प्रो. नीलम महाजन सिंह
ऐसा क्यों होता है कि जब कोई महिला, अपने पर किसी अन्य द्वारा किये अत्याचार के आरोप लगाती है तो उन पर गम्भीरता से एक्शन नहीं लिया जाता? विकृत मानसिकता व महिलाओं पर अपराधों का चक्रव्यूह पिछले 76 वर्षों के आज़ाद भारत में, अभी तक चल रहा है। मेरे 35 वर्षों से महिला सशक्तिकरण के शोध कार्य व लेखों में मैंने, सदेव महिलाओं की सशक्तता का आह्वान किया है। लेख लिखते हुए, मेरा दिल टूटा हुआ है व मेरी आत्मा छलनी है। मैंने महिला-सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर हज़ारों-हज़ार लेख लिखे हैं। हर बार-बार मुझे समय में पीछे जाकर महिलाओं के जीवन में घटी उन दर्दनाक घटनाओं को याद करना पड़ता है, जिन्हें साधारण भाषा में, ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’, कहा जाता है। स्वाति मालीवाल, राज्य सभा सांसद व पूर्व दिल्ली महिला कमिशन की अध्यक्षा हैं। स्वाति मालीवाल व ‘आप: आम आदमी पार्टी’ का पक्ष हम जान लेते हैं। स्वाति के साथ मारपीट व बदसलूकी पर किसकी बात सच है? आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वाति मालीवाल के आरोपों को बेतुका बताया व पूरे मामले को ‘बीजेपी की साज़िश’ बताया। दूसरी ओर बिभव कुमार, सीएम अरविंद केजरीवाल के सचिव ने इस मामले में ‘क्रॉस एफआईआर’ दर्ज करवाई है। इस बीच सवाल यह है कि आखिर मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर किस बात को लेकर यह झगड़ा हुआ? क्यों वे इस क्रूर घटना को राजनीतिक साजिश कह रहे हैं? स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार पर मारपीट व बदसलूकी के आरोप लगाये हैं।
दिल्ली पुलिस ने इसकी प्राथमिकी कर उसे गिरफ़्तार कर लिया है। अब इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी आ गए हैं, क्योंकि स्वाति ने उनकी मदद मांगी है और सारी बात उपराज्यपाल को बता दी है।
बिभव कुमार ने भी स्वाति के खिलाफ़ एक शिकायत दर्ज की है। परंतु इस ‘ काउन्टर कम्पलेंट’ की कोई मान्यता नहीं है। इस घटना का एक कटा-फटा वीडियो भी सामने आया है, जो दिल्ली सीएम हाउस का है। दिल्ली पुलिस नार्थ डी.सी.पी. मनोज कुमार मीणा ने इसकी विस्तृत जानकारी दी है। एसआईटी का गठन भी हो गया है। पुलिस टीम, अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची व सीन को रीक्रिएट किया गया है। आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वाति मालीवाल के ‘आरोपों को बेबुनियाद’ बताया है। पूरे मामले को बीजेपी की साज़िश ही बता दिया। अरविन्द केजरीवाल ने उल्टा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कहा है कि “मोदी जी यह जेल-जेल का खेल बंद कीजिए”। एक महिला पर भयाक्रांतक, आपराधिक अत्याचार का केजरीवाल को राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। कुछ समय से स्वाति विदेशों की यात्रा पर भी थीं। बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक, 13 मई की सुबह 9:00 बजे स्वाति मालीवाल, अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके सिविल लाइंस स्थित सीएम हाउस पहुंचीं।
ऑफिस में स्वाति ने सीएम के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार को कॉल किया। फिर स्वाति ने बिभव कुमार के वॉट्सऐप पर मैसेज किया। इसके बाद वो सीएम आवास की ओर चलीं गईं। वहां मौजूद स्टाफ से उन्होंने सीएम केजरीवाल तक मैसेज भिजवाया कि वे उनसे मिलना चाहतीं हैं। वहां सिक्युरिटी स्टाफ ने उनसे कहा कि सीएम कुछ देर में मिलेंगे, तब तक ड्राइंग रूम में बैठकर इंतजार करें। स्वाति इंतजार कर ही रही थीं कि अचानक बिभव कुमार वहां आए व उनपर चिल्लाने लगे। स्वाति का आरोप है कि बिभव कुमार ने उन्हें 7-8 थप्पड़ मारे, पेट व सीने पर लात मारी व उनका सिर सेंट्रल टेबल पर दे मारा। इस दौरान उनकी शर्ट के बटन खुल गए। वो किसी तरह खुद को छुड़ाते हुए सोफे पर बैठ गईं। फिर 112 डायल किया, कुछ देर बाद लोकल पुलिस व एसएचओ अपनी टीम के साथ सीएम आवास के पास पहुंचे। दिल्ली पुलिस की एक टीम ने स्वाति मालीवाल की करीब 4 घंटे पूछताछ की व एफआईआर दर्ज की। केस दर्ज होने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने जांच के लिए 10 टीमें बनाईं। 16 मई को रात 11 बजे, दिल्ली पुलिस, स्वाति मालीवाल को लेकर आल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट पहुंची थीं, जहां उनका मेडिकल करवाया गया। स्वाति के शरीर पर मारपीट के अनेक निशान हैैं। 17 मई 2024; को स्वाति मालीवाल ने तीस हज़ारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामन, धारा 164 सीआरपीसी के तहत अपना ब्यान दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने केजरीवाल आवास में लगे 8 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज प्राप्त कर ली है। वहां सबूतों के साथ भी छेड़ छाड़ की गई है। सभी डाटा को डिलीट कर दिया गया है। स्वाति के मेडिकल लीगल रिपोर्ट में अनेक चोटों के निशान भी हैं। स्वाति ने बताया कि केजरीवाल के घर, उन पर हमले के दौरान क्या-क्या हुआ।
एफआईआर में स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैंने बिभव कुमार से कहा कि वह मुझसे इस तरह बात करना बंद करें और सीएम को फोन करें। उसने कहा- तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी? उसने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिये।
मैं चिल्लाती रही, मैं बिल्कुल सदमे में थी व बचाव के लिए उसे धकेलने की कोशिश की। मुझे पीरियडस हो रहे थे, मैने उससे कहा कि कृपया मुझे जाने दें क्योंकि मैं बहुत दर्द में हूँ। उसने बार-बार पूरी ताकत से मुझ पर हमला किया। मैं कोशिश कर रही थी कि, मैं किसी तरह से बाहर निकल जाऊं। फिर मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर बैठ गई। हमले के दौरान मेरा चश्मा नीचे गिर गया था। वह मुझ पर झपटा, बुरी तरह से मेरी शर्ट को ऊपर खींच लिया, मेरी शर्ट के बटन खुल गए और मैं नीचे गिर गई। मैं लगातार मदद के लिए चिल्लाती रही। बिभव कुमार नहीं माना और अपने पैरों से मेरी छाती, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर लात मारकर मुझ पर हमला किया”।
यह वास्तव में संभाव है। स्वाति मालीवाल मामले में आप नेता व दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ‘आप’ का पक्ष रखा है। आतिशी ने कहा कि स्वाति मालीवाल झूठ बोल रही हैं व सीएम केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। शराब नीति केस में परिवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने पहली बार केजरीवाल को आरोपी भी बनाया है। “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ स्वाति मालीवाल की पहले से कोई मुलाकात तय नहीं थी। स्वाति जिस चोट की बात कह रही है वह कहीं दिख नहीं रही”। आतिशी तुम ने देखा क्या? क्या तुम डॉक्टर हो? उनका कहना है, “बीजेपी ने साज़िश के तहत स्वाति मालीवाल को 13 मई की सुबह अरविंद केजरीवाल के आवास पर भेजा था। इस साज़िश के तहत अरविंद केजरीवाल पर झूठे आरोप लगाने थे। स्वाति मालीवाल भाजपा साज़िश का बाह्य चेहरा है”। 14 मई को संजय सिंह द्वारा स्वाति मालीवाल के पक्ष में ब्यान दिया था। अब ‘आप’ कुछ ओर ही कह रही है? इस सवाल पर आतिशी ने कहा, “संजय सिंह ने जब मीडिया में घटना को देखा तो उस समय स्वाति से बात की थी। उस समय तक केवल स्वाति का ही पक्ष था। इसलिए ऐसा कहा था।एफआईआर में सारी बातें सामने आईं हैं। जो वीडियो में दिख रहा है वो साबित करता है कि स्वाति मालीवाल झूठ बोल रहीं हैं”। आतिशी मादरना, ही नहीं पूरी आम आदमी पार्टी इस वक्त बिभव कुमार के पीछे, ‘भाजपा कूच’ भी कर चुकी है। उल्टा आम आदमी पार्टी इल्ज़ाम स्वाति मालीवाल पर लगा रही है कि वो बीजेपी के इशारे पर इस मामले को तूल दे रही हैं। बीजेपी ने ‘इंडिया गठबंधन’ पर भी सवाल उठाए हैं। खैर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “अगर सही मायने में कुछ ग़लत हुआ है तो मैं उस महिला के साथ खड़ी हूँ। मैं हमेशा महिलाओं के साथ ही खड़ी रहती हूँ, चाहे वे किसी भी पार्टी की हों”। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “केजरीवाल पूरे मामले का स्पष्टीकरण दें और देश की महिलाओं से माफी मांगें। महिलाओं के बारे में बात करने वाले सीएम ने कुछ नहीं बोला। सीएम के घर में उनका दाहिना हाथ माना जाने वाले बिभव कुमार ने राज्यसभा सदस्य, स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना पर ब्यान तक नहीं दिया। केजरीवाल को सामने आकर माफी मांगनी चाहिए”। वैसे आम आदमी पार्टी के लिए यह घटना चुनावों में नुकसानदेह साबित हो सकती है। इस मामले का असर ज़ाहिर तौर पर दिल्ली-हरियाणा व पंजाब में दिखेगा। प्रत्येक नेता व सरकार जो सत्ता में आती है, हमारे देश में महिला सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालती है। हमने यह भी देखा है कि समय-समय पर भारतीय सर्वोच्च न्यायालय व राज्यों के उच्च न्यायालयों ने महिलाओं सुरक्षा के लिए कड़े आदेश दिये हैं। उन्होंने इस बात पर ज़्यादा ज़ोर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को कैसे रोका जाए। पिछले तीन दशकों से मैंने महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों का खुलासा किया है। नैना साहनी का उनके पति सुशील शर्मा द्वारा ‘तंदूर मर्डर केस’, शकेरेॅ खलीली की उनके दूसरे पति, स्वामी श्रद्धानंद मिश्रा द्वारा जिंदा दफना दिए जाने के मामले; आज भी हमें परेशान करते हैं। शकेरेॅह की पहली शादी भारतीय राजनयिक अकबर खलीली, आई.एफ.एस. से हुई थी। मनु शर्मा द्वारा जेसिका लाल की हत्या, ए.के. सिंह द्वारा प्रियदर्शिनी मट्टू की निर्मम हत्या, कुछ ऐसे मामले हैं जिन्होंने देश के नागरिकों को झकझोर कर रख दिया। हालाँकि ‘ज्योति सिंह उर्फ निर्भया कांड’ के सामूहिक बलात्कार व हत्याकांड ने समाज की सामूहिक चेतना को आक्रोशित किया था। संसद द्वारा एक कानून बनाया गया है, ‘कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम -2013’। न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा ने ऐसे नियम और कानून बनाए जिनका अनुपालन हर राज्य के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा ये तथाकथित समितियाँ, महिलाओं के मुद्दों पर गौर करने के प्रति गंभीर नहीं हैं। ‘स्वाति मालीवाल ऐसॉल्ट गेट’ का घिनौना, काला राजनीतिक सत्य क्या है, इसकी सच्चई अनावृत होनी आवश्यक है। सच यही है कि चाहे, स्वाति हो या कोई अन्य महिला, इस प्रकार के भयानक अपराध, महिलाओं की सुरक्षा व उनके अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं। फ़िर बात नारी सुरक्षा और नारी के सम्मान की भी है। अब तीर बाण से निकल चुका है, और यह राजनीतिक मुद्दे के साथ, पुलिस व न्यायालय के संरक्षण में भी आ गया है। महिलाओं को राजनीत में अभी तक कठपुतलियों की तरह ही प्रयोग किया जाता है। उम्मीद है कि इस घिनौने व निंदनीय कांड का सत्य पर्दाफ़ाश होगा।