राजस्थान को है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विकास की कई अपेक्षाएँ

Rajasthan has many development expectations from Prime Minister Narendra Modi

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 दिसम्बर को दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल बांसवाड़ा में प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े बांध माही बजाज सागर के बेक वाटर क्षेत्र में बांसवाड़ा रतलाम (मध्यप्रदेश) मार्ग पर 45 हजार करोड़ रु की लागत से बनने वाले परमाणु बिजली घर का शिलान्यास करने आ रहे है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान को कई सौगातें प्रदान की है फिर भी देश के सबसे बड़े भू भाग वाले प्रदेश राजस्थान को अपने सर्वांगीण विकास के लिए और प्रधानमंत्री के @2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विकास की कई अपेक्षाएँ है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस दिशा में प्रयत्नशील है।

राजस्थान भारत का सबसे बड़ा भौगोलिक प्रदेश है, जो अपनी भौगोलिक विविधता, ऐतिहासिक -सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। यहाँ एक ओर पश्चिम राजस्थान में थार का विशाल रेगिस्तान है तो दूसरी ओर दक्षिण में मेवाड़,वागड़ और हाड़ौती की ऐतिहासिक झीलें,बांध और नदियां हैं। वहीं शेखावाटी जैसी उपजाऊ घाटियाँ भी है । प्रदेश में खनिज विकास एवं सौर और पवन ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं और राजस्थान पर्यटन और हस्तशिल्प की अनूठी पहचान भी समेटे हुए है। ऐसे में राज्य की जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई तरह की विकासात्मक अपेक्षाएँ हैं।

राजस्थान के पिछड़े और रेगिस्तानी इलाक़ों में अभी भी सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी सीमित है। इस क्षेत्र के विकास से राज्य में बुनियादी ढाँचा विकास के साथ ही कनेक्टिविटी और अधिक आसान हो सकेगी। इसके लिए प्रदेश में सड़क रेलवे और वायु सेवाओ के और अधिक विस्तार की आवश्यकता है। हाल के वर्षों में मोदी सरकार ने प्रदेश में कुछ नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जैसे कोटा–चित्तौड़–नीमच और नीमच–बांसवाड़ा–दाहोद–नंदुरबार रेललाइन तथा डूंगरपुर -बांसवाड़ा -रतलाम रेल लाइन के रुके कामों को पुनः शुरू करने की मंजूरी दी है। इनसे आदिवासी अंचलों और राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों को देश के बड़े बाज़ारों से जोड़ने की उम्मीद है। जनता चाहती है कि इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाए।

सड़कें व एक्सप्रेसवे विकास के अन्तर्गत दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे और अमृतसर–जामनगर कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं शुरू की गई है । इससे राजस्थान में औद्योगिक निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देंगी। साथ ही अपेक्षा है कि ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़कों का जाल और सघन हो।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत हर गाँव तक पक्की सड़क, बिजली और डिजिटल कनेक्टिविटी पहुँचे।

राजस्थान में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए जयपुर उदयपुर और जोधपुर जैसे बड़े हवाई अड्डों के साथ-साथ अजमेर,कोटा, बीकानेर, जैसलमेर,श्रीगंगानगर और बांसवाड़ा जैसे छोटे हवाई अड्डों को भी उड़ान योजना के तहत नियमित उड़ानों से जोड़ा जाना अपेक्षित है।

राजस्थान का सबसे बड़ा संकट पानी है। यहाँ की लगभग 60 प्रतिशत आबादी पेयजल और सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर है। मोदी सरकार ने राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई आर सी पी) रामसेतु नहर परियोजना तथा यमुना जल को राज्य के शेखावाटी अंचल में लाने का मार्ग प्रशस्त किया है। राज्य की अपेक्षा है कि इस महत्त्वपूर्ण योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिल जाए, जिससे केन्द्र सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके। साथ ही इंटर-स्टेट जल साझेदारी की अन्य योजनाओं को भी केन्द्र से सहयोग मिले ताकि पेयजल और सिंचाई दोनों की समस्याओं का समाधान हो।जयपुर के पास रामगढ़ बंधे में कृत्रिम वर्षा (क्लाउड सीडिंग), माइक्रो इरिगेशन और ड्रिप जैसी तकनीकों को केंद्र की योजनाओं को बढ़ावा देने में भी अधिक केंद्रीय सहायता की अपेक्षा है।।

प्रदेश में औद्योगिक एवं ऊर्जा विकास को बढ़ावा देने की परियोजनाएं केन्द्रीय मदद के बिना आगे नहीं बढ़ सकती। राजस्थान के पास देश का सबसे बड़ा खनिज भंडार है—जिंक, मार्बल, जिप्सम, लिग्नाइट और पत्थर की खानें। खनिज आधारित उद्योग: विकास के लिए केन्द्र सरकार से अपेक्षा है कि इन क्षेत्रों में नयी औद्योगिक नीतियाँ लाकर प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देगी ताकि प्रदेश में रोजगार बढ़े और राजस्व भी बढ़े। एम एस एम ई एवं स्टार्टअप्स की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया आदि योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और छोटे शहरों में नए उद्यम शुरू करने में मदद मिले। राजस्थान विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा हब बन रहा है। थार रेगिस्तान में पहले ही कई सौर पार्क बन चुके हैं। जनता की अपेक्षा है कि केन्द्र सरकार इसे दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा हब बनाए, जिससे हरित ऊर्जा और रोजगार दोनों बढ़ें।

राजस्थान में कृषि और ग्रामीण विकास जरूरी हैं
प्रदेश में बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है, परन्तु यहाँ की भूमि सूखा-प्रभावित रहती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत समय पर क्लेम और सरल प्रक्रिया से किसानों को राहत मिले यह अपेक्षा है। राज्य में सूखा–रोधी बीज, पशुपालन, बागवानी व दुग्ध उत्पादन के लिए नए केन्द्र और अनुसंधान प्रयोगशालाएँ खोली जानी चाहिए।

राजस्थान अपने पर्यटन एवं सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व प्रसिद्ध है।राजस्थान की पहचान उसकी किलों, हवेलियों, लोककला और धार्मिक स्थलों से है। जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, अजमेर, पुष्कर जैसे पर्यटन स्थलों पर आधुनिक बुनियादी ढाँचे, स्वच्छता, गाइड और सुरक्षा सेवाएँ और बेहतर तथा विश्वस्तरीय हों यह अपेक्षा है। राज्य में धार्मिक पर्यटन सर्किट शेखावाटी, मेवाड़, हाड़ौती, पुष्कर और करौली तथा वागड़ जैसे क्षेत्रों को धार्मिक और सांस्कृतिक सर्किट के रूप में जोड़ने के लिए विशेष पैकेज मिले।अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग अभियानों में राजस्थान को और अधिक प्राथमिकता मिले।

राज्य के पिछड़े व सीमावर्ती इलाकों में स्वास्थ्य व शिक्षा का स्तर अभी भी सुधार की मांग है।
एम्स जोधपुर की तरह अन्य जिलों में भी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और टेलीमेडिसिन सुविधाएँ स्थापित हों। शिक्षा के क्षेत्र में आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आई टी जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं के कैंपस राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में खोले जाने चाहिए। स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत युवाओं को स्थानीय उद्योगों के अनुकूल प्रशिक्षण मिले। स्वयं सहायता समूहों और कौशल प्रशिक्षण से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। राजस्थान की पाकिस्तान से लगी लगभग 1070 किमी लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा है। बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट के अंतर्गत सीमावर्ती गांवों में सड़कों, स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों और इंटरनेट जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता मिले। राज्य में सुरक्षा आधारभूत ढाँचा मजबूत हो तथा सीमा सुरक्षा बल (बी एस एफ) के लिए आधुनिक उपकरण और सीमा पर फेंसिंग व निगरानी प्रणालियों को और मजबूत किया जाना चाहिए।

राजस्थान की जनता की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपेक्षाएँ केवल योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं बल्कि उनके तेज़ और पारदर्शी क्रियान्वयन की भी उम्मीद करते हैं जैसा प्रधानमंत्री की कार्यपद्धति से सभी अवगत है । राज्य का विकास तभी संभव होगा जब बुनियादी ढाँचा, पानी, कृषि, रोजगार, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों के बीच संतुलित और समन्वित योजना बनाई जाए। केन्द्र सरकार इन क्षेत्रों में ठोस कदम उठा रही है और विश्वास है कि राजस्थान न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि देश के समग्र विकास में भी एक नई गति और दिशा प्रदान करेगा।