहले हम सभी अवसरों को भुना लेता चाहते थे।’
‘इशान और श्रेयस अय्यर की भागीदारी शानदार रही’
मैं खुश हूं कि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान केशव महाराज ने टॉस जीत कर हमें पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया। इशान और श्रेयस अय्यर की भागीदारी वाकई शानदार रही। गेंद बल्ले पर अच्छे से आ रही थी लेकिन कुछ धीमी रह रही थी।शुरू के दस ओवरों में हमारी योजना गेंदबाजों को निशाना बनाने की थी। एक बार जब मैदान पर ओस पडऩे लगी तो गेंद पिच पर कुछ फिसल रही थी और ऐसे में बैकफुट पर शॉट खेलना आसान था। मैं अपने गेंदबाजों, खासतौर पर नवोदित शाहबाज अहमद की शुरू दस ओवरों में गेंदबाजी से बहुत खुश हूं ।
– शिखर धवन, भारत के कप्तान
‘अपनी पारी से मैं बेहद उत्साहित हूं’
‘सच कहूं अपनी पारी से मैं बेहद उत्साहित हूं। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मैंने इशान से बात की। इशान की सोच दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों को निशाना बनाने की थी। हमने गेंदों को उनकी योग्यता के मुताबिक खेलने का फैसला किया। हम दिल्ली में अपने अगले मैच को खेलने के लिए जोश से भरे हैं। देखते हैं क्या होता है। मैं ऐसे बल्लेबाजं नहीं हूं जो कि गेंदबाजों को देख अपनी रणनीति बदलता है।
-श्रेयस अय्यर, मैन ऑफ द मैच