यक्ष प्रश्न क्या राहुल गांधी कांग्रेस और गांधी परिवार के परंपगत गढ़ रायबरेली से किला फतह कर पायेंगे ?

The real question is, will Rahul Gandhi be able to conquer the fort from Rae Bareli, the traditional stronghold of Congress and Gandhi family?

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर पदेश में गांधी परिवार के परंपरागत गढ़ रायबरेली से शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन भरने के दौरान उनके साथ उनके परिवारजन कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे । इस नामांकन के साथ इस बार भी राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे है।

यह पहली बार है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली सीट से चुनावी मैदान में उतरे है। इससे पहले राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से चुनाव लड़ते थे और लगातार तीन बार चुनाव जीते, लेकिन पिछली बार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पराजित होने के बाद उन्होंने इस बार अपेक्षाकृत आसान और अपनी मां सोनिया गांधी की सीट से भाग्य आजमाने का विचार किया है। रायबरेली संसदीय क्षेत्र से अब तक सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 से 2024 तक लगातार बीस वर्षों तक सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया, लेकिन अब वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए सांसद निर्वाचित हो गई हैं।

राहुल गांधी दक्षिण भारत के तटवर्ती प्रदेश केरल के वायनाड से भी चुनाव मैदान में है। जहां मतदान का कार्य पूरा हो गया हैं। भारतीय जनता पार्टी ने रायबरेली सीट पर पिछले कई वर्षों से चुनाव जीतने के लिए प्रयासरत दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। दिनेश सिंह एक समय गांधी परिवार के विश्वस्त और निकटवर्ती नेता रहे है। रायबरेली में आगामी 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में वोटिंग होगी।

राजनीतिक पंडितों के अनुसार कांग्रेस ने एक सौची समझी रणनीति के तहत प्रियंका गांधी पर वरीयता देकर राहुल गांधी को रायबरेली से चुनाव दंगल में उतारा है। कांग्रेस ने उसके लिए पहले अपनी नेता सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें राजस्थान के रास्ते राज्य सभा में भेज कर यह सीट खाली कराई और उत्तर भारत विशेष कर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वजूद को बनाए रखने के लिए तथा राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें गांधी परिवार के परंपरागत गढ़ पर चुनाव लड़ाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की मंशा है कि यदि राहुल गांधी अपने परिवार की इस सुरक्षित सीट पर चुनाव जीत जाते है तो वे केरल की वायनाड सीट छोड़ सकते है और फिर वहां से उनकी बहन को उप चुनाव जीता कर कांग्रेस उत्तर और दक्षिण भारत की राजनीति में संतुलन बनाने का प्रयास करेंगी।

किसी जमाने में अविभाजित उत्तर प्रदेश की 85 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का प्रभुत्व रहता था और उत्तर प्रदेश ने देश को कांग्रेस के प्रधानमंत्री सहित कई दिग्गज नेता दिए। लेकिन कालांतर में कांग्रेस में गुटबाजी, समाजवादी और बसपा सहित अन्य क्षेत्रीय दलों का उदय, बावरी मस्जिद के ढहने और भाजपा की ताकत बढ़ने,भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने तथा राम मंदिर जैसे मुद्दों ने कांग्रेस के जनाधार को घटा कर रायबरेली और अमेठी जैसी सीटों पर सिमटा दिया। राहुल गांधी के अमेठी से पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस संगठन और अधिक दयनीय हालत में पहुंच गया । भाजपा ने नए नेतृत्व के रूप में नरेन्द्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने और धार्मिक नगरी बनारस काशी से सांसद का चुनाव लडने तथा योगी आदित्य नाथ जैसे फायर ब्रांड नेता के मुख्यमंत्री बनने से उत्तर प्रदेश में ऐसी राजनीतिक आंधी चली कि कई बरगद जैसे व्यक्तित्व वाले नेता भी धराशायी होकर अपना जनाधार गंवा बैठे।

ऐसे हालात में कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी को रायबरेली की परंपरागत सीट से चुनाव लडा कर अपनी इज्जत बचाने का उपक्रम करने में जुटी हुई है।

रायबरेली के साथ अपने परिवार के सात दशकों के पुराने रिश्तों का वास्ता देते हुए राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि, “रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था। मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है. अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे ख़ुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे. अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं. मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।”

इधर भाजपा ने राहुल गांधी को रायबरेली में भी घेरने का प्लान बना लिया है। राहुल गांधी को घेरने के लिए भाजपा उसी रणनीति का इस्तेमाल करेगी, जिसके सहारे उन्हें अमेठी में हराया था।

अब यक्ष प्रश्न यह है कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस और गांधी परिवार के परंपगत गढ़ रायबरेली से चुनावी किला फतह कर पायेंगे?