नई शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षण रुचिकर बने : राज्यपाल

Teaching should become interesting in the light of new education policy: Governor

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर : राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि ‘फैकल्टी डेवलपमेंट’ के अंतर्गत शिक्षण की बोझिलता को दूर करने के लिए कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में जो नवीनतम परिवर्तन हो रहे हैं, उनको सम्मिलित करते हुए नई शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षण को प्रभावी किया जाए।

श्री मिश्र शनिवार को महात्मा गांधी चिकित्सा विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय में ‘नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस’ द्वारा आयोजित ‘फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संकाय विकास कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें समय—संदर्भों से जोड़ते हुए शिक्षण को रुचिकर बनाना भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीखना और सीखाना सतत प्रक्रिया है। ऐसे कार्यक्रमों के जरिए यह प्रयास किया जाए कि शिक्षण विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि सक्षम और प्रभावी शिक्षक ही विद्यार्थियों को भविष्य की नई दिशा प्रदान कर सकता है।

श्री मिश्र ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीक का समावेश करते हुए चिकित्सा प्रशासन, शोधकर्ता की भूमिका आदि से जुड़े कौशल विकसित करने की ओर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने देश की नई शिक्षा नीति के आलोक में भी ‘फैकल्टी डेवलपमेंट’ को अद्यतन किए जाने पर जोर दिया।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा वही सार्थक है जिसमें नएपन पर जोर हो। शैक्षिक नवाचारों को जितना अधिक हम अपनाएंगे उतना ही हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के रास्ते खुलते चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञानार्जन के साथ-साथ शिक्षा जनोपयोगी तभी बनेगी, जब युगीन संदर्भों का समावेश करते हुए उसमें नवाचारों को अपनाया जाए।

इससे पहले राज्यपाल ने उपस्थितजनों को संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और मूल कर्तव्य पढ़कर सुनाए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले ‘नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस’ के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत सेठ ने इस कार्यक्रम की उपादेयता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उपाध्यक्ष डॉ. सी. मल्लिकार्जुन ने संकाय विकास के लिए राज्यवार किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बताया। उपाध्यक्ष डॉ. शिवकांत मिश्र ने सभी का आभार जताया।