- हमारी एकादश में अश्विन, जडेजा के साथ कुलदीप यादव को होना चाहिए
- कुलदीप की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक साबित हो सकती है
- विराट के लिए ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रुख बेहतर
- शुभमन गिल और इशान किशन को मध्यक्रम में खेलना चाहिए
- ऑस्ट्रेलियाई लड़ाके हैं, भारत को उससे चौकस रहना होगा
- भारत नौजवान और अनुभव खिलाडिय़ों का बढिय़ा तालमेल
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : अपने जमाने के बेहतरीन लेफ्ट आर्म स्पिनर और बेहतरीन क्षेत्ररक्षक रहे 57 बरस के मनिंदर सिंह अपनी विविधतापूर्ण स्पिन के जाल में फंसा दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों को आउट करने में सफल रहे। मात्र 17 बरस की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज करने के बाद अचानक मनिंदर अचानक अपनी लय खो बैठे। मनिंदर सिंह को 1986 में चेन्नै में भारत के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले ऐतिहासिक ‘टाई’ टेस्ट में भले ही उन्हें ऑफ स्पिनर ग्रेग मैथ्यूज के ओवर की अंतिम पूर्व गेंद पर अंतिम बल्लेबाज के रूप में एलबीडब्ल्यू आउट रहने के लिए याद किया जाता है क्योंकि दूसरे छोर पर तब रवि शास्त्री 42 रन बनाकर नॉटआउट रहे थे। मनिंदर इस और इससे अगली गेंद खेल भी लेते या रन ले लेते तो भारत यह टेस्ट जीत जाता। खैर यह इतिहास है। बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि मनिंदर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए पहली पारी में शतक जडऩे वाले डेविड बून और कप्तान एलन बॉर्डर के साथ दोहरा शतक जडऩे वाले डीन जोंस को दूसरी पारी में सस्ते में आउट कर उसकी हालत खस्ता कर दी थी। प्रस्तुत है मनिंदर सिंह से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में बृहस्पतिवार में शुरू हो रहे चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच से पूर्व हुई बातचीत।
मनिंदर कहते हैं, ‘मेरा मानना है कि इस टेस्ट सीरीज का नतीजा भी स्पिनर ही तय करेंगे। मेहमान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की क्रिकेट सीरीज में हमारी ताकत हमारा विविधतापूर्ण स्पिन आक्रमण ही रहेगा। पूरी उम्मीद है कि हम मेहमान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में स्पिनरों के लिए मुफीद पिचों पर ही खेलेंगे। इसके लिए हमारी भारतीय टेस्ट एकादश में स्पिन गेंदबाजी संयोजन में -अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा के साथ लेफ्ट आर्म लेग स्पिनर कुलदीप यादव को जरूर होना चाहिए। कुलदीप यादव की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खासतौर पर निर्णायक साबित हो सकती है। मैं कुलदीप यादव को भारतीय स्पिन आक्रमण का तुरुप का इक्का मानता हूं क्योंकि उनकी तरह के स्पिनर आज दुनिया में इने गिने ही हैं। कुलदीप यादव ने भारतीय टेस्ट टीम में वापसी कर बांग्लादेश के खिलाफ अपनी स्पिन का जादू दिखाया भी है। भारत के लिए अच्छी बात यह है घुटने के ऑपरेशन के चलते करीब छह महीने अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट से बाहर रहने के बाद लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा सौराष्टï्र की ओर से खेल फस्र्ट क्लास मैच में सात विकेट लेकर पूरे आत्मविश्वास के साथ भारतीय टेस्ट में वापस लौटे हैं। बेशक अक्षर पटेल ने जडेजा की गैरमौजूदगी में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। रवींद्र जडेजा के अनुभव के कारण तो एकादश में जगह के पहले हकदार है। दरअसल इस टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों के स्पिन आक्रमण भी दिलचस्प द्वंद्व देखने को मिलेगा। मैं ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर नाथन लियोन को बेहतरीन स्पिनर मानता हूं खासतौर पर अपने देश के मददगार स्थितियों में। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कितनी जल्दी भारत की पिचों से तालमेल बैठा सकेंगे।’
वह कहते हैं, ‘हाल ही में हमारे विराट कोहली जैसी धुरंधर बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ कुछ संघर्ष करते दिखे हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि हमारे विराट, चेतेश्वर पुजारा के साथ और इशान किशन जैसे बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ इसलिए जूझते दिखते हैं कि अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट के बेहद व्यस्त क्रिकेट कैलंडर के चलते उन्हें अपनी भारतीय स्पिनरों की मुफीद पिचों पर घरेलू क्रिकेट में खेलने का मौका ही बहुत कम मिल पाता है। इन पहले के हमारे सभी धुरंधर बल्लेबाज स्पिनरों को इसलिए बेहतर खेलते थे क्योंकि वे सभी घरेलू क्रिकेट में स्पिनरों की मुफीद पिचों पर बराबर खेलते थे। मेरा मानना है कि विराट के लिए टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों के खिलाफ जरूरत से ज्यादा रक्षात्मक रवैया छोड़ कर आक्रामक रवैया अपनाना ज्यादा बेहतर होगा। मैं बल्लेबाजी में इस समय पूरे रंग में चल रहे शुभमन गिल को भारत के मध्यक्रम में और विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में इशान किशन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की एकादश में देखना चाहूंगा। शुभमन गिल को टेस्ट में उसी तरह भारत के लिए मध्यक्रम में खेलना चाहिए जिस तरह सचिन तेंडुलकर और सौरभ गांगुली खेलते थे और वन डे सहित दोनों छोटे फॉर्मेट में इन दोनों की तरह भारत की पारी का आगाज करना चाहिए। कप्तान रोहित शर्मा के साथ केएल राहुल ही भारी का आगाज करें और कमोबेश भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकादश तश ही है। नौजवान ऋषभ पंत का दुर्घटना के कारण लंबे समय तक भारत के लिए अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट से बाहर रहना दुखद है। फिर भी मेरा मानना है कि इससे बाकी खिलाडिय़ों के लिए जो मौका बना है कि उसका उन्हें पूरा लाभ उठाना चाहिए और वे उठाएंगे भी ।
मनिंदर कहते हैं,’ऑस्ट्रेलियाई लड़ाके है इसीलिए भारत को उनसे चौकस रहना होगा। वहीं अपनी भारतीय टीम नौजवान और अनुभवी खिलाडिय़ों का बेहतरीन तालमेल है। ऑस्ट्रेलियाई टीम अलूर में खुद को भारतीय स्थितियों के मुताबिक जिस तरह खुद को ढाल कर आई उससे भारतीय को उसके स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, मरनस लबुशेन जैसे बल्लेबाजों को हल्के में लेने से बचना होगा। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का भारत के स्पिनर तो इम्तिहान जरूर लेंगे। भारत की एकादश में बतौर तेज गेंदबाज मैं बांग्लादेश में बेहतरीन गेंदबाजी के साथ नौजवान मोहम्मद सिराज के साथ उमेश यादव को भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण की बागडोर संभालते देखना पसंद करूंगा। जहां तक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी आक्रमण की बात है उसकी ताकत उसके कप्तान तेज गेंदबाज पैट कमिंस के साथ मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड हैं और कैमरून ग्रीन उसके संतुलन देते हैं। अब हेजलुड और स्टार्क के चोट से पूरी तरह न उबर पाने और पहले टेस्ट से बाहर होने के कारण जरूर ऑस्ट्रेलिया अपने तेज गेंदबाजी संयोजन को लेकर जरूर चिंतित होगी।Ó