- स्ट्राइकर मनदीप, ललित व अभिषेक व ड्रैग फ्लिकर हरमन व वरुण भारत की ताकत
- भारत को द. कोरिया के ड्रैग फ्लिक र जोंग की मजबूत चौकसी करनी होगी
- भारत के रशर अमित रोहिदास और मनप्रीत सिंह की भूमिका खासी अहम
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और स्ट्राइकर मनप्रीत सिंह दो-दो हैट्रिक सहित समान रूप से 11-11 गोल कर अनुकरणीय प्रदर्शन कर भारत की पुरुष हॉकी टीम को सभी पांचों पूल ए मैच जिता शीर्ष रह हांगजू(चीन) में चल रहे एशियाई खेलों में उसके अब तक सेमीफाइनल के सफर प्रदर्शन के हीरो साबित हुए हैं। निरंतर सधा प्रदर्शन करने वाले तीन बार के चैंपियन भारत के सामने अब बुधवार को पहले सेमीफाइनल में उतार चढ़ाव के बाद पूल बी में चार मैच जीत दूसरे स्थान रह जवाबी हमलों में यकीन करने वाली दक्षिण कोरिया की टीम होगी। चौथी बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने की आस में उतरने वाली भारत और दक्षिण कोरिया टीमों के बीच बेहद रोमांचक सेमीफाइनल की मुकाबले की उम्मीद है। दुनिया की तीसरे नंबर की टीम भारत हर लिहाज से बेहद संतुलित है और उसका पलड़ा बेशक दक्षिण कोरिया के खिलाफ भारी है लेकिन वह उसे हल्के में लेने की भूल नहीं कर सकती। भारत की ताकत मनदीप, ललित, अभिषेक जैसे स्ट्राइकरों के साथ कप्तान हरमनप्रीत, वरुण व अमित रोहिदास जैसे ड्रैग फ्लिकर हैं। भारत ने अपने पांचों मैच जीत कर अब तक कुल 58 गोल किए हैं उसके खिलाफ मात्र पांचगोल हुए हैं। वहीं दक्षिण कोरिया पांच में से चार मैच जीते हैं और कुल 42 गोल किए हैं लेकिन आठ गोल खाए हैं। यह दोनों टीमों की ताकत खुद बयां कर देता है।
भारत के लिए उत्साहवद्र्धक बात यह है कि उसने चेन्नै में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में ‘बूढ़े शेरों की फौज’ दक्षिण कोरिया से अपना पूल मैच ३-2 से जीता था। भारत और दक्षिण कोरिया अब तक एशियाई खेलों में अब तक कुल 12 बार भिड़े हैं। इनमें भारत ने अब तक दक्षिण कोरिया के खिलाफ सात बार जीत हासिल की और मात्र दो बार हारा जबकि तीन बार मुकाबला ड्रॉ रहा। भारत के लिए उत्साहवद्र्धक बात यह है कि उसने पिछले दोनों एशियाई खेलों में दक्षिण कोरिया पर जीत दर्ज की है।
दरअसल जवाबी हमलों यकीन करने वाली दक्षिण कोरिया के लिए उसके सबसे बुजुर्ग डै्रग फ्लिक ा 39 बरस के जोंग हयुन जुंग(17 गोल) नाम यंग ली पर सबसे ज्यादा निर्र्भर है। दक्षिण कोरिया की टीम मेजबान चीन से आखिरी मिनट में लगातार तीन गोल खाकर 2-3 से हारने के बाद पिछली उपविजेता मलयेशिया के खिलाफ शुरू में दो बार पिछडऩे के बाद उस पर 4-3 और फिर आखिर मैच में ओमान करे 16-2 से बड़े अंतर से हरा पूल बी में दूसरा स्थान पक्का किया है। दक्षिण कोरिया गोल करने के लिए मुख्य रूप से आपने ड्रैग फ्लिकर जोंग हयुन जुंग के साथ जी हयुन यांग (छह गोल) पर निर्भर है और ऐसे में भारत के दोनों ‘रशर’ अमित रोहिदास, सबसे अनुभवी मनप्रीत सिंह व नौजवान सेंटर हाफ विवेक सागर प्रसाद को पूरी मुस्तैदी से हयुन जुंग के पेनल्टी कॉर्नर को बीच में ही रोकना होगा। भारत के सदाबहार गोलरक्षक पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर को अनुभवी कप्तान हरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, सुमित, वरुण कुमार के साथ दक्षिण कोरिया के हमले के वक्त पीछे अपनी रक्षापंक्ति की मदद करनी होगी। मध्यपंक्ति में, विवेक सागर प्रसाद और नीलकांत शर्मा को भी पूरी तरह चौकस रहना होगा। भारत को कोशिश करनी होगी कि वह दक्षिण कोरिया को पेनल्टी कॉर्नर कम से कम दें। भारत को दक्षिण कोरिया के लंबे स्कूप और ‘एरियल पास’ का अपने सभी पूल मैचों की तरह बहुत चतुराई से इस्तेमाल करना होगा।
भारतीय टीम अपने दक्षिण अफ्रीकी चीफ कोच क्रेग फुल्टन के इस गुरुमंत्र को आत्मसात कर खेल रही है कि हर मैच नई चुनौती है। कोई भी मैच आसान नहीं होता है। इसी का नतीजा है कि भारत की अग्रिम पंक्ति में स्ट्राइकर मनदीप सिंह , ललित उपाध्याय (पांच गोल) , नौजवान अभिषेक( सात गोल )सुखजीत (2 गोल) ,गुरजंट (2 गोल) परस्पर तालमेल से खेलने के साथ खुद गोल करने के साथ बराबर पेनल्टी कॉर्नर पर बना रहे है। सोने पर सुहागा यह है कि दुनिया के सबसे बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर अपने कप्तान हरमनप्रीत सिंह की संगत में नौजवान ड्रैग फ्लिकर वरुण कुमार (8 गोल) और अमित रोहिदास(2) ने भी पेनल्टी कार्नर पर उनकी तरह ड्रैग फ्लिक से गोल करने की कूवत दिखाई ही है रिबाउंड पर ‘पोचर’ के रूप में मनदीप सिंह और सुखजीत सिंह के साथ लिंकमैन के रूप में शमशेर (3 गोल) ने दर्शाया है कि उन्हें गोल के अभियान बनाने के साथ गोल करना भी खूब आता है। भारत के लिए सबसे बढिय़ा बात यह है कि अकेले जर्मनप्रीत सिंह और दोनों गोलरक्षक पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक को छोड़ कर उसके 15 अलग-अलग खिलाडिय़ों ने अब इन एशियाई खेलों में गोल कि ए हैं।
द. कोरिया के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा: हरमनप्रीत सिंह
भारत 2018 में जकार्ता एशियाई खेलों में भी अपने पूल में शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में पहुंचा लेकिन आखिरी मिनटंं की गलती से मलयेशिया ने दो दो बराबरी पर मजबूर होने के बाद शूटआउट में 6-7 से हार कर खिताब की होड़ से बाहर हो गया था। इस बाबत भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘ हमने हंगजू एशियाई खेलों का दमदार ढंग से आगाज कर अपने सभी पूल मैच जीते हैं। इससें अब इन खेलों के आखिरी चरण के लिए हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। हम पूरी तरह चौकस हैं किसी भी प्रतिद्वंद्वी को हल्के में नहीं लेंगे। हम दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में सकारात्मक सोच के साथ उतरेंगे। हम खुद को अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जरूरत के मुताबिक ढालने के लिए तैयार हैं। इस तरह के लंबे टूर्नामेंट में मैदान और उससे बाहर सही फैसले लेना बेहद जरूरी हे। हम दक्षिण कोरिया की ताकत से वाकिफ और अपने किले की मजबूत चौकसी करने की क्षमता से वाकिफ हैं ।दक्षिण कोरिया ने अब तक इन खेलों को शानदार प्रदर्शन किया है और हम एशियाई खेलों में उनके रिकॉर्ड से वाकिफ हैं। हम जानते हैं कि हमें दक्षिण कोरिया के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा जिससे कि वे हमें मैदान पर चौंका न सकें।’
द. कोरिया के खिलाफ मजबूती से किले की चौकसी करनी होगी : फुल्टन
भारत के चीफ कोच क्रेग फुल्टन ने कहा, ‘ दक्षिण कोरिया हमारे लिए अब तक मजबूत प्रतिद्वंद्वी साबित हुआ है और हमें ही उसके खिलाफ खेलने ये यह अंदाज हो गया है वह हमें क्या चुनौती पेश कर सकता है। हम जानते हैं कि दक्षिण कोरिया का रक्षण बहुत मजबूत है ही उनके जवाबी हमले बहुत खतरनाक हैं। जब हमारे पास गेंद न हो तो हमे बतौर टीम उसके खिलाफ अपने किले की मजबूती से चौकसी करनी होगी। आज नए जमाने की हॉकी में पूरी पिच पर तेजी से दौड़ उसे मापने की जरूरत होती है। दक्षिण कोरिया के खिलाफ बुुधवार को दोपहर में खेले जाने वाले इस सेमीफाइनल में हमारे खिलाडिय़ों की फिटनेस का इम्तिहान होगा। हमारे लिए दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में खुद को अच्छी स्थिति में पहुंचाने के लिए जल्दी गोल करने होंगे। साथ ही हमें यह कोशिश करने होगी दक्षिण कोरिया सहज स्थिति में न रहे।’
पहला सेमीफाइनल : भारत वि. द. कोरिया (दोपहर बाद डेढ़ बजे से)