हमारे लिए वन डे सीरीज वन डे विश्व कप से पहले खिलाडिय़ों को आजमाने का आखिरी मौका: द्रविड़

  • टीम संयोजन को लेकर किए प्रयोग सही, निगाह हमेशा बड़ी तस्वीर पर
  • सूर्य बढिय़ा खिलाड़ी, पर अभी वन डे क्रिकेट सीख रहे हैं

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : चाहे भारत के चीफ कोच राहुल द्रविड़ हों या फिर कप्तान रोहित शर्मा टीम प्रबंधन में किसी के लिए टीम संयोजन को लेकर प्रयोग करने पर आलोचना की आशंका बराबर बनी रहती है। ब्रिजटाउन में पहले वन डे में बल्लेबाजी के लिए कप्तान रोहित शर्मा के बल्लेबाजी में निचले क्रम में उतरने और विराट को बल्लेबाजी के लिए न भेजे जाने पर दोनों को एकादश में रखे जाने की आलोचना हुई। विराट और रोहित को आराम देकर अक्षर, संजू सैमसन और उमरान मलिक को टीम में शामिल करने के प्रयोग के चलते भारत की वेस्ट इंडीज के हाथों दूसरे वन डे में छह विकेट से हार और मेजबान टीम के सीरीज में एक-एक की बराबरी पर भी चीफ कोच राहुल द्रविड़ सहित टीम प्रबंधन की आलोचना हुई।

भारत के चीफ कोच राहुल द्रविड़ ने टीम संयोजन को लेकर किए प्रयोगों को सही बताया और वह अब तक शुरू के दो वन डे के नतीजों को लेकर बहुत चिंतित नहीं हैं। द्रविड़ ने कहा, ‘हमारे लिए यह वेस्ट इंडीज के खिलाफ यह वन डे सीरीज वन डे विश्व कप से पहले अपने कुछ खिलाडिय़ों को आजमाने का आखिरी मौका था। हमारी निगाह हमेशा बड़ी तस्वीर पर ही होती हैै। अब एशिया कप को महीना भर बाकी है और उसके बाद हमें घर में आईसीसी वन डे विश्व कप में शिरकत करनी है। हमारे कुछ खिलाड़ी चोट से उबरने के लिए एनसीए में जुटे हैं। हमारे लिए तेजी से समय निकलता जा रहा है। हमें उम्मीद है कि हमारे कुछ खिलाड़ी एशिया कप और वन डे विश्व कप के लिए फिट हो जाएंगे। हमें ऐसे में कुछ अन्य खिलाडिय़ों को आजमाने के लिए उन्हें कुछ मैचों में मौका देना ही था। हमारी सोच यही कि फिट होने में जुटे खिलाडिय़ों में से किसी के फिट न होने की स्थिति में हमें आगे एशिया कप और वन डे विश्व कप में यदि कुछ और खिलाडिय़ों को उतारना पड़ा तो कम से वे कुछ मैच तो जरूर खेल कर उतरे। हमने सोचा की इस वेस्ट इंडीज के खिलााफ इस वन डे सीरीज में इससे हमें अपने खिलाडिय़ों की बाबत फैसला लेने में कुछ वक्त मिल जाएगा क्योंकि हमारे पास एशिया कप से पहले बस यही दो तीन मैच हैं। हम यदि विराट और रोहित को इस वन डे सीरीज के शुरू दोनों को में खिलाड़ी को उतारते तो हमें बहुत सवालों के जवाब नहीं मिलते क्योंकि चोट से फिट होने में जुटे खिलाडिय़ों की फिटनेस को एक आशंका तो बनी ही हुई है। यही कारण है हमने दूसरे वन डे मेंं कुछ अन्य खिलाडिय़ों को मौका देना चाहते थे क्योंकि यदि जरूरत आन ही पड़ी तो ये खिलाड़ी खेल सके।’

वह कहते हैं, ‘ चूंकि हमारी निगाह हमेशा बड़ी तस्वीर पर रहती है और हमें अब आगे एशिया कप और फिर अपने घर में आईसीसी वन डे विश्व कप में शिकरत करती है तो हमें बड़े परिप्रेक्ष्य को देखने की जरूरत है। हम केवल एक मेच और हर सीरीज को नहीं देख सकते और यदि हम ऐसा करते हैं तो फिर यह वाकई बड़ी गलती होगी।’

बेशक शुभमन गिल और हार्दिक पांडया ने इस वेस्ट इंडीज दौरे पर बहुत रन नहीं बनाए हैं और भारत के चीफ कोच द्रविड़ वेस्ट इंडीज में हालात को बल्लेबाजी के लिए चुनौतीपूर्ण मानते हैं। बावजूद इसके सवाल खासतौर पर टी-20 क्रिकेट में 360 डिग्री बल्लेबाज बताए जाने वाले सूर्य कुमार यादव (19, 24 रन) के वन डे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और खासतौर पर शुरू मौजूदा वन डे सीरीज के शुरू के दो मैचों में अब तक अपना जलवा न दिखाए पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सूर्य कुमार यादव की बाबत द्रविड़ कहते हैं, ‘ सूर्य वाकई बेेशक बढिय़ा खिलाड़ी हैं। खासतौर पर टी-20 क्रिकेट में और सफेद गेंद से घरेलू क्रिकेट सूर्य अपने बल्ले के धमाल से यह साबित भी कर चुके हैं। सूर्य भी इस बात को मानेंगे कि उनके वन डे के आंकड़े उनके खुद के बनाए मानदंडों के मुताबिक नहीं है।

संभवत: सूर्य खुद अभी वन डे क्रिकेट सीख रहे हैं। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज करने से पहले सूर्य ने आईपीएल में खासी प्रतिस्पद्र्धी क्रिकेट खेले। वन डे वह टी-20 जैसी प्रतिस्पद्र्धी क्रिकेट नहीं खेले क्योंकि वन डे के लिए कोई आईपीएल नहीं है। सूर्य बीच के ओवरों में बल्लेबाजी करना सीख रहे हैं। सूर्य में प्रतिभा है और हम उन्हें अधिक से अधिक मौके देना चाहते हैं।अब यह सूर्य पर निर्भर करता है कि वह मिले इन मौकों को भुनाए। हमारा जैसा ढांचा है हम खिलाडिय़ों को जितने मौके मुमकिन हों सके।

उतने मौके देते हैं। रही बात इशान किशन की तो उन्होंने इस वन डे में मिले मौकों को वाकई बढिय़ा ढंग से भुना और वेस्ट इंडीज के इस दौर पर दूसरे व आखिरी टेस्ट और शुरू के दो वन डे सहित भारत के लिए पिछले तीनों मैचों में अद्र्धशतक जड़े । इशान मौका मिलने पर उसे भुनाते हैं। हम बस नौजवान क्रिकेटर से यही उम्मीद करते है। हम नौजवान खिलाड़ी को ज्यादा से मौका देना चाहते है। हम हर किसी को हर बार मौका नहीं दे सकते। अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी हैं। हमारी हर मुमकिन कोशिश हर किसी को मौका देने की रहती है। रोहित और विराट दूसरे वन डे ये बाहर बैठे और हमने शनिवार रात कुछ खिलाडिय़ों को मौका दिया। हमें इन हालात में ये जोखिम उठाने ही थे। यह हम बड़े टूर्नामेंट में शिरकत कर रहे हें तो हमें कुछ खिलाडिय़ों को तैयार करने और खास स्थिति के लिए जवाब तलाशने की जरूरत है।’