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- गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज
- धे हिंदुस्तान ने गंगा,यमुना एवं सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान किया…!!
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
भारत में सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज में इन दिनों चल रहा महाकुंभ इस शताब्दी का सबसे बड़ा सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन हैं। इसकी भव्यता और विश्व में सबसे बड़े मानवीय समागम को देखते हुए प्रयागराज महाकुंभ-2025 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया हैं । आजकल पूरे देश और दुनिया में इसकी सबसे अधिक चर्चा हो रही है। इस महाकुंभ के छह प्रमुख शाही स्नानों में अब आखिरी स्नान शेष हैं जोकि महाशिवरात्रि के पर्व पर 26 फरवरी को होना है और इसके साथ ही 45 दिवसीय सदी का यह सबसे बड़ा महाकुम्भ भी सम्पन्न हो जाएगा।
तीर्थराज प्रयागराज में चल रहें महाकुंभ में हर कोई श्रद्धालु पहुंच कर गंगा, यमुना और लुप्त सरस्वती के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान एवं पुण्य कमाना चाहता हैं। अब तक करीब 62 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंच कर संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इस प्रकार करीब आधा हिंदुस्तान गंगा, यमुना एवं सरस्वती के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर चुका हैं। साथ ही जो लोग कतिपय कारणों से वहां नहीं पहुंच पाएं हैं,उन्होंने भी घर बैठें अपने परिजनों द्वारा संगम से लाए गए त्रिवेणी संगम के पवित्र जल से स्नान कर लिया हैं। इस प्रकार मोटे तौर पर भारत का अधिकांश सनातन हिन्दू समाज महाकुम्भ में स्नान का पुण्य कमा चुका हैं ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवताओं और असुरों के मध्य समुद्र मंथन के दौरान निकले 14 रत्नों में अमृत कलश को लेने की प्रतिस्पर्धा में अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरने का वर्णन हैं। ये बूंदें जहां जहां गिरी उन स्थानों पर हर 12 वर्ष में बारी-बारी से कुम्भ लगते है। साथ ही हर 6 वर्ष बाद अर्द्ध कुम्भ भी लगते हैं, लेकिन इस बार के प्रयागराज महाकुम्भ का एक अलग ही महत्व हैं क्योंकि ज्योतिषीय गणनाओं के संयोग अनुसार इस बार के महाकुम्भ का योग 144 वर्षों के बाद बना हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भारत सरकार और उतर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुम्भ को लेकर जिस प्रकार का आक्रमण प्रचार प्रसार किया गया जिसके परिणाम स्वरुप यह आयोजन अभूतपूर्व बन गया हैं।
हालांकि प्रयागराज महाकुंभ सम्पन्न होने में अब कुछ दिन ही शेष है,इसके बावजूद अथाह जन सैलाब अभी भी प्रयागराज की ओर उन्मुख हो रहा हैं। देश दुनिया के लोगों में सड़क, रेल और वायुमार्ग से प्रयागराज पहुंचने की होड सी लगी हुई है। विगत 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के शाही स्नान के बाद नागा साधुओं सहित विभिन्न अखाड़े, साधु-महात्माओं एवं शंकराचार्य, महामंडलेश्वर आदि के शिविर प्रयागराज से वापस लौट चुके हैं, फिर भी औसतन एक करोड़ लोग अभी भी प्रयागराज की ओर उमड़ रहें हैं। समाज का कोई ऐसा वर्ग नहीं हैं जो प्रयागराज पहुंचने से वंचित नहीं रहा हैं। देश-विदेश की अनेक हस्तियों के साथ ही धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के नेताओं,राजनेताओं,उद्योगपतियों,सिने अभिनेता और अभिनेत्रियों, विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों तथा अनेक विशिष्ठ गणमान्य लोग प्रयागराज की यात्रा कर चुके हैं और कई अभी भी वहां पहुंच रहें हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,राज्यसभा के उप सभापति, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्री गण, सांसद और विधायकगण तथा कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सपरिवार प्रयागराज पहुंच संगम में पवित्र स्नान किया हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ महाकुम्भ में कई बार शामिल हुए। इसी प्रकार राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी न केवल अपने परिवार बल्कि मंत्रिपरिषद के सभी साथियों और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ तथा अन्य प्रमुख नेताओं के साथ प्रयागराज महाकुम्भ में स्नान किया वरन यहां अपने मंत्री परिषद की बैठक भी आयोजित कर और देवस्थान से जुड़े मन्दिरों एवं पुजारियों के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लेकर एक मिसाल स्थापित की है। बाद में इसका अनुसरण अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी किया।राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य नेताओं ने भी संगम में डुबकी लगाई हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वास्थ्य कारणों से प्रयागराज नहीं जा पाये लेकिन, उनके पुत्र वैभव गहलोत ने प्रयागराज पहुंच पवित्र स्नान किया।
प्रयागराज महाकुम्भ में राजस्थान सरकार द्वारा बनाया गया भव्य राजस्थान मंडपम भी आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बना। इस मण्डप में प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क ढहरने और खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी की गई।
प्रयागराज महाकुम्भ में विदेशों से भी अनेक विशिष्टजन आए। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के अलावा ऑस्ट्रेलिया, भूटान, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, चीन, फिजी, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गुयाना, इंडोनेशिया, इजरायल, इटली, जापान, मलेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको, मंगोलिया, नेपाल, नीदरलैंड, पाकिस्तान, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड,त्रिनिदाद और टोबैगो, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि मंडलों ने भी महाकुंभ पहुंच कर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया हैं। इनके अलावा मिशन प्रमुखों, उनके जीवन साथियों और 77 देशों के राजनयिकों सहित 118 राजनयिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रयागराज में महाकुंभ का दौरा किया।
सदी के इस सबसे बड़े प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दौरान संगम स्थल और नई दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर भगदड़ मचने से कई लोगों की दुखद मौत होने के साथ ही मेला स्थल पर आगजनी होने आदि की कई अप्रिय घटनाएं भी हुई। साथ ही कई विवादास्पद बातें भी प्रकाश में आई, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस कुशलता के साथ प्रयागराज में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही विशालतम मेला गांव एवं विभिन्न स्नान घाट बनाने के अलावा पुलिस,कानून व्यवस्था, यातायात संचालन,टेंट्स और अन्य स्थानों पर लोगों के ठहरने के इंतजाम,विभिन्न अखाड़ों और साधु संतों के शिविर तथा उनके स्नान आदि व्यवस्थाओं का सराहनीय कार्य किए गए है जिसका उल्लेख किया जाना सामयिक है। भारत सरकार ने भी प्रयागराज महाकुम्भ के लिए केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में विशेष रेलों को संचालित करने और विभिन्न ट्रेन में यात्रियों के लिए अतिरिक्त डिब्बों को जोड़ने के प्रबंध किए गए। साथ ही उत्तरप्रदेश एवं विभिन्न प्रदेशों की राज्य परिवहन बसों और असंख्य प्राइवेट बसों के साथ ही हवाई सेवाओं तथा चार्टर विमानों की व्यवस्थाओं और उनकी महंगी टिकटों ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसके अलावा लाखों लोग अपने-अपने निजी वाहनों या टैक्सियों और ग्रुप्स बना विशेष वाहनों से अभी भी प्रयागराज पहुंच रहें हैं। केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में इन मंत्रालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी भारतीय संस्कृति को उजागर करने एवं देशी विदेशी पर्यटकों को प्रयागराज की यात्रा के लिए आकर्षित कर अहम योगदान दिया हैं।
प्रयागराज महाकुम्भ की सफलता के लिए सबसे अधिक तारीफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साथ ही स्थानीय पुलिस और सेना के तीनों अंगों थल,जल और नभ के जवानों, पैरा मिलेट्री स्टॉफ एवं एजेंसियां, समाजसेवी, धार्मिक और अन्य संस्थाओं के कार्यकर्ताओं तथा स्थानीय लोगों की करनी होंगी जोकि अपने चेहरों पर कोई शिकन लाए बिना प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सेवा और मदद में जुटे हुए हैं। प्रयागराज महाकुंभ के इस विशालतम आयोजन ने उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व में अब तक 2 लाख करोड़ रु की अतिरिक्य आय अर्जित कराने के साथ ही प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को रोजगार के नए अवसर देने के अलावा देश और विदेश में पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए प्रगति के असीम अवसर प्रदान कर नए कीर्तिमान बनाए हैं।
इस लेख के लेखक को भी सपरिवार प्रयागराज महाकुंभ में जाने का सौभाग्य मिला और संगम में पवित्र स्नान की अद्भुत अनुभूति भी हासिल हुई । हकीकत में प्रयागराज के महाकुम्भ ने पूरे विश्व में भारत की सांस्कृतिक,धार्मिक और आध्यात्मिक पताका को बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई हैं।