रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर । रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला के माध्यम से जयपुरवासियों को गुणवत्ता वाले मसाले उपलब्ध हो सके, इसके लिए सहकारिता विभाग देश एवं प्रदेश की सहकारी समितियों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। इस मेले के माध्यम से हजारों जयपुरवासी अपनी जरूरत के अनुसार वर्षभर के मसाले खरीदते है।
श्री अग्रवाल शुक्रवार को जवाहर कला केन्द्र में 9 मई तक आयोजित हो रहे राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2022 का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से 75 लाख रूपये से अधिक मसालों की बिक्री हो चुकी है। मेले में 10 प्रकार के साबूत गरम मसाले, 13 परम्परागत मसाले, 27 प्रकार के इंस्टेंट मसाले, 5 प्रकार के परम्परागत साबूत मसाले, 16 प्रकार के आचार, 26 प्रकार के शर्बत, 5 प्रकार की ठण्डाई, 5 प्रकार के मुरब्बे, 7 प्रकार की सूची सब्जियां, ड्राईफ्रूट, डेयरी उत्पाद, खाद्यान्न एवं अनाज, तेल एवं अन्य खाने की सामग्री सहित कुल 164 प्रकार के उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध कराए गए है।
रजिस्ट्रार ने कहा कि पहली बार मेले में जैविक उत्पाद के साथ-साथ जैविक सब्जिया भी आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के उपभोक्ता भंडारों जैसे जयपुर, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, नागौर, जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, बीकानेर बूंदी, के द्वारा क्षेत्र विशेष में उत्पादित हो रहे खाद्यान्न एवं मसाले उचित मूल्य पर उपलब्ध कराए गए है।
श्री अग्रवाल ने मेले की विजिट के दौरान तमिलनाडू, केरल एवं पंजाब की स्टॉल पर उनके उत्पादों एवं बिक्री के के बारे में जानकारी ली। रजिस्ट्रार ने पंजाब के आंवला रस एवं राजसमंद की ठण्डाई का स्वाद भी लिया। उन्होंने आबूरोड़ की सौंफ,उदयपुर के गेंहू, बीकानेर के पापड़, कोटा भंडार की सामग्री, सीकर के प्याज, जैविक उत्पादों सहित अन्य सहकारी समितियों द्वारा लाई गई मसाला सामग्री एवं उत्पाद के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने विजिट के दौरान मसाला खरीदने आए लोगों से भी संवाद किया तथा मेले के बारे में फीडबैक लिया।
इस मौके पर कॉनफैड के प्रबंध निदेशक श्री वी.के. वर्मा ने कहा कि 7 दिन में 75 लाख रूपये से अधिक के मसाले जयपुरवासियों द्वारा खरीदे जा चुके है। विजिट के दौरान अतिरिक्त खंडीय रजिस्ट्रार जोधपुर श्री भोमाराम, संयुक्त रजिस्ट्रार सोनल माथुर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।