पराली प्रबंधन कर करनाल के प्रगतिशील किसान कर रहे लाखों की कमाई, यहां पराली समस्या नहीं बल्कि बिजनेस मॉडल
रविवार दिल्ली नेटवर्क
करनाल : करनाल के कई प्रगतिशील किसान पराली की समस्या को एक अवसर के रूप में बदल रहे हैं। वे पराली को जलाने के बजाय खेत में ही जोताई कर देते हैं या इसे गांठों में बदलकर कंपनियों को बेचते हैं, जिससे वे लाखों रुपये कमा रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि कुछ साल पहले तक तकनीक के अभाव में पराली जलाना मजबूरी थी, लेकिन अब हैप्पी सीडर और कटर जैसी मशीनों की मदद से पराली का प्रबंधन आसान हो गया है। किसान पराली को खेतों में मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ा रहे हैं।
किसान सरकार की सख्ती के कारण, जिले के अधिकारी भी पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रख रहे हैं और वे स्वयं आग बुझाने में जुटे हैं। हाल ही में, करनाल के प्योत गांव में शुगर मिल के एमडी हितेंद्र कुमार ने सड़क से गुजरते समय एक खेत में पराली जलते देख गाड़ी रोककर पेड़ों की पत्तियों और टहनियों से उसे बुझाने का प्रयास किया।
हितेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों की मदद के लिए शुगर मिल में एक कंप्रेस बायोगैस प्लांट लगाया जा रहा है, जिसमें पराली और सब्जी मंडी के बायो वेस्ट का उपयोग कर गैस बनाई जाएगी।