- रोहित, सूर्य, ऋषभ व हार्दिक मौजूदगी में मजबूत बल्लेबाजी है भारत की ताकत
- भारत को द. अफ्रीका के नोकिया, रबाड़ा व शम्सी से चौकस रहने की जरुरत
- अर्शदीप, बुमराह, कुलदीप व अक्षर लेंगे द. अफ्रीकी बल्लेबाजों का इम्तिहान
- मिलर को छोड़ रनों के लिए जूझते नजर आए द. अफ्रीकी बल्लेबाज
- टीम इंडिया चीफ कोच द्रविड़ को खिताब विदाई उपहार के रूप में देने को बेताब
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : कप्तान रोहित शर्मा के शुरू से आखिर तक दे दनादन के मंत्र का अनुसरण कर भारत अजेय रह सेमीफाइनल में इंग्लैंड के दंभ को तोड़ उसे 68 रन से हरा कर लगातार सातवीं जीत के साथ आईसीसी टी-20 क्रिकेट विश्व कप 2024 के रूप में अपने लगातार तीसरे आईसीसी टूर्नांमेंट के फाइनल में पहुंचा है। रोहित की अगुआई में भारत बीते बरस पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल और फिर नवंबर में लगातार दस जीत के साथ वन डे विश्व कप के फाइनल में स्थान बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया से हार कर ‘अंतिमÓ बाधा लांघने से चूक खिताब न जीतने की कसक को लगातार आठ जीत के साथ पहली बार फाइनल में पहुंचने वाली दक्षिण अफ्रीका को ब्रिजटाउन में शनिवार को हरा कर खिताब जीतने के साथ पूरी करने के मकसद से उतरेगा। कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई में टीम इंडिया अपने चीफ कोच राहुल द्रविड़ को आईसीसी टी-20 विश्व कप खिताब विदाई के उपहार के रूप मे देने को बेताब होगी। कप्तान रोहित शर्मा के पास 2007 में पहले संस्करण के चैंपियन भारत को दूसरी बार टी-20 विश्व कप खिताब जिताने और बतौर कप्तान महेंद्र सिंह के बाद यह गौरव पाने वाला देश का दूसरा कप्तान बनने का मौका है। दक्षिण अफ्रीका से अपने पिछले पांच में में तीन मैच में भारत हारा है। भारत ने बीते बरस के आखिर में तब मैन ऑफ दÓ सीरीज रहे सूर्यकुमार यादव के शतक तथा बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव के गेंद से ‘पंजेÓ से तीसरे और आखिरी टी 20 में दक्षिण अफ्रीका को हरा सीरीज एक एक से बराबर कराई थी। बल्लेबाजी व गेंदबाजी सहित हर लिहाज से संतुलित भारतीय टीम का पलड़ा फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से बेशक भारी नजर आ रहा है।
रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इंडिया के सामने टी-20 विश्व कप फाइनल के रूप पहली बार किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली और नॉकआउट मुकाबले में बड़े मंच ‘चूकने’ के तमगे से उबरने के मकसद से उतरने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम होगी। दक्षिण अफ्रीका ने फाइनल तक के अपने सफर में बेशक सेमीफाइनल सहित अब तक अपने सभी आठ मैच जीते हैं लेकिन उसमें इंग्लैंड के खिलाफ पूल बी में जैसे मैचों में तकदीर के सहारे कड़े संघर्ष ही जीते हैं। भारत के कप्तान रोहित शर्मा शुरू से प्रतिद्वंद्वी पर हावी को सात मैचों तीन अर्द्धशतक सहित मौजूदा संस्करण 41.33 की औसत से कुल 246 रन बना तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। रोहित के सलामी जोड़ीदार विराट कोहली ने भले ही सात मैचों में महज दस रन से ज्यादा की औसत से कुल 75 रन बनाए हैं लेकिन वह टीम के शुरू से ही दे दनादन के मुताबिक खेले हैं। बावजूद इसके टीम में कोई भी विराट के अंदाज पर सवाल नहीं उठा रहा है। शुरू से दे दनादन करने में जोखिम के साथ तकदीर का भी कुछ साथ चाहिए वह विराट को मौजूदा पूरे टूर्नामेंट में अब तक नहीं मिला है। वहीं रोहित को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मात्र रन पर जोफ्रा आर्चर की गेंद पर फिल साल्ट ने जो मौका दिया उसका पूरा लाभ उन्होंने अर्द्बशतक जड़ टीम के बड़े स्कोर की नींव रखी। अब तक सात मैचों में कप्तान रोहित शर्मा ने तीन, सूर्य कुमार यादव ने दो तथा उपकप्तान हार्दिक पांडया सहित भारत के छह बल्लेबाजों ने अर्द्धशतक जड़े हैं। भारत के लिए सूर्य कुमार यादव सात मैचों दो अर्द्धशतक सहित 196 रन बना दूसरे , ऋषभ पंत सात मैचों में 171रन, हार्दिक पांडया सात मैचों में एक अर्द्बशतक सहित कुल 139 और शिवम दुबे ने सात मैचों में 106 रन बनाए हैं । भारत की ताकत उसकी मजबूत बल्लेबाजी है। भारत की बल्लेबाजी किसी एक पर निर्भर नहीं है और उसके आक्रामक अंदाज में खेलने की रणनीति को उसके शीर्ष और मध्यक्रम सहित सभी ने अंजाम दिया है। दक्षिण अफ्रीका की ताकत ऑनरिक नोकिया आठ मैचों में 13 विकेट , कसिगो रबाड़ा 12 विकेट, बाएं हाथ के तबरेज शम्सी चार मैचों में 11 विकेट, आटनिल बार्टमैन 5 मैचों में छह और मार्को येनसन आठ मैचों में छह विकेट के रूप मूल रूप से तेज गेंदबाजी है। कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई में भारत शुरू में ही दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों के खिलाफ जवाबी हमला बोल उसकी धार कुंद करने की रणनीति से जरूर उतरेगा उसे नोकिया, रबाड़ा व शम्सी से चौकस रहना होगा।
दक्षिण अफ्रीका की ने भले अपने लगातार आठ मैच जीते हैं लेकिन उसकी बल्लेबाजी ज्यादा मैचों में जूझती नजर आई और उसके लिए मौजूदा संस्करण में इकलौता अर्द्बशतक डेविड मिलर ने जड़ा। मिलर ने दक्षिण अफ्रीका के लिए अब तक एक अर्द्बशतक सहित आठ मैचों कुल सबसे ज्यादा 148 रन बनाए हैं। विस्फोटक हेनरी क्लासेन (कुल 138), ट्रस्टन स्टब्ज (कुल 134 रन), कप्तान एडन मरक्रम (119) खासतौर पर जिस तरह स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए हैं उसके मद्देनजर उनके लिए मौजूदा संस्करण में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने में दूसरे नंबर पर चल रहे भारत के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह (7 मैचों 15 विकेट),, जसप्रीत बुमराह (7 मैच,13 विकेट), बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव (चार मैचों में 10 विकेट) के साथ सात -सातमैचों में आठ आठ विकेट चटकाने अक्षर पटेल और हार्दिक पांडया के रूप सबसे संतुलित गेंदबाजी आक्रमण में सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान होगा।