
रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के विधि संकाय की ओर से भारत में दहेज निषेध कानूनों के सामाजिक प्रभावः विकसित भारत @2047 की ओर एक कदम पर दो दिनी नेशनल कॉन्फ्रेंस का शंखनाद होगा। कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बरेली-मुरादाबाद परिक्षेत्र के सदस्य डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त बतौर मुख्य अतिथि, जबकि महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली में फैकल्टी ऑफ लीगल स्टडीज के डीन प्रो. अमित सिंह बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करेंगे। कॉन्फ्रेंस में दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, कोलकाता, भोपाल, हैदराबाद आदि के प्रख्यात अधिवक्ता, शिक्षक, शोधार्थी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवम् विधि के छात्र भाग लेंगे। सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों में शोधार्थी अपने शोधपत्रों के माध्यम से दहेज निषेध कानूनों की व्यावहारिकता, न्यायिक व्याख्या और सामाजिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
टीएमयू विधि संकाय के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह कॉन्फ्रेंस केवल कानूनी शिक्षा पर मंथन ही नहीं करेगी, बल्कि यह समाज में दहेज प्रथा सरीखी सामाजिक बुराइयों के प्रति कानूनी जागरूकता फैलाने और इसके निराकरण के लिए प्रभावी विधिक उपायों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी। यह कॉन्फ्रेंस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(3) के तहत महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और दहेज प्रथा के उन्मूलन हेतु किए गए विधिक प्रयासों की समीक्षा करेगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस की अंतिम तैयारियों में प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार, विभागाध्यक्ष डॉ. अमित वर्मा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. सुषीम शुक्ला, डॉ. माधव शर्मा, डॉ. नम्रता जैन के संग-संग विधि संकाय के छात्र-छात्राएं जुटे हैं।