भय बिनु प्रीत ना हो, गुसाई…. !!

What is the matter of dispute between Punjab and Haryana?

ये नया भारत है और पहलगाम का बदला हर हालत में लिया जायेगा

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को भारत से भयभीत होना ही चाहिए । उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरितमानस में लिखा है भय बिनु ना हो प्रीत.. गोसाई … पहलगाम में आतंकी घटना पर शेखावत ने कहा कि ये नया भारत है और पहलगाम का बदला हर हालत में लिया जायेगा

शेखावत ने अपने एक बयान में कहा कि मुझे लगता है कि जब भारत ने उरी और पुलवामाके बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर संदेश दिया था किभारत की भूमि और बाहर से हमारे विरुद्ध चलने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, उसके बाद पिछले पांच-छह साल से कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हो पाई थी। भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम भी है,समर्थ भी है, सशक्तभी है और स्वतंत्र भी है।

शनिवार को जोधपुर में पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भय के माहौल से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि अब एक बार फिर ऐसी कायराना हरकत की गई है। शेखावत ने कहा कि ये नया भारत है।पहलगाम की घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात का खुले में इजहार कर चुके हैं।

पाकिस्तान के नेताओं के गौरी-गजनवी मिसाइल और एटम बम की धमकी देने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि गौरी-गजनवी पहले भी थी।गौरी-गजनवी तो भारत में आकर अनेक बार चोट खाकर गए थे,जब हमने एयर स्ट्राइक की थीतब भी गौरी-गजनवी मिसाइल थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज से हजार साल पहले भी हमारे पूर्वजों ने इनको ठीक सबक सिखाया था, एक बार फिर गौरी-गजनवी को हमारी अग्नि और ब्रह्मोस प्रतिकूल जवाब देंगी।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि दुनिया के देश, जिन्होंने आतंकवाद का दर्द और दंश झेला है, इस समय भारत के साथ में खड़े हैं। विश्व इस बात को स्वीकार कर रहा है कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में पलित पोषित और सिंचित होरही हैं। अमेरिका ही नहीं,दुनिया के सभी देश पूरी ताकत के साथ भारत के साथ खड़े हैं, लेकिन मैं ये कहूंगा कि कोई खड़ा हो या न हो, भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम भी है, समर्थ भी है,सशक्त भी है और स्वतंत्र भी है।

सिंधु जल संधि निलंबित करने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि पिछले सभी युद्धों के समय भी हमने सिंधु जल संधि की पवित्रता पर आंच नहीं आने दी थी,लेकिन प्रधानमंत्री जी का स्पष्ट कहना है कि अब समय आ गया है,जब रक्त और पानी, दोनों एक साथ नहीं बहेंगे। आजादी के 75 साल बाद हमको इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि किस दबाव में,क्यों भारत के हितों के साथ, भारत के किसानों के हितों के साथ भारत के लोगों के हितों के साथ समझौता करते हुए इस संधि को किया गया था। उन्होंने कहा कि संधि निलंबित होने से पाकिस्तान में बौखलाहट स्वाभाविक है। अब ये घबराहट बनी रहेगी, सिंधु का जल राजस्थान तक लाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि यही भारत के हित में होगा। हालांकि,इस पर जल्दबाजी की मुझे लगता है कि न तो आवश्यकता है और न ही उसका समय है।

जाति जनगणना और महिला आरक्षण के सवाल पर शेखावत ने कहा कि आजादी के बाद जिस तरह से देश में परिवर्तन हुआ,देश विकसित हुआनिश्चित रूप से इस समय में एक नए सिरे से इसकी समीक्षा करने की आवश्यकता है।