पर्यटन, पर्यटक और सुरक्षा

Tourism, tourists and security

ओम प्रकाश उनियाल

पर्यटन हर देश की आर्थिकी में विशेष महत्व रखता है। इसके अलावा पर्यटन से कई तरह के रोजगार के अवसर खुलते हैं। इससे चलने वाले रोजगार की लंबी कड़ी है, जो कि एक-दूसरे को जोड़े हुए रहते हैं। पर्यटन का क्षेत्र आज इतना विस्तृत हो चुका है कि इसका जितना विस्तार होता जाएगा उतना ही दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करेगा। पर्यटन विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे कि घरेलू पर्यटन, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन, साहसिक पर्यटन, संस्कृति पर्यटन, और धार्मिक पर्यटन। वैसे तो पर्यटन का सीधा अर्थ घूमने से होता है लेकिन इससे कुछ न कुछ नया सीखने, देखने को मिलता है। पर्यटन एक देश-प्रदेश से दूसरे देश-प्रदेश के बीच संस्कृति, बोली-भाषा, रहन-सहन, खानपान, लोककला आदि का समन्वय कर परिचय कराता है।

पर्यटन का मुख्य आधार है पर्यटक। पर्यटक जहां भी जाता है वह वहां का अतिथि होता है। पर्यटक चाहता भी यही है कि जहां वह जा रहा है उसको वहां सारी सुविधाएं उपलब्ध हों, उसके साथ अच्छा व्यवहार हो। ताकि, वह अपनी यात्रा के पल सुकून से गुजार सके। साथ ही खट्टे-मीठे अनुभव का भरपूर आनंद उठा सके।

सुरक्षा पर्यटक के लिए खासा महत्व रखती है। जहां पर्यटक की सुरक्षा का ध्यान ही नहीं रखा जाता हो वहां पर्यटक जाना भी पसंद नहीं करता। जैसाकि, हाल ही में भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के पहलगाम में पर्यटकों के साथ जो बर्बरतापूर्ण घटना घटी उससे अब वहां जाने से पर्यटक भय खाने लगे हैं। आतंकवादियों द्वारा बेगुनाह पर्यटकों को गोलियों से भून दिया गया। पर्यटन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था न होना अपने आप में बहुत बड़ी चूक है। सुरक्षा-तंत्र को दूर-दूर तक इस बात की भनक तक ही नहीं लग पाना कई सवाल खड़े करता है। छुटपुट घटनाएं तो न जाने कितनी होती हैं पर्यटकों के साथ। इससे सुरक्षा के दावों पर सवालिया निशान भी लगते हैं। पर्यटक जहां भी जाएं सजग जरूर रहें। उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्धता लगती है या खतरे की संभावना लगती है तो आपस में या फिर अपने आसपास किसी भी तरह सूचित करें जिससे कोई न कोई पुलिस तक सूचना पहुंचा सके। खुद की जागरूकता से अपना भी बचाव संभव हो सकता है और औरों को भी बचाया जा सकता है।