- हम बल्लेबाजी करते हुए नियमित 250-260रन तक पहुंचना चाहते हैं
- यह सीरीज वरुण के लिए बेंचमार्क थी,क्योंकि इंग्लैंड वाकई एक उत्कृष्ट टीम है
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के चीफ कोच गौतम गंभीर ने अपने खिलाड़ियों की ज्यादा जोखिम अपनाने की सोच की सराहना की और इससे सोच का इनाम उनकी टीम को इंग्लैंड रविवार से मुबई में पांचवां और आिखरी टी 20 अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 150 रन के ब़ड़े अंतर से जीत के साथ सीरीज 4-1 से जीतने के रूप में इनाम मिला। चीफ कोच गंभीर कहते हैं कि भारतीय बल्लेबाजों के हार का डर अपने मन से निकाल कर बेखौफ होकर खेलने का इनाम सीरीज में बड़ी जीत के रूप में मिला। सूर्य कुमार अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम सीरीज के पुणे और मुबई में खेले गए अंतिम दोनों टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में बेखौफ होकर खेली और इसी का इनाम उसे इन दोनो में जीत के साथ सीरीज पर कब्जा करने के रूप में मिला। भारत ने पुणे में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज साकिब महमूद के पहले पारी और पारी के दूसरे ओवर में शुरू में 12 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद हार्दिक पांडया और शिवम दुबे के अर्द्धशतकों से और मुंबई में अभिषेक शर्मा के तूफानी शतक से अंतिम टी 20 अतर्राष्ट्रीय मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए , नौ विकेट पर 247 का पहाड़ स्कोर बनाने के बाद इंग्लैड को सस्ते में समेट कर जीता।
भारत के चीफ कोच गौतम गंभीर ने कहा, ‘ हम हार का डर दिल से निकाल बड़ा जोखिम, बड़ा इनाम के अंदाज की क्रिकेट खेलना चाहते हैं। हमारी टीम के लड़कों ने खुद को इस सोच और नीति के मुताबिक ढाल लिया है। मेरा मानना है कि हमारी मौजूदा भारतीय टी 20 टीम की सोच है बेखौफ और नि:स्वार्थ क्रिकेट खेलने की है। मेरा मानना है कि बीत छह महीनो मे हमारे टीम के लड़के बेखौफ और नि:स्वार्थ होकर खेले हैं। हम बल्लेबाजी करते हुए नियमित 250-260रन तक पहुंचना चाहते हैं। बेशक ऐसा करने की कोशिश में ऐसे भी मैच आएंगे जिसमें हम महज 120-130 रन मे सिमट जाएं। यही टी 20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का मिजाज है। जब तक बड़ा जोखिम उठा कर नहीं नहीं खेलेगे तब तक आपको बड़े इनाम भी नहीं मिलेंगे। सबसे अहम बात यह है कि हम सही राह पर हैं। हम अगले बड़े टूर्नामेंटो में भी इस हार के डर को दरकिनार कर इसी आक्रामक अंदाज में खेलना जारी रखना चाहते है।’
सबसे ज्यादा 14 विकेट चटका मैन ऑफ द’सीरीज अपने मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती की बाबत भारत के चीफ कोच गंभीर ने कहा, ‘ वरुण का आईपीएल से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सफर शानदार रहा। यह सीरीज वरुण के लिए इस लिहाज से भी बेंचमार्क थी क्योंकि इंग्लैंड वाकई एक उत्कृष्ट टीम है। इंग्लैंड की टीम में कई उत्कृष्ट क्रिकेटर हैं और हम जिस तरह की पिचों पर हम खेले वह बल्लेबाजी के लिए बहुत मुफीद थी और इन पर वरुण ने जिस तरह मुश्किल ओवर डाले वह वाकई गजब का रहा। जहां तक हमारे इस पांच टी 20 मैचों की सीरीज में स्पिनरों पर पूरी तरह भरोसा कर केवल एक खालिस तेज गेंदबाज के साथ उतरने का ताल्लुक है तो इस बाबत यह बताना चाहूंगा कि टीम प्रबंधन टीम की बल्लेबाजी ताकत से समझौता किए बिना ही वरुण को बतौर स्पिनर रवि बिश्नोई के जोड़ीदार के रूप उतार बीच के ओवरों में विकेट निकालने का ज्यादा मौका देना चाहता था
हम अपनी अति आक्रामक शैली से पीछे नहीं हटेंगे : सूर्य कुमार यादव
भारत के टी 20 कप्तान सूर्य कुमार यादव भी ने भी टीम के कोच की टिप्पणी से इत्तफाक जताते हुए कहा, ‘ हम अपनी अति आक्रामक शैली से पीछे नहीं हटेंगे। मेरे कहने का मतलब यही है कि हमने आपस में मिल बैठ कर इस बारे में बात की है कि किस ब्रांड कि क्रिकेट खेलना चाहते हैं और चाहे कुछ भी हो जाए इस बात पर काबिज हैं। हमारी क्रिकेट खेलने की शैली बड़ा जोखिम, बड़ा इनाम की है। आखिर हम अंतत: वही रणनीति अपनाएंगे जो हमारे लिए कारगर रहेगी। मैं मुंबई में अंतिम टी 20 में वरुण की फील्डिंग से बहुत प्रभावित हुआ जहां उन्होंने बाउंड्री पर हैरी ब्रुक के कैच से दो गजब के कैच लपके। मेरे कहने का मतलब यह है कि वरुण उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने फील्डिंग कोच टी दिलीप के साथ बहुत मेहनत की। जब भी वरुण को मौका मिलता है वह उसका अभ्यास सत्र में पूरा लाभ उठाते हैं। मुझे वरुण के खुद का खुद आउटफील्ड में फील्डिंग करने के लिए कहना बहुत अच्छा लगा और आपने रविवार को इसका नतीजा भी देखा। वरुण और बिश्नोई की बतौर स्पिन जोड़ी की खासतौर पर बीच के ओवरों में जुगलबंदी बहुत अहम रही। हम यह जानते हैं कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी कितनी मजबूत है और शुरू के छह ओवर में उसके बल्लेबाज कितने ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं। सातवे से 15 वें ओवर अहम गेंदबाजी के लिहाज अहम है और क्या हम बीच के ओवरों में दो विकेट चटकाने वाले विकल्प हैं। हम जिस तरह की क्रिकेट खेल रहे हैं उसके मद्देनजर ज्यादा अहम यह है कि हम आठवें नंबर पर बल्लेबाज चाहते हैं भले ही वह बहुत ज्यादा गेंद न खेले। हमारी कोशिश दे दनादन बल्लेबाजी की है। कई बार आठवें पर भी बल्लेबाज की मौजूदगी शीर्ष सात बल्लेबाज पूरी तरह खेल सकते हैं। भारत के कप्तान सूर्य कुमार यादव ने कहा, ‘ मैदान पर खेलने उतर कर जरूरत सहज होकर खेलने की है और आपका मन जिस गेंदबाजी से गेंद कराने को कहे उसे गेंद सौंप दें।‘
अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की, पर अभी भी और बेहतर की गुंजाइश : वरुण चक्रवर्ती
मैन ऑफ द’ सीरीज रहे भारत के मिस्ट्री स्पिनर रहे वरुण चक्रवर्ती ने कहा,‘ मैंने मौजूदा टी 20 अंतराष्ट्रीय सीरीज में अब तक की अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की, पर अभी भी और बेहतर करने की गुंजाइश है। मैं खुश हूं कि मेरी फील्डिंग के सराहा गया। हमारी भारतीय टीम का जोर फील्डिंग का स्तर सुधारने पर है। मै टीम इंडिया के फील्डिंग कोच दलीप के साथ फील्डिंग बेहतर करने पर मेहनत कर रहा था। मैंने कुछ ढीली गेंदबाजी की, जो कि मुझे नहीं करनी चाहिए थी। जरूरी है समय पर, सही गेंदबाजी करना और मैं इसी पर मेहनत कर रहा था। मैं कप्तान सूर्य और कोच गंभीर का मुझे समर्थन करने के लिए आभार जताता हूं।‘
मेरा भारत के लिए यह शतक खास : अभिषेक शर्मा
मैन ऑफ द‘ मैच भारत के अभिषेक शर्मा ने कहा, ‘ मेरा भारत के लिए यह शतक खास है। यह वाकई एक खास अहसास है। जब मैं यह देखता हूं कि रविवार मेरा दिन और मैंने पहले ही गेंद से प्रहार करने की सोची। हमारी टीम के कोच और कप्तान चाहते मैं पूरे दिल से आक्रामक अंदाज में खेलूं। जब प्रतिद्वंद्वी गेंदबाज 140 -150 किलोमीटर रफ्तार से गेंदबाजी कर रहा हूं तो आपको इसलिए कुछ जल्द से तैयार रहना पड़ता है। ऐसे में मुझे गेंद को देख कर उसी के मुताबिक स्ट्रोक खेलने के लिए तैयार करना पड़ता है। जब आप आर्चर जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाज की गेंद पर कवर में प्रहार करते हैं और यह वाकई बहुत सुखद था लेकिन मुझे आदिल रशीद के खिलाफ शॉट खेल कर बहुत मजा आया। मेरे मेंटर युवराज सिंह भी मेरे शतक से खुश होना चाहिए। युवराज मुझे 15 से 20 वें ओवर में भी बल्लेबाजी करते देखना चहते हैं और मैंने इसकी ही कोशिश की।मैंने ऐसे आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने के लिए इस सीजन से पहले बहुत मेहनत की और जब मैंने नतीजे दिखे तो सोचा की मुझे खुद को इस तरह आक्रामक अंदाज में अपने स्ट्रोक खेलने के लिए भरोसा करना चाहिए। ब्रायन लारा ने मुझसे एक बात कही थी कि आप अपने शॉट जरूर खेलें लेकिन यह पक्का करें कि अपना विकेट न गंवाए और मेरे जेहन में उनकी कही यही बात चल रही थी । मुझे इससे मदद मिली और इसे मुझे पहली और दूसरी गेंद पर शॉट लगाने में मदद मिली। जब आप युवा होते हैं तो तब आप बहुत ज्यादा सोचते नहीं है लेकिन मैंने ऐसा किया। मैंने ऐसा महसूस किया कि मैं मन के मुताबिक खुल कर खेल सकता हूं और टीम की मदद कर सकता हूं। जब आप बढ़िया करते हैं तो आपको टीम का समर्थन मिलता है।ऐसे में मैंने सोचा जब दिन मेरा है तो तब मुझे इसी तरह खेलना चाहिए चाहे मैं पंजाब के लिए खेलूं या अपनी फ्रेंचाइजी टीम के लिए। जब यह शतक भारत के लिए खेलते हुए बने तो यह वाकई खास और बड़ा क्षण है। मैंने महसूस किया कि मुझमें क्षमता है और मुझे अपनी चमक दिखानी होगी। उतार चढ़ाव आते हैं, लेकिन आपको अपनी खेल शैली की बाबत मालूम होना चाहिए।‘