संदीप ठाकुर
दाे साल बाद कोरोना के साए से मुक्ति के माहौल में भारत देश अपना 74
वां गणतंत्र दिवस मनाएगा लेकिन दिल्ली व कांग्रेस शासित राज्यों की झांकी
इस साल राजपथ पर नहीं दिखेगी।
देश की राजधानी दिल्ली समेत देशभर में गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी
अंतिम चरण पर है।
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी न किसी देश से चीफ गेस्ट आते है।
बिगत दो साल से कोरोना महामारी के चलते चीफ गेस्ट के तौर पर कोई कर्तव्य
पथ पर निकलने वाली परेड का गवाह नहीं बना है। लेकिन इस बार मिस्र के
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी बतौर मुख्य अतिथि समारोह में शामिल
होंगे। 74 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब मिस्र का कोई नेता
भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट बनेगा।
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार कुल
16 राज्यों और विभिन्न मंत्रालयों की झांकी निकलेगी। 2022 में कुल 12
राज्यों ने अपनी अपनी झांकी पेश की थी। जो राज्य इस बार झांकी ले कर आ
रहे हैं उनमें आंध्र प्रदेश,अरुणाचल प्रदेश, असम,दादर-नागर-दमन
द्वीप,गुजरात,हरियाणा,जम्मू कश्मीर,झारखंड,केरल,लद्दाख,महाराष्ट्र,
तमिलनाडू,त्रिपुरा,यूपी,.उत्तराखंड, और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इनमें से
एक भी राज्य कांग्रेस शासित प्रदेश नहीं है। हालांकि परेड में इस बार
कर्नाटक व मध्यप्रदेश की झांकी भी नहीं सजाई जायेगी। ऐसा 13 वर्षों में
पहली बार होने जा रहा है जब कर्नाटक गणतंत्र दिवस के अवसर पर झांकी
प्रदर्शित नहीं करेगा। मालूम हाे कि कर्नाटक व एमपी दाेनाें भाजपा शासित
राज्य हैं। इन राज्य के सूत्रों ने बताया कि पार्टी आलाकमान के निर्देश
पर यह फैसला लिया गया है। मालूम हाे कि इन दोनों राज्यों में भाजपा चुनाव
हार गई थी। बाद में जोड़ तोड़ कर सरकार बनाई गई।
जहां तक दिल्ली की बात है ताे दिल्ली सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव
को रक्षा मंत्रालय की सिलेक्शन कमिटी ने खारिज कर दिया है। पिछले साल भी
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली को मौका नहीं मिल पाया था। हालांकि, इससे पहले
2021 में जरूरी राजपथ पर दिल्ली की झांकी नजर आई थी। उस साल चांदनी चौक
(शाहजहांनाबाद) में किए गए री-डेवलपमेंट की थीम पर आधारित झांकी निकाली
गई थी। मगर अब लगातार दूसरे साल दिल्ली को मौका नहीं मिल पाया। सूत्रों
से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के संस्कृति विभाग के तहत आने
वाले साहित्य कला परिषद की ओर से पिछले साल अक्टूबर में ही गणतंत्र दिवस
समारोह के लिए ‘उम्मीदों का दिल्ली शहर’ थीम पर झांकी तैयार करने का
प्रस्ताव भेज दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि पहले और दूसरे राउंड तक
दिल्ली की झांकी रेस में बनी हुई थी, लेकिन फाइनल राउंड में रक्षा
मंत्रालय की सिलेक्शन कमिटी ने दिल्ली के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की झांकी सबसे खास होगी। बताया गया है
कि इस बार अयोध्या दीपोत्सव उत्तर प्रदेश की झांकी का विषय होगा। तीन साल
में यह दूसरी बार है, जब परेड में यूपी की थीम का विषय अयोध्या है। यूपी
की झांकी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 में हमारी अयोध्या की
झांकी थी। जो राम मंदिर केंद्रित थी। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
को भी दर्शाया गया था। उन्होंने बताया कि इस झांकी को दर्शकों के बीच
अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली थी। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से
यूपी की झांकी प्रथम पुरस्कार जीत रही है। उन्होंने कहा कि यूपी आरडी
परेड में पहले से तीसरा पुरस्कार जीतने वाला पहला राज्य है।अयोध्या का
भव्य और अनोखा दीपोत्सव राम राज्य के दिव्य संदेश को दुनिया और बड़े
पैमाने पर मानवता तक पहुंचाने का एक प्रयास है। इस झांकी में भगवान राम
के पारिवारिक गुरु ऋषि वशिष्ठ की एक बड़ी मूर्ति को सामने के हिस्से में
रखा जाएगा। एक दीपक की बड़ी आकृति भी होगी। जो अज्ञानता के अंत और ज्ञान
के प्रकाश का प्रतीक है। झांकी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ऋषि
वशिष्ठ को भारतीय संस्कृति और ज्ञान की परंपरा के ध्वजवाहक के रूप में
पेश किया जाता है। भगवान राम के आगमन पर उनके स्वागत के लिए अयोध्या नगरी
को दीपों से सजाया गया था। भगवान राम के छोटे भाई भरत समेत परिवार के
अन्य लोग भी साथ में होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि झांकी के दोनों ओर राम की पैड़ी, सरयू घाट आदि पर
पिछले छह साल से प्रतिवर्ष मनाए जा रहे दीपोत्सव को दर्शाया जाएगा।