
अशोक भाटिया
भारतीय सेना ने कश्मीर के पहलगाम में प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने गए 26 पर्यटकों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करके जवाबी कार्रवाई की, उन्हें सीधे उनके धर्म के बारे में पूछकर मार डाला। 22 अप्रैल के पहलगाम नरसंहार ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था ।यह एक समाज-सम्मत न भूलने वाली घटना है । शायद जब तक इसका पूरा बदला पूरा न हो जाये यह घटना लोगों के दिलों दिमाग पर छाई रहेगी । 6 और 7 मई की आधी रात के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकी कैंपों पर हमला बोला। मिसाइलों ने भी सटीक बात की और पाकिस्तान के होश उड़ गए। पाकिस्तान को पूरी तरह से पता था कि भारतीय सेना की ओर से हमला होने वाला है। भारत कब और कैसे हमला करेगा और हमले का निशाना क्या होगा, इस बारे में भारत ने अंत तक गोपनीयता बनाए रखी थी, लेकिन 7 मई की सुबह जब पाकिस्तान पर हमला करने वाले भारतीय विमानों के दृश्य टीवी स्क्रीन पर दिखाई देने लगे तो देश में खुशी की लहर दौड़ गई। भारत माता की जय, मोदी जी को बधाई जैसे पोस्ट आ रहे थे। देश भर में भावना थी कि भारत पाकिस्तान को सबक सिखाने में सक्षम है क्योंकि देश के पास मोदी जैसा मजबूत नेतृत्व है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मोदी वही करेंगे जो लोग चाहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पहलगाम नरसंहार में आतंकवादी ‘चुन चुन कर मर्द’ होंगे। पहलगाम की घटना के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर भारत लौट आए। विपक्ष के कुछ नेताओं ने उनके नहीं जाने को लेकर उनकी आलोचना की थी। लेकिन बिहार के मधुबनी में बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘आतंकवादियों को ऐसी कठोर सजा दी जाएगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि जो भी हिंदुओं को निशाना बनाएगा उसका क्या होगा।
भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। इसने पीओके के मुजफ्फराबाद में सेना के प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमलों के आतंकवादियों ने यहां प्रशिक्षण लिया। कोटली, भिंबर, सियालकोट, मुरीदके, बहावलपुर में जहां-जहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है, वहां भारतीय वायुसेना ने हमला कर उन सेंटर्स को तबाह कर दिया। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में 24 मिसाइलें दागीं। पूरी दुनिया जानती थी कि ऐसा होने वाला है। दुनिया जानती थी कि जब मोदी देश का नेतृत्व कर रहे थे तो भारत पहलगाम नरसंहार के बाद चुप नहीं बैठेगा। पुलवामा नरसंहार के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान को सबक सिखाया था, लेकिन उसके बाद भी पाकिस्तान ने भारत पर आतंकी हमले जारी रखे। इसलिए भारतीय सेना और वायु सेना के लिए ऐसा समझौता करना आवश्यक था जो पाकिस्तान को कमजोर बनाए। भारतीय वायु सेना की दो महिला अधिकारियों, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने नई दिल्ली में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया और दुनिया को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विवरण दिया। उन्होंने खुद स्वीकार किया कि भारतीय हवाई हमले में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उसके चार करीबी सहयोगी मारे गए थे। यह दिया गया है। भारत के मोस्ट वांटेड मसूद अजहर के परिवार में मारे गए सभी लोगों के नामों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है। भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया था कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देते समय नागरिकों को कोई चोट न आए। भारत ने कहीं भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं किया। आतंकवादी ठिकाने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का लक्ष्य थे। माना जाता है कि नौ हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय वायु सेना ने भी एक पाकिस्तानी लड़ाकू जेट को मार गिराने में सफलता हासिल की है। माना जा रहा है कि इसे खत्म कर दिया गया होगा। भारत ने नौ ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे। पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी अफवाहें उड़ी हुई हैं कि भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट करने के बावजूद भारतीय वायुसेना ने तीन भारतीय विमानों को मार गिराया। लेकिन पाकिस्तान ऐसा कोई सबूत दुनिया के सामने पेश नहीं कर पाया है।
अब भारत के हमले में आतंकियों के मारे जाने से तिलमिलाया पाकिस्तान अब भारत को जवाबी कार्रवाई की गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को परमाणु युद्ध की बात शुरू कर दी है। भारत के सफलतापूर्वक हमले के बाद आसिफ ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच गतिरोध लंबा चला तो परमाणु युद्ध की संभावना से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज पर एक साक्षात्कार में जब ख्वाजा आसिफ से हमले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत में केवल सैन्य ठिकानों पर हमला करेगा।अब सुना जा रहा है कि उन्होंने कहा है कि अगर भारत और हमले नहीं करता है तो पाकिस्तान तनाव कम करने के लिए तैयार है। उसी मास्टर ने दो दिन पहले ही भारत को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दी थी। इसलिए युद्ध में जाने की संभावना बहुत धूमिल है। भारत की हड़ताल ने आतंकवादियों को स्पष्ट चेतावनी दी है – भारत अब अपनी धरती पर आतंकवादी कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगा! दूसरी ओर, भारतीय नागरिकों ने अपनी सरकार द्वारा दृढ़ रुख अपनाया है। यकीन मानें तो भारतीय सशस्त्र बलों का उत्साह बढ़ता है ! सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अमेरिका, फ्रांस, इजरायल जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ-साथ यूरोपीय संघ ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है। लेकिन इसने भारत के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाया है। चीन, पाकिस्तान का सदाबहार सहयोगी, अपेक्षाकृत सतर्क दृष्टिकोण रखता है, लेकिन उस देश ने भारत विरोधी सीधा रुख नहीं अपनाया है। चीन को भू-राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान की जरूरत है, लेकिन वह अपने व्यापारिक हितों को देखते हुए सीधे भारत के खिलाफ नहीं जा सकता है। ये अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं एक तरह से भारत के बढ़ते प्रभाव का संकेत हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी नीति बदलेगा। दशकों से, पाकिस्तान ने कई आतंकवादी समूहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन प्रदान किया है। कुछ दिनों पहले ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रसिद्ध आतंकवादी संगठनों के नेता पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं। उपस्थिति के दृश्य समाचार चैनलों पर दिखाई दिए हैं। इस पृष्ठभूमि में, यह मानना भोलापन होगा कि पाकिस्तान वैश्विक दबाव , आर्थिक प्रतिबंधों और राजनयिक अलगाव को बढ़ाए बिना आतंकवाद को प्रायोजित करने की अपनी नीति को बदल देगा। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध कुछ आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने से समाप्त नहीं होगा।यह सामाजिक और आर्थिक भी है। आतंकवाद के राक्षस से रक्षा के लिए उचित सीमा प्रबंधन, खुफिया जानकारी का अधिक कुशल उपयोग, आतंकवादियों के वित्तीय संसाधनों पर अंकुश लगाने, व्यथित युवाओं के पुनर्वास आदि जैसे दीर्घकालिक उपायों की भी आवश्यकता है। भारत शांति का समर्थक है, लेकिन अगर संप्रभुता को चुनौती दी जाती है, तो यह सही समय पर, सही जगह पर जवाब देगा। भारत की ताजा कार्रवाई ने निश्चित रूप से आतंकवादियों और पाकिस्तानी शासकों और सेना को एक स्पष्ट संदेश भेजा है!
गौरतलब है कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर भारत के हमले को मोदी ने खुद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया था। ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा डिजाइन किया गया था, लेकिन यह पूरी निगरानी में था। इससे पहले कभी भी एक भयानक नरसंहार नहीं हुआ था जहां महिलाओं को उनकी आंखों के सामने आतंकवादियों द्वारा गोली मार दी गई थी। यह पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों पर एक बड़ा हमला था। पहलगाम हमले में उनके पति को महिलाओं के सामने मार दिया गया था। आतंकवादियों ने महिलाओं के कुंकुओं का सफाया कर दिया। इसलिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने विधवा महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश की। महिलाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।’ऑपरेशन सिंदूर’ ने उरी, पठानकोट, पुलवामा, पहलगाम का बदला लिया है, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है। रिटायर्ड आर्मी चीफ जनरल मनोज नरवणे के शब्दों में कहें तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की कार्रवाई की सिर्फ केवल झांकी है आंधी अभी बाकी है !
अशोक भाटिया, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक एवं टिप्पणीकार