राजाराम ने फिर बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान, हिंदी साहित्य सेवा के लिए मिलेगा शीर्ष सम्मान

  • विश्व हिंदी दिवस’ पर मुंबई में सम्मानित होने वाली देश की पांच चुनिंदा हस्तियों में बस्तर के डॉ राजाराम भी शामिल
  • नए साल की धमाकेदार शुरुआत.. ‘विश्व हिंदी दिवस’ पर मुंबई में सम्मानित होंगे बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी
  • आशुतोष राणा,अमेरिकी दूतावास के ग्रेग पार्डो, डॉ राजेंद्र प्रताप सिंह तथा डॉ. सुदर्शना द्विवेदी के साथ बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी को होगा सम्मान
  • उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल,कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा व सांसद मनोज कोटक के हाथों होगा सम्मान

विवेक कुमार

नए साल की शुरुआत में ही बस्तर तथा छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी खुशखबरी महाराष्ट्र मुंबई से आ रही है। ऐलान हुआ है कि, हिंदी भाषा की विशिष्ट दीर्घकालिक सेवा हेतु देश की पांच चुनिंदा हस्तियों 1-फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, 2-भारत के अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ग्रेग पार्डो, 3-डॉ राजेंद्र प्रताप सिंह चेयरमैन योगायतन ग्रुप, तथा 4-वरिष्ठ कहानीकार डॉ. सुदर्शना द्विवेदी के साथ 5- बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी को आगामी 10 जनवरी को *’विश्व हिंदी दिवस’* के पावन अवसर पर पर मुंबई में ‘हिंदी सेवा सम्मान व स्मारिका विमोचन समारोह’ में सम्मानित किया जाएगा। मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के तत्वावधान में बांद्रा पूर्व स्थित उत्तर भारतीय संघ भवन में शाम 4:00 बजे से आयोजित एक भव्य समारोह समारोह में *मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस , विशिष्ट अतिथि राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल , कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा एवं सांसद मनोज कोटक जी के करकमलों से इन हस्तियों को विशिष्ट-पदक तथा सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाएगा । आयोजक संस्थान के महासचिव विजय सिंह कौशिक ने बताया कि हिंदी के प्रचार प्रसार के क्षेत्र में दीर्घकालिक उल्लेखनीय योगदान हेतु *सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, उद्योगपति-योगायतन ग्रुप के चेयरमैन डॉ राजेंद्र प्रताप सिंह, जैविक-हर्बल खेती व जनजातीय समुदायों के उत्थान हेतु सतत उल्लेखनीय कार्य करने वाले बस्तर छत्तीसगढ़ के लेखक,कवि,पत्रकार छत्तीसगढ बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी,अमेरिकन काउंसलेट के प्रवक्ता ग्रेग पार्डो व वरिष्ठ पत्रकार कहानीकार सुदर्शना द्विवेदी को ‘हिंदी सेवा पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।* यहां यह रेखांकित किया जाना भी प्रासंगिक होगा कि डॉ. त्रिपाठी को हाल ही में बस्तर के आदिवासी गांवों में ‘गांडा समुदाय की परंपरागत चिकित्सा पद्धति’ पर महत्वपूर्ण दीर्घकालिक शोध-प्रबंध पर डॉक्टर की उपाधि प्रदान की गई है। डॉक्टर त्रिपाठी को इस राष्ट्रीय सम्मान दिये जाने की खबर से बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में तथा समूचे साहित्यिक जगत में हर्ष व्याप्त है।