गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता के रुप में पहली बार बोलते हुए राहुल गांधी सोमवार को अपरान्ह एक नए अवतार में दिखे । उन्होंने भाजपा एवं एनडीए पर जोरदार हमले किए और 20 से अधिक मुद्दों पर धाराप्रवाह बोले जिसकी वजह से प्रधान मंत्री केंद्रीय गृह मंत्री और सत्ता पक्ष के नेता बहुत असहज दिखें। राहुल गांधी के भाजपा पर हिंदुत्व वाले कटाक्ष पर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने उनके भाषण के मध्य खड़े होकर कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना यह एक गंभीर मसला है । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तो चार बार खड़े हुए, केंद्रीय रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह भी दो बार अपनी सीट से खड़े हुए।इसी तरह केंद्रीय कृषि मंत्री शिव राज सिंह चौहान और भाजपा के अन्य नेताओं को भी अपनी सीट से उठ कर रहलका प्रतिकार करना पड़ा। सभी ने राहुल गांधी की बातों को काटने का प्रयास किया। स्वयं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के नियमों और कायदों का हवाला देते हुए उनसे सदन की गरीमा और मर्यादा बनाए रखने की अपील की लेकिन राहुल गांधी रुके नहीं और अपनी पूरी बात को रख कर ही अपनी सीट पर बैठे।
उन्होंने इंडिया गठबंधन के सांसदों की भारी करतल ध्वनि और ट्रेज़री बेंच की भारी रोकटोक के बीच अपने धारदार 90 मिनिट के भाषण में संविधान की रक्षा, किसानों, अग्निवीरों, नीट परीक्षा, गरीबों एवं अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय, आरक्षण ,अयोध्या में भाजपा की हार सहित हर उस मुद्दे को उठाया और भाजपा की कमजोर नस को दबाया जिसके कारण भाजपा के सभी शीर्ष नेता बहुत असहज दिखें। इससे पहले राहुल गांधी ने रविवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो भी शेयर किया. जिससे ये संकेत मिल गए थे कि आज भी सदन में हंगामा देखने को मिल सकता है।
18 वीं लोकसभा चुनाव के बाद चल रहे इस पहले संसद सत्र में सोमवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कड़ा विरोध जताया गया। राहुल के बयान पर सदन में खूब शोर-शराबा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उठकर बीच में कहा कि हिंदूओं को हिंसक कहना गलत है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी से उनके बयान के लिए माफी मांगने को कहा। शनिवार और रविवार की छुट्टी के बाद संसद में सोमवार की कार्यवाही फिर से जब शुरू हुई तो सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष का भारी हंगामा देखने को मिला। इसके बाद लोकसभा से विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। वहीं संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा में भी मूर्तियों की जगह बदलने और अन्य मसालों पर राज्यसभा में खरगे और किरेन रिजिजू तथा अन्य सदस्यों के बीच वार-पलटवार भी देखने को मिला।
लोकसभा सत्र के इस प्रथम सत्र के छठे दिन सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी आमने-सामने आ गए। राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत जय संविधान से की और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए वे ‘हिंदुत्व’ पर पहुंच गए। चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अपने आपको हिंदू कहने वाले ये लोग केवल। हिंसा की बात करते हैं’,नफरत फैलाते है । उनके सदन में भगवान शिव और अन्य महापुरुषों के चित्र प्रदर्शित कर ‘अभय मुद्रा’ वाले बयान पर भी भारी हंगामा हो गया। राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान भगवान शंकर की तस्वीर दिखाई और कहा कि यह अभय रहने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि शिव की तस्वीर में त्रिशूल बाएं हाथ में होता है। यह दरअसल अहिंसा का प्रतीक है। भारत के सभी महापुरुष भी अहिंसा,प्रेम, भाईचारा,सद्भाव आदि बातें ही करते आए है । उन्होंने समाज में कभी नफरत फैलाने,हिंसा करने या फूट डालने की बात नहीं की।
लोकसभा में राहुल गांंधी ने नीट पर चर्चा की मांग भी की और अक्सर उनका माइक बंद हो जाने का मुद्दा भी उठाया। विपक्षियों के शोर-शराबे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि बाहर कई सदस्य आरोप लगाते हैं कि पीठासीन अधिकारी उनका माइक बंद कर देते है। आप में से कई सदस्य गण बरसों तकसड़ने माननीय सदस्य है ।आपको कई साल हो गए, आपका अनुभव है, आप मुझसे भी वरिष्ठ हैं, आसन से व्यवस्था रहती कि जिसका नाम पुकारा जाता है, वह अपनी बात कहता है। इसी व्यवस्था पर माइक का कंट्रोल चलता है। माइक का कंट्रोल आसन पर बैठे व्यक्ति के पास नहीं होता है। बल्कि तकनीकीलोग इस व्यवस्था का संचालन करते है।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी के ‘हिंदू’ बयान को लेकर अब बीजेपी ने भी उनकी घेराबंदी शुरू कर दी है।बीजेपी ने राहुल गांधी पर नेता विपक्ष पद की गरिमा गिराने का आरोप लगाया है और कहा कि पहली बार वह कोई संवैधानिक जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन उन्होंने बहुत गैर जिम्मेदार बयान दिया है। केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और किरण रिजिजू ने प्रति प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राहुल ने पूरे हिंदू समाज का अपमान किया है। उत्तरप्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा है कि हिंदू भारत की मूल आत्मा है। हिंदू सहिष्णुता, उदारता और कृतज्ञता का पर्याय है। हमें गर्व है कि हम हिंदू हैं! योगी ने कह कि मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में डूबी हुई, स्वयं को ‘एक्सीडेंटल हिंदू’ कहने वाली जमात के ‘शहजादे’ को यह बात भला कैसे समझ आएगी? आपको विश्व के करोड़ों हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए राहुल जी! आपने आज एक समुदाय को नहीं, भारत माता की आत्मा को लहूलुहान किया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी ने हिंदुओं का घोर अपमान किया है । पी चिदंबरम एवं सुशील शिंदे ने गृह मंत्री रहने के दौरान ‘हिंदू आतंक’ शब्द का उल्लेख किया था। सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर सवाल उठाते कहा कि 2013 में तबके गृह मंत्री और लोकसभा में सदन के नेता ने जयपुर में कहा था कि बीजेपी और आरएसएस लोगों को हिंसक बनने की ट्रेनिंग देते हैं …. । बाद में उन्हें फरवरी 2013 में अपनीस बयान पर खेद प्रकट करना पड़ा था। वर्ष 2014 में राहुल गांधी ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली थी , लेकिन इस बार अंग्रेज़ी में शपथ ली थी और वो भी ईश्वर के नाम पर नहीं …. क्या बदल गया 10 साल में।
उधर कांग्रेस महा सचिव प्रियंका गांधी ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी ने हिंदुओं के खिलाफ नहीं बल्कि भाजपा के विरुद्ध आरोप लगाए है। इधर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके चेंबर में मुलाकात होने की भी खबर है।राजनीतिक सूत्र बता रहे है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के अन्य कई वरिष्ठ नेता संसद में आज हुए वाक्या पर लंबी मंत्रणा कर रही है।
देखना है कि संसद के अंतिम दिन मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में किस तरह से प्रतिपक्ष पर विशेष कर राहुल गांधीके बयानों पर तीखे प्रहार करेगे?