क्या नई मोदी सरकार का पहला टारगेट पीओके पर कब्जा होगा?

Will the first target of the new Modi government be capture of PoK?

लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारकों ने प्रचार के दौरान बार बार कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर पाकिस्तान अधिकृत कशमीर को मुक्त कराया जाएगा। क्या ऐसा संभाव की सरकार बनती लग रही है।ऐसे पर भाजपा इस मुद्दे पर कया करेगी?संभव हो पाएगा।

अशोक मधुप

देश का मिजाज और एग्जिट पोल की तस्वीर बता रही है कि लोकसभा चुनाव-2024 के लिए भी ‘नरेंद्र मोदी’ को फिर प्रचंड जनादेश मिल रहा है। तीसरी बार भी देश के प्रधानमंत्री के पद को नरेंद्र मोदी सुशोभित करेंगे। इस चुनाव में कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘नरेंद्र मोदी’ के खिलाफ इंडी अलायंस का गला फाडकर चिल्लाना कोई करिश्मा नही कर सका। इंडी अलायंस औंधे मुंह धड़ाम हो गया है। पूरे चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी इंडी गठबंधन का निशाना रहे । इंडी अलायंस ने गला फाड़− फाड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए।देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दे भी उठाए।किंतु जनता का रूझान कहता है कि उसने इन सब को नकार दिया। प्रधानमंत्री का अबकि बार चार सौ सीट का दावा भले ही पूरा न हो किंतु ये निश्चित है कि केंद्र में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है।

इस बार सरकार के सामने भले की आंतरिक मुद्दा भ्रष्टाचार से निपटना हो किंतु इस बार भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की भी परीक्षा होगी। अलग तरह की चुनौती उसके सामने होगी।इस चुनाव में भाजपा के नेताओं ने देश भक्ति को धार देने का प्रयास किया।प्रचार के दौरान पाकिस्तान अधिकृत कशमीर को मुक्त कराने का मुद्दा बार− बार उभारा गया।

चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिपहसालार कहते घूमते रहे हैं कि सरकार बनी तो पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत का कब्जा होगा। शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता हरियाणा के रोहतक में व्यापारियों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में कहा कि कि आने वाले दो-तीन साल में किसी भी क्षण पाक अधिकृत कश्मीर भारत में शामिल हो सकता है। विदेश मंत्री जयशंकर ने भी एक बयान में पीओके को लेकर भारत के दावे को दोहराया था। चार अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने कहा था, हम कभी भी ये स्वीकार नहीं करेंगे कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है। सेरामपुर पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद अशांत कश्मीर में शांति लौट आई है, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर “अब आजादी के नारों और विरोध प्रदर्शनों से गूंज रहा है।”उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कश्मीर में शांति लौट आई है। लेकिन अब हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विरोध प्रदर्शन देख रहे हैं। पहले यहां आजादी के नारे लगते थे, अब वही नारे पीओके में लगते हैं। पहले यहां पत्थर फेंके जाते थे, अब पीओके में पत्थर फेंके जाते हैं।”उन्होनें कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे ।

योगी आदित्यनाथ तो सबसे आगे बढ़ गए। उन्होंने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज उसके लिए पीओके को भी बचाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद मोदी जी को तीसरे कार्यकाल पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज पाकिस्तान के लिए पीओके को भी बचाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने दीजिए, अगले छह महीने के अंदर ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ भारत का हिस्सा होगा।अब तक भारत विदेशों में बैठे भारत के आंतकियों की मौत पर चुप्पी साधे था।अपने पर आरोप लगने पर भारत का कहना था कि इनमें उसका हाथ नही है, किंतु योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ब्रिटेन के एक बड़े समाचार पत्र ने लिखा कि पाकिस्तान के अंदर पिछले तीन वर्ष के अंदर जितने बड़े दुर्दांत आतंकवादी थे, वे एक-एक करके मारे गए। मारने वालों में भारत की एजेंसी का हाथ है।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “भई अब जो हमारे दुश्मन है, हम उसकी पूजा थोड़ी करेंगे। कोई हमारे लोगों को मारेगा तो हम उसको पूजेंगे नहीं भई, हम भी वो ही करेंगे जिसका वो हकदार है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हमें 400 सीट इसलिए चाहिए ताकि पीओके ले सकें। हिमंता बिस्वा सरमा ने दिल्ली में प्रचार करते हुए कहा कि कांग्रेस पूछती है कि 400 सीट क्यों चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस का शासन था तब हमें बताया गया था कि एक तरह से कश्मीर भारत में भी है पाकिस्तान में भी है। हमारी संसद में कभी इसकी चर्चा नहीं होती थी कि जो कश्मीर पाकिस्तान के साथ है वह पाक अधिकृत कश्मीर है। वहां लोग भारत का तिरंगा हाथ में लेकर आंदोलन कर रहे है पाकिस्तान के खिलाफ। उन्होंने कहा कि यह शुरुआत है। मोदी जी को 400 सीट मिलेगी तो पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का ही हो जाएगा और इसका आगाज हो चुका है।इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं कि जिस तरह से कश्मीर में शांति लौटी है और आर्थिक प्रगति हो रही है, पीओके के लोग खुद ये मांग करेंगे कि उन्हें भारत में विलय कर लिया जाए। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भी कहा कि पीओके भारत का अंग था है और हमेशा रहेगा।

भाजपा के सिपहसालार की पाक अधिकृत कश्मीर पर चुनाव प्रचार के दौरान कब्जे की बात करते रहे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर चुप्पी साधे रखी।किंतु कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर, और जम्मू −कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के ये कहा कि भाजपायी पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जे की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान ने चूड़ी नही पहन रखी। पाकिस्तान के पास एटम बम है। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर चुप्पी साधे थे।किंतु पाकिस्तान ने चूडी नही पहन रखीं, पर उन्होंने जरूर कहा कि कांग्रेसी और कुछ विपक्षी नेता कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ी नही पहन रखीं तो उसे पहना दी जाएंगी। प्रधानमंत्री के इस कथन से साफ होता है कि उनके सिपहसालारों के पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जे की घोषणा उनकी अपनी नही है। यह कहीं केंद्रीय नेतृत्व में पक रहा है और सरकार बनने पर वह इस पर कार्रवाई कर सकता है।

भारत के दावे को पाकिस्तान के कार्ट की हाल की इस कार्रवाई से और बल मिला है।इसमें पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) एक विदेशी क्षेत्र है। मशहूर कश्मीरी कवि अहमद फरहाद शाह के अपहरण मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पाकिस्तानी सरकार ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है। मशहूर कश्मीरी कवि और पत्रकार अहमद फरहाद शाह के अपहरण मामले में पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल की ओर से शुक्रवार को यह कबूलनामा सामने आया ।इस्लामाबाद की अदालत में अहमद फरहाद शाह के मामले की सुनवाई हो रही है। शाह का 15 मई को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने रावलपिंडी स्थित उनके घर से अपहरण कर लिया था। उनकी पत्नी ने इस संबंध में याचिका दायर की थी।इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी ने कवि की पत्नी की याचिका पर फरहाद शाह को अदालत में पेश करने का आदेश दिया।पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस पर पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने जस्टिस कयानी की अदालत में दलील दी कि कवि फरहाद शाह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट के सामने पेश नहीं किया जा सका।एआईआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस कयानी ने जवाब दिया कि यदि पीओके एक विदेशी क्षेत्र है, तो पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी रेंजर्स उस जमीन में कैसे घुस गए?सुनवाई के दौरान जस्टिस कयानी ने लोगों के जबरन अपहरण की प्रथा जारी रखने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की आलोचना की।कवि और पत्रकार अहमद फरहाद शाह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और वहां के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं। उन्हें उस पाकिस्तान आर्मी की कड़ी आलोचना के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई बार पीओके में कई सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व किया और उनमें भाग लिया।

चार जून को परिणाम आ जांएगे ।जैसी की एकजिट पोल के दावें हैं कि केंद्र में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बन जाएगी।इसके बाद देखना है कि चुनाव के दौरान पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत के कब्जे की घोषणा के लिए नई सरकार क्या करती है या केवल गाल बजाकर भाजपा के सिपहसालारों ने पाकिस्तान को फालतू में चौकन्ना कर दिया।वह पाक अधिकृत कश्मीर में अब चीन की मदद से ऐसे बंकर बना रहा है, जहां बम या मिजाइल का असर नही हो सकता।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है)