दिल्ली के हृदय में हुई भयावह घटना से दिल्ली वासियों में दहशत

The horrific incident in the heart of Delhi has created panic among the people of Delhi

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

सोमवार की शाम लगभग 6:52 बजे पुरानी दिल्ली स्थित ऐतिहासिक लाल किले के पास एक तेज धमाके की आवाज़ ने माहौल को भयावह कर दिया। मिली सूचना के मुताबिक, एक धीमी गति से चलती गाड़ी रेड लाइट पर रुकी, और उसमें विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में कम-से-कम एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए है।

राजधानी में इस तरह का हमला राष्ट्रीय प्रतीक के समीप होने के कारण काफी चिंताजनक माना जा रहा है। हालांकि विस्फोट के पीछे के कारण का अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है। अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ कि यह कोई आतंकी हमला था या गाड़ी में कोई तकनीकी त्रुटि आने से ऐसा हुआ। प्रारंभिक जाँच में स्प्लिंटर वाउन्ड्स नहीं मिले हैं तथा कोई क्रेटर भी नहीं पाया गया है और इसका लक्ष्य क्या था? यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसके पीछे लाल किला या पर्यटक क्षेत्र मुख्य लक्ष्य थे या गाड़ी स्वयं लक्ष्य रही। प्रारंभिक जांच यह संकेत देती है कि गाड़ी वहां रोकी गई थी। संभव है जिसमें विस्फोटक सामग्री ट्रांसपोर्ट हो रही हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मृतकों के परिवार जनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की है और गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए है।

घटना स्थल पर गाड़ी का अचानक फटना, आसपास की गाड़ियों में आग लगना और स्थानीय नागरिकों में अफरातफरी मच जाने की भयावह घटना ने राजधानी दिल्ली के दिल में खौफ उत्पन्न कर दिया। पुलिस-प्रशासन द्वारा घटना की जाँच जारी है। गाड़ी मालिक को कस्टडी में लिया गया है और सीसीटीवी व फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच जारी है।एन आई ए और एन एस जी तथा फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ मौके पर जुट गईं है।

विस्फोट की घटना लाल किले मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास, मुख्य ट्रैफिक सिग्नल के निकट हुई। धमाका गाड़ी के अंदर हुआ माना जा रहा है, जिस पर सिग्नल के कारण गाड़ी रुकी थी।
विस्फोट के बाद तुरंत आसपास की गाड़ियों में आग लग गयी । मिली सूचना के अनुसार 6 गाड़ियों एवं 3 ऑटो-रिक्षाओं में आग लगने की रिपोर्ट है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार यह दृश्य बेहद विकट था: * मृतकों के शरीर के टुकड़े सड़क पर बिखरे हुए थे*, तथा कार की खिड़कियाँ टूट गईं ।साथ ही भारी आवाज़ से आसपास की इमारतें हिल गईं । घटना के समय आसपास बहुत-से लोग बाजार, मेट्रो स्टेशन एवं पर्यटन स्थल की ओर जा रहे थे — इससे आम नागरिकों में भय और असुरक्षा का भाव तेजी से फैल गया।

घटना के तुरंत बाद, दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया। घटना के बाद दिल्ली, उत्तर-प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में चौकसी बढ़ाई गई। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी संभावना खारिज नहीं की गई है और पूरे मामले की गहन जाँच हो रही है।

विपक्ष और विभिन्न राजनीतिक दलों ने घटना की निंदा की है और भारत सरकार से त्वरित जाँच की मांग करते हुए पीड़ितों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है तथा सुरक्षा-दायित्व एवं व्यवस्था पर प्रश्न उठाया है कि इतनी भीड़ भरी एवं संवेदनशील क्षेत्र में कैसे ऐसी घटना हुई? भविष्य में प्रदर्शन-स्थलों, पर्यटन स्थलों एवं मेट्रो मार्गों की सुरक्षा का पुनर्मूल्यांकन करना आवश्यक हो गया है। साथ ही मांग की है कि घायल व्यक्तियों, मृतकों के परिवारों और प्रभावित व्यवसायों को सरकारी एवं स्थानीय स्तर पर समय पर सहायता पहुंचाई जाए।

स्थानीय व्यवसायों, खासकर पुराने दिल्ली के बाजारों एवं पर्यटन से जुड़े कारोबार को पर इसका प्रभाव पड़ा है तथा लोग घटना स्थल से दूर भाग रहे है।

विश्लेषकों के अनुसार बिहार चुनाव के दूसरे चरण से पहले सोमवार को सायं रेड फोर्ट के समीप हुई यह विस्फोटक घटना राजधानी दिल्ली के शहरी एवं सामाजिक ताने-बाने पर गहरा असर डाल गई है। यदि यह आतंकी कारण से हुआ हो, तो यह संकेत है कि देश के भीतर सुरक्षा चुनौतियाँ पुनः सतर्कता की मांग कर रही हैं। यदि यह तकनीकी कारण से हुआ हो, तो यह बताता है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर की जाँच कितनी महत्वपूर्ण है। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि राजधानी दिल्ली में पिछले दस बारह वर्षों में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई और दिल्ली के हृदय में दहशत फैलाने वाली इस भयावह घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि राष्ट्रीय प्रतीक, सार्वजनिक स्थल तथा नागरिकों की सुरक्षा किसी भी समय खतरे में हो सकती है, और इसके लिए हर स्तर पर तैयारी, त्वरित प्रतिक्रिया एवं निरंतर निगरानी अनिवार्य है।