रेडियोलॉजी और रेडियोग्राफी: स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाने वाली तकनीक

Radiology and Radiography: Technology Revolutionizing Healthcare

दिलीप कुमार पाठक

(विश्व रेडियोग्राफी रेडियोलॉजी दिवस 8 नंवबर 2025)

विश्व रेडियोग्राफी दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल जागरूकता कार्यक्रम है जो हर साल 8 नवंबर को मनाया जाता है l आज का दिन चिकित्सा क्षेत्र में रेडियोलॉजी और एक्स-रे जैसी तकनीकों के योगदान को मान्यता देने का दिन है, यह दिन विलहेम रंटगेन द्वारा 1895 में एक्स-रे की खोज की जिसे वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने चिकित्सा विज्ञान में क्रांति ला दी, इस दिन का उद्देश्य रेडियोलॉजी के पेशेवरों की भूमिका को सम्मानित करना और लोगों में जागरूकता फैलाना है, यह रेडियोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे नए विकास और शोध को बढ़ावा देने का भी एक अवसर है। यह दिन रेडियोलॉजी के क्षेत्र में किए गए योगदान और एक्स-रे जैसी तकनीकों के महत्व को स्वीकार करने के लिए है, रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सा पेशेवर इस दिन की घटनाओं और जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, यह दिन चिकित्सा विज्ञान के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर है। विश्व रेडियोग्राफी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य रेडियोलॉजी और चिकित्सा इमेजिंग के योगदान को मान्यता देना है, जो रोगों के निदान और उपचार में सहायक होते हैं, इस दिन को मनाकर हम रेडियोलॉजी के पेशेवरों के कार्यों का सम्मान करते हैं और उनके प्रयासों को उजागर करते हैं, यह दिन चिकित्सा में नए विकास और तकनीकी इनोवेशन को बढ़ावा देने का भी अवसर है l

विश्व रेडियोग्राफी दिवस को मनाने के लिए चिकित्सा संस्थानों, अस्पतालों और रेडियोलॉजिस्ट द्वारा जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार, कार्यशालाएँ और पब्लिक लैक्चर्स आयोजित किए जाते हैं, सोशल मीडिया पर इस दिन के महत्व को साझा करने के लिए पोस्ट्स और कैम्पेन चलाए जाते हैं, इसके अलावा, रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सा पेशेवर इस दिन को अपने योगदान को साझा करके मान्यता प्राप्त करते हैं।

रेडियोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) रेडियोलॉजी के बारे में अधिक व्यापक और गहन समझ की चाह रखने वालों के लिए, रेडियोलॉजी में बीएससी करना एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्नातक कार्यक्रम आम तौर पर तीन साल का होता है और एक अच्छी तरह से गोल पाठ्यक्रम प्रदान करता है जो चिकित्सा इमेजिंग, रेडियोग्राफिक प्रक्रियाओं और रोगी देखभाल के विभिन्न पहलुओं को कवर करता है। बीएससी रेडियोलॉजी के छात्र रेडियोग्राफिक प्रक्रियाओं की पेचीदगियों में तल्लीन हो जाते हैं, मरीजों को कैसे रखना है, इमेजिंग उपकरण कैसे चलाना है, और उच्च गुणवत्ता वाली नैदानिक छवियाँ कैसे खींचते हैं, यह सीखते हैं। यह व्यावहारिक प्रशिक्षण नैदानिक सेटिंग में आवश्यक तकनीकी कौशल विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है। 12वीं पूरी करने के बाद करियर का चुनाव महत्वपूर्ण निर्णय है। 12वीं के बाद रेडियोलॉजी पाठ्यक्रम उन लोगों के लिए एक आशाजनक अवसर प्रदान करता हैं जो प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से आकर्षित हैं।अगर आप ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 की शिक्षा पूरी की है और आपके गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषयों में न्यूनतम 50% या उससे अधिक अंक है तो 12वीं के बाद बीएससी रेडियोलॉजी पाठ्यक्रम आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं। रेडियोलॉजी में बीएससी करने से इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर खुल सकते हैं, जिनमें रेडियोलॉजिक टेक्नोलॉजिस्ट, सीटी स्कैन या एमआरआई टेक्नोलॉजिस्ट, और इंटरवेंशनल रेडियोग्राफी जैसे पद शामिल हैं। रेडियोलॉजी में बीएससी एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है। रेडियोलॉजी में निरंतर तकनीकी प्रगति इसे एक गतिशील और विकसित करियर पथ बनाती है।

हमारा देश रेडियोग्राफी में अद्भुत रूप से आगे बढ़ रहा है परंतु देश की बड़ी आबादी के लिए रेडियोलॉजिस्टों की संख्या बहुत कम है, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में। अधिकांश प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्ट बड़े शहरों में केंद्रित हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच सीमित है। इन तकनीकों का उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और निदान को बेहतर बनाना है, लेकिन इसका प्रभाव अभी अधूरा है। रेडियोलॉजिस्टों की कमी और CT/MRI जैसे महंगे उपकरणों की पहुंच एक बड़ी चुनौती है। टेलीरेडियोलॉजी कंपनियां इस समस्या को दूर करने में मदद कर रही हैं, लेकिन CT और MRI स्कैन की लागत अभी भी एक बाधा है। टेलीरेडियोलॉजी और अन्य डिजिटल तकनीकों को और अधिक विस्तारित करने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। रेडियोलॉजिस्टों की संख्या बढ़ाने और देश भर में उनके वितरण को संतुलित करने के लिए एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है।