राजस्थान के मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लोकसभा चुनाव लडेंगे?

Will Rajasthan's mimicry artist Shyam Rangeela contest the Lok Sabha elections against Prime Minister Narendra Modi?

  • लोकसभा के चुनाव परिणाम राजस्थान में भाजपा नेताओं के राजनीतिक भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगे

गोपेंद्र नाथ भट्ट

खबर है कि कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल करके सुर्खियां बटोरने वाले राजस्थान के मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला अब प्रधानमंत्री मोदी के सामने लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। रंगीला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वे पीएम नरेंद्र मोदी के सामने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि वे 6 मई को अपना नामांकन भरने वाराणसी जाएंगे। श्याम रंगीला आम आदमी पार्टी (आप) से संबंध रखते है। उन्होंने पिछले साल राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी।

पिछले लोकसभा चुनाव में बनारस (वाराणसी) से आम आदमी पार्टी के सुप्रीमों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लडा था लेकिन उन्हें वहां दो लाख से कुछ ज्यादा वोट ही मिल पाए थे।

श्याम रंगीला ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल करने के अलावा आगे चलकर खुद को एक कॉमेडियन के तौर पर भी स्थापित किया। अब रंगीला ने प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपनी मंशा जाहिर की है। सोमवार को श्याम रंगीला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर यह पोस्ट किया। शुरुआत में लगा कि यह मजाक है, लेकिन जब श्याम रंगीला से बात की गई तो उन्होंने चुनाव लड़ने के अपने फैसले की पुष्टि की।

उन्होंने यह भी बताया कि वे लोकतंत्र की रक्षा और लोगों के वोट देने के अधिकार को बरकरार रखने के लिए गुजरात के सूरत और मध्य प्रदेश के इंदौर की तरह नामांकन वापस लेकर किसी को भी वॉक ओवर का अवसर नहीं देंगे।

इधर लोकसभा के चुनाव परिणाम राजस्थान में भाजपा नेताओं के राजनीतिक भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगे। यह चुनाव परिणाम न केवल भाजपा प्रत्याशियों का भविष्य तय करेगा वरन इन परिणामों से भजनलाल सरकार के मंत्रियों का भविष्य भी लिखा जाएगा। प्रदेश में लोकसभा सीटों के लिए नियुक्त भजनलाल शर्मा मंत्रिपरिषद के प्रभारी मंत्रियों का राज्य की लोकसभा की 25 सीटों पर आने वाला चुनाव परिणाम से ही मंत्रियों का संगठन के लिहाज से रिपोर्ट कार्ड तय होगा। साथ ही प्रदेश के भाजपा पदाधिकारियों की भूमिका की समीक्षा भी होगी।

प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर संपन्न हो चुके मतदान के बाद अब सभी को चुनाव परिणामों के इंतजार को लेकर बेचैनी है। यह बैचेनी अगले एक माह तक यानी आगामी चार जून तक बनी रहेगी। भाजपा का दावा है कि वह इस बार भी राजस्थान की सभी 25 सीटों पर विजय पताका लहरा कर हैट्रिक लगायेगी। वहीं कांग्रेस और सहयोगी दलों का दावा है कि वे इस बार प्रदेश में अपनी जीत का खाता खोलने में सफल होंगे।

सट्टा बाजार और राजनीतिक जानकारों के आंकलन के अनुसार भारतीय जनता पार्टी इस बार भी राजस्थान में चुनावी सफलता पाएंगी लेकिन इस बार सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत को लेकर थोड़ी शंकाए है । इसका कारण राजनीतिक हलकों में चल रही यह चर्चा है कि लोकसभा के आम चुनाव की घोषणा के समय मुकाबले में खड़ी नही दिख रही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने चुनाव के चरमोत्कर्ष तक पहुंचते-पहुंचते राजस्थान के रण को बराबरी के दंगल में बदल दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रदेश की कम से कम एक दर्जन लोकसभा सीटों पर अंतिम समय में चुनाव रोचक एवं संघर्षपूर्ण हो गया। उसमें भी आधा दर्जन सीटों बाड़मेर, चूरू, झुंझुनू , दौसा, करौली-धौलपुर और बांसवाड़ा डूंगरपुर के चुनाव परिणामों को लेकर भाजपा की उम्मीदों पर धुंध जमी हुई है। इसी प्रकार इस बार जोधपुर, कोटा, अजमेर एवं टोंक-सवाई माधोपुर , श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ और जयपुर ग्रामीण सीटों पर भी कड़ी टक्कर बताई जा रही है। हालांकि इन सीटों पर भाजपा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की दो सीटों जालौर-सिरोही तथा नागौर के बारे में भी कोई सटीक अंदाज नहीं लगा पा रहा है। लेकिन जयपुर शहर, बीकानेर, अलवर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़,भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, पाली, झालावाड़ आदि सीटों परभाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंत्री परिषद के मंत्रियों को सभी 25 लोकसभा सीटों पर प्रभारी मंत्री की अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। उसमें अजमेर लोकसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, कोटा लोकसभा क्षेत्र में उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ लोकसभा क्षेत्र में सुमित गोदारा, बीकानेर लोकसभा सीट पर गजेंद्र सिंह खींवसर, चूरू में अविनाश गहलोत, सीकर में गौतम कुमार दक,जयपुर ग्रामीण में डा किरोड़ी लाल मीणा, जयपुर शहर में जोगाराम पटेल,अलवर में सुरेश रावत,भरतपुर में संजय शर्मा,करौली धौलपुर में मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म,दौसा में राज्यवर्धन राठौड़,टोंक-सवाईमाधोपुर में मदन दिलावर,नागौर में कन्हैयालाल चौधरी, पाली में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, जोधपुर में विजय सिंह चौधरी, बाड़मेर में जोराराम कुमावत, जालौर-सिरोही में के के बिश्नोई, उदयपुर में हेमंत मीणा, बांसवाड़ा-डूंगरपुर में बाबूलाल खराड़ी,चित्तौड़गढ़ में झाबर सिंह खर्रा, राजसमंद में मंत्री मंजू बाघमार भीलवाड़ा में हीरालाल नागर और झालावाड़-बारां सीट पर ओटाराम देवासी प्रभारी मंत्री बनाए गए । ऐसे में चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान मंत्रियों ने अपने प्रभार वाली लोकसभा सीट पर जमकर मेहनत की एवं पसीना भी बहाया । जिन्होंने ऐसा नहीं किया और केवल शक्ल दिखाने के लिए काम किया संगठन स्टार पर उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट जांची जायेगी। हालांकि मंत्री इस बात को बखूबी समझते हैं कि लोकसभा चुनाव परिणाम का प्रभाव आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल के फेरबदल में देखा जा सकता है। क्योंकि यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर मंत्रियों के प्रमोशन और डिमोशन तय होंगे। कई मंत्रियों की अपने प्रभार वाली सीटों के अलावा दूसरी सीटों पर भी सांख दाव पर लगी हुई है। प्रदेश के कद्दावर मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा की प्रभार वाली जयपुर ग्रामीण सीट के साथ-साथ दौसा और टोंक सवाई माधोपुर के कारण भी सांख दाव पर लगी हुई है। इसी तरह केबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को बीकानेर के साथ ही नागौर और जोधपुर का भी प्रभार दिया गया था। उप मुख्यमत्री दीया कुमारी ने अजमेर के साथ सत्य अपने पुराने संसदीय क्षेत्र राजसमंद का भी प्रभार देखा। वे प्रदेश की अन्य सीटों पर भी बतौर स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार के लिए पहुंची। भजनलाल शर्मा मंत्री परिषद में जगह नहीं बना सके बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और तिजारा से विधायक बाबा बालक नाथ को झुंझुनू सीट पर दी गई चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी बहुत चुनौती भरी रही। पार्टी संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों को भी राज्य की अलग-अलग लोकसभा सीटों का जिम्मा दिया गया था। इनमें प्रमुख थे पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी , पूर्व केंद्रीय मंत्री सी आर चौधरी, विधायक जितेंद्र गोठवाल, पूर्व सांसद संतोष अहलावत । प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों में ज्योति मिर्धा का भाग्य नागौर और दामोदर अग्रवाल की किस्मत भीलवाड़ा में भाजपा उम्मीदवार के रूप में जुड़ी हुई है।

राजस्थान की विभिन्न लोकसभा सीटों पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (कोटा),चार केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर), भूपेंद्र यादव (अलवर),अर्जुन राम मेघवाल (बीकानेर) और कैलाश चौधरी (बाड़मेर) के साथ ही दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत (जालौर सिरोही) एवं वसुंधरा राजे के पुत्र चार बार के निवर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह (झालावाड़ बारां) के अलावा भाजपा के दस निवर्तमान सांसद चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे है। इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी भीलवाड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार है।

देखना है इन सभी दिग्गजों को 18 वीं लोकसभा में बैठने के लिए इस बार नई दिल्ली की टिकट मिलेगी अथवा नहीं?