- बेहतर गोल से द. कोरिया और मलयेशिया फाइनल में
- भारत के लिए नीलम, मनिंदर, शेेशेगौड़ा व शक्तिवेल ने किया एक-एक गोल
- भारत का अब कांसे के लिए मुकाबला जापान से होगा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : नौजवान स्ट्राइकर उत्तम सिंह, पवन राजभर, मैन ऑफ दÓ मैच शेशेगौड़ा, शक्तिवेल मरीशवरन, आक्रामक मिडफील्डर विष्णुकांत सिंह की हॉकी की कलाकारी और अनुभवी लिंकमैन एस वी सुनील का आखिरी क्षण तक दक्षिण कोरिया के खिलाफ बनाया दबाव भी भारत को सांस रोक देने वाले बेहद रोमांचक आखिरी सुपर 4 मैच में जकार्ता में पुरुष हॉकी एशिया कप में मंगलवार को जीत नहीं दिला पाया। ड्रैग फ्लिकर नीलम संजीप खेस व स्ट्राइकर मनिंदर सिंह के पेनल्टी कॉर्नर पर तथा शेेशेगौड़ा, और मरीशवरन शक्तिवेल के मैदानी गोल से तीन बार बढ़त लेने मौजूदा चैंपियन भारत को अपने गोलरक्षक जाईहयुन किम की मुस्तैदी से दक्षिण कोरिया ने चार-चार गोल की बराबरी पर रोक अपने बेहतर गोल अंतर के चलते फाइनल की होड़ से बाहर कर दिया। दक्षिण कोरिया की ओर से उसके ड्रैग फ्लिकर जांग हयुंग जांग,ने पेनल्टी कॉर्नर पर तथा चियान जी वू, जुंग हो किम व मंजी जुंग ने एक एक गोल किया ।
भारत, दक्षिण कोरिया और मलयेशिया ने सुुपर 4 के समापन पर समान रूप से तीन-तीन मैचों से एक-एक जीत और दो-दो ड्रॉ के साथ समान रूप से पांच-पांच पाए। मलयेशिया (+५) और दक्षिण कोरिया (+२) ने सुपर 4 में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहकर बुुधवार को खेले जाने वाले फाइनल में स्थान बनाया। भारत (+१) अब कांसे के लिए जापान से भिड़ेगा। भारत की नौजवान टीम भले ही अपना खिताब बरकरार नहीं रख पाई लेकिन उत्तम सिंह, विष्णुकांत सिंह और मनिंदर जैसे भुवनेश्वर में जूनियर विश्व कप में खेलने वाली टीम के जकार्ता मे सीनियर टीम के लिए आगाज करने वाले आधा दर्जन खिलाडिय़ों ने जरूर अपनी छाप छोड़ी। भारत के कुल दर्जन भर खिलाडिय़ों ने अपने सीनियर करियर का आगाज इस एशिया कप से किया।
भारत के स्ट्राइकर पवन राजभर, उत्तम सिंह, उत्तम सिंह ,मनिंदर सिंह व शक्तिवेल के साथ शेशेगौड़ा की दक्षिण कोरिया के गोल पर हमले बोल दबाव बनाने की रणनीति कारगर रही। ड्रैग फ्लिकर नीलम संजीप खेस ने नौवे मिनट में पहले पेनल्टी पर दक्षिण कोरिया के गोलरक्षक जाईहयून किम के पैरों के बीच से गेंद को निकाल गोल कर भारत का खाता खोला। ड्रैग फ्लिकर जोंगहयुंग जांग ने चार मिनट बाद पहले पेनल्टी कॉर्नर पर बढिय़ा फ्लिक से रशर डिप्सन टिर्की को छका गोल कर दक्षिण कोरिया को एक-एक की बराबरी दिला दी। चियोन जी वू के दूसरे क्वॉर्टर के तीसरे मिनट में पहले शॉट को अपना किला बचाने पीछे आए स्ट्राइकर पवन राजभर ने रोका लेकिन वू ने रिबाउंड पर फिर गेंद को कब्जे में ले गोल कर दक्षिण कोरिया को मैच में पहली बार 2-1 से आगे कर दिया। दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर 21 वें मिनट में ड्रैग फ्लिकर डिप्सन के तेज जमीनी फ्लिक पर मनिंदर सिंह ने हॉकी लगा गेंद को गोल में डाल भारत को दो- दो की बराबरी दिला दी। उत्तम सिंह और अबारन सुदेव के बढिय़ा अभियान पर शेशेगोड़ा ने डी में पहुंच गेंद को तेज फ्लिक से गोल में डाल भारत को फिर 3-2 से आगे कर दिया। जुंग हो किम ने आगे बढ़ आए भारत के गोलरक्षक सूरज करकेरा को छका को डी उपर से तेज वाली लगा दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से दो मिनट पहले गोल कर दक्षिण कोरिया को फिर तीन-तीन की बराबरी दिला दी।
अनुभवी एस वी सुनील की अगुआई में भारत ने चौथे और आखिरी क्वॉर्टर में पूरी ताकत जीत के झोंक दी। सुनील के अभियान पर शक्तिवेल ने चौथे क्वॉर्टर के दूसरे मिनट में गोल कर भारत को 4-3 से आगे फिर उसकी जीत की आस जगाई। बदकिस्मती से भारत की रक्षापंक्ति की जरा सी गफलत का लाभ उठाकर मंजी जुंग ने मैदानी गोल कर दक्षिण कोरिया को चार-चार की बराबरी दिला। भारत ने इसके बाद तो दे दनादन दक्षिण कोरिया के गोल पर हमलों का तांता बांध दिया। अंतिम दो मिनट में मनिंदर सिंह और उत्तम सिंह के शॉट पर विडियो रेफरल पर टीवी अंपायर ने यह कह कर वह बहुत साफ देखने की स्थिति में नहीं और इसीलिए मैदानी अंपायर का फैसला कायम रहा और भारत मैच में निर्णायक गोल कर जीत से चूक गया।