ताज किसके सिर पर सजेगा? मोदी,शाह और नड्डा कर रहें हैं गंभीर मन्थन

गोपेंद्र नाथ भट्ट

राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के मुख्यमन्त्री का ताज किसके सिर पर सजेगा? इसको लेकर सारे देश की निगाहे टिकी हुई है।

इधर दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके चाणक्य केन्द्रीय गृह अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा किस प्रदेश में किसको मुख्यमंत्री बनाया जायें इस पर गंभीर मन्थन कर रहें हैं।इस बार इनके लिए यह एक कठिन परीक्षा साबित हों रही है क्योंकि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे प्रत्यक्ष मध्य प्रदेश में शिव राज चौहान अप्रत्यक्ष और छत्तीस गढ़ में एक केन्द्रीय महिला नैत्री मुख्य मंत्री बनने के लिए ज़बर्दस्त शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं।

वैसे राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री और इतनी ही बार केन्द्रीय मंत्री पाँच बार सांसद राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष आदि की जिम्मेदारी का निवर्हन करने वाली वसुन्धरा राजे अपना मज़बूत दावा पेश कर रही है और रविवार को चुनाव परिणाम आने के बाद से अब तक सत्तर से अधिक विधायक उनके जयपुर स्थित सरकारी मकान में उनसे मिल कर उनके नेतृत्व में विश्वास व्यक्त कर चुके है । इन विधायकों का कहना है कि भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता से शिष्टाचार भेंट करने में कोई ग़लत बात नही है,वही कुछ ने इस बारे में अपनी कोई राय प्रकट किए बिना कहा कि भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा किए जाने वाले निर्णय पार्टी के हर नेता को मंज़ूर होंगा।

जयपुर में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की सरे आम हत्या के बाद राजस्थान में राजनीतिक वातावरण के साथ ही करणी सेना के कार्यकर्ताओं का ग़ुस्सा भी उबाल पर है और उन्होंने बुधवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया हैं। साथ ही प्रदेश में अलवर जिले के तिज़ारा से हाल ही विधायक बने बाबा बालक नाथ को मुख्य मंत्री बनाने की माँग बढ़ रही हैं।राजस्थान में इस बार बालक नाथ के साथ भाजपा के चार बाबा बाल मुकंदाचार्य प्रताप पुरी और ओटाराम देवासी चुनाव जीतें हैं।

राजस्थान में मुख्यमंत्री की रेस में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत अर्जुन राम मेघवाल अश्विनी वैष्णव भूपेन्द्र यादव लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भाजपा के खाँटी नेता ओम प्रकाश माथुर सांसद विधायक दिया कुमारी महन्त बालक नाथ और प्रकाश गुप्ता आदि कई नामों की लम्बी कतार है। वैसे ही मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ में भी मुख्यमंत्री की रेस में शिवराज सिंह चौहान और रमण सिंह के साथ ही अन्य नेता भी कतार में है लेकिन कोई भी गारण्टी के साथ यह कहने की स्थिति में नही है कि वह सी एम बनेगा।खबर लिखने तक प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग कर रहें है और इस बात पर मन्थन किया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव की दृष्टि से किसे मुख्यमंत्री के सिंहासन पर बिठाना सही संकेत देने वाला होंगा।

भाजपा के सत्ता में लौटने के साथ ही राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जयपुर से दिल्ली तक चर्चाएं जोरों पर है। जयपुर में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास पर विधायकों के इकट्ठा होने को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व खुश नही बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजे को संदेश भेज कर दिल्ली बुलाया गया है ।वही दूसरी और दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंगलवार को चुनाव प्रभारी और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने मुलाकात की और विधायक दल की बैठक और पार्टी के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर विचार विमर्श किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक शीघ्र ही जयपुर में आयोजित की जायेंगी और वहां मुख्यमंत्री के नाम का पैनल तैयार कर अंतिम निर्णय के लिए संसदीय बोर्ड को भेजा जायेगा जिससे कि जल्दी फैसला किया जा सके।फिलहाल जयपुर में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास पर विधायकों के मिलने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने के लिए नव निर्वाचित विधायक कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेमचंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, ललित मीणा, कंवरलाल मीणा, राधेश्याम बैरवा, कालूलाल मीणा, केके विश्नोई, विक्रम बंशीवाल,भागचंद टाकड़ा, रामस्वरूप लांबा, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, समाराम गरासिया, रामसहाय वर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, शत्रुघ्न गौतम, गजेंद्र खींवसर, गुरवीर सिंह आदि वसुंधरा के आवास पर पहुँचे और उनसे मुलाकात की। इन सभी विधायकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

बुधवार को दिल्ली में नए सीएम को लेकर हलचल और अधिक तेज होने की उम्मीद है । फ़िलहाल सभी विधायकों को शीर्ष नेतृत्व की ओर से निर्देश दिए गए बताते है कि हैं कि वे ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे कि गलत संदेश जाए।

फिलहाल मुख्यमंत्री को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा मुख्यमंत्री का फैसला लंबे मंथन के बाद करना चाहती है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की आपसी सहमति से होगा। लेकिन अब दिल्ली में तीनों राज्यों की नई सरकार के गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है। देखना है कि आने वाले दिनों में कौन-कौन नेता मुक़द्दर का सिकन्दर बनेगा?